नई दिल्ली। केंद्र सरकार (Central Government) ने किसानों (Farmers) को राहत देने के लिए बड़ा एलान किया है। कैबिनेट की बैठक के बाद आपातकालीन क्रेडिट लाइन गारंटी योजना (Emergency Creditline Guarantee Scheme) परिव्यय को 50,000 करोड़ रुपये बढ़ाकर 5 लाख करोड़ रुपये किया।
इस बात की जानकारी केन्द्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री (I&B Minister) अनुराग ठाकुर ने दी है। उन्होंने कहा कि कैबिनेट ने तीन लाख रुपये तक के अल्पकालिक कृषि ऋण पर 1.5 प्रतिशत की ब्याज छूट को भी मंजूरी दे दी है।
कैबिनेट के फैसलों की जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि, ‘हम किसानों को पहले दिन से प्राथमिकता दे रहे हैं। किसानों को क्रेडिट कार्ड पर छोटी अवधि के लिए तीन लाख रुपये का कर्ज मिलता है। इस पर सात फीसदी की दर से ब्याज चुकाना होता है। अगर किसान सही समय पर इसका भुगतान करते हैं तो उन्हें तीन फीसदी की छूट मिलती है। यानी किसानों को मात्र चार फीसदी की दर से ही ब्याज देना होता है।’
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि छोटी-बड़ी और क्षेत्रीय-ग्रामीण जैसी अलग-अलग बैंकों की तरफ से किसानों को यह सुविधा मिलती है। मई 2020 में बैंकों को सरकार की ओर से दो फीसदी छूट की मदद मिलना बंद कर दी गई थी क्योंकि तब ब्याज दरें कम थीं।
रेपो रेट बढ़ने का किसानों के लोन पर असर नहीं
अब आरबीआई ने दो बार रेपो रेट में बढ़ोतरी की है। किसानों पर ब्याज दर का ज्यादा बोझ न पड़े या फिर जो बैंक किसानों को सात फीसदी की ब्याज दर से कर्ज देते हैं, उन पर बोझ न पड़े, इसके लिए सरकार ने यह फैसला किया है कि वह ब्याज दर में डेढ़ फीसदी की सहायता करेगी। यह मदद वित्त वर्ष 2022-23 से 2024-25 तक रहेगी। किसानों को पहले की तरह सात फीसदी की दर से कर्ज मिलता रहेगा।