संसद के शीतकालीन सत्र में दो वित्त विधेयक पेश कर सकती है केंद्र सरकार

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नई दिल्ली। मोदी सरकार संसद के शीतकालीन सत्र में वित्तीय क्षेत्र से जुड़े दो महत्वपूर्ण विधेयक ला सकती है। इनकी घोषणा बजट में हुई थी। इनमें से एक विधेयक सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के निजीकरण को सुगमता से पूरा करने से संबंधित है। इसके अलावा सरकार राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली न्यास (एनपीएस) को पेंशन कोष नियामक एवं विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) से अलग करने के लिए पीएफआरडीए, अधिनियम, 2013 में संशोधन का विधेयक भी ला सकती है। इससे पेंशन का दायरा व्यापक हो सकेगा।

बैंकिंग नियमन विधेयक
सूत्रों ने बताया कि संसद के आगामी शीतकालीन सत्र में सरकार बैंकिंग नियमन अधिनियम, 1949 में संशोधन संबंधी विधेयक ला सकती है। इसके अलावा बैंकों के निजीकरण के लिए बैंकिंग कंपनीज (अधिग्रहण और उपक्रमों का स्थानांतरण) अधिनियम, 1970 और बैंकिंग कंपनीज (अधिग्रहण एवं उपक्रमों का स्थानांतरण) अधिनियम, 1980 में संशोधन करने की जरूरत होगी।

अगले महीने है शीत सत्र
सूत्रों ने बताया कि इन कानूनों के जरिये दो चरणों में बैंकों का राष्ट्रीयकरण किया गया था। अब बैंकों के निजीकरण के लिए इन कानूनों के प्रावधानों में बदलाव करने की जरूरत होगी। संसद का एक माह का शीतकालीन सत्र अगले महीने के आखिर में शुरू होने की उम्मीद है। इस सत्र में अनुदान की अनुपूरक मांगों की दूसरी किस्त को भी रखा जाएगा। वित्त विधेयक के अलावा सरकार इसके जरिये अतिरिक्त खर्च कर सकती है।

विनिवेश का लक्ष्य
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2021-22 का बजट पेश करते समय सरकार के 1.75 लाख करोड़ रुपये के विनिवेश लक्ष्य के लिए सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के निजीकरण की घोषणा की थी। उन्होंने कहा था कि हमारा आईडीबीआई बैंक के अलावा दो अन्य सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के निजीकरण का प्रस्ताव है।

संसद की मंजूरी मिली
साधारण बीमा कंपनी के निजीकरण के लिए सरकार को अगस्त, 2021 में समाप्त हुए मानसून सत्र में साधारण बीमा कारोबार (राष्ट्रीयकरण) संशोधन विधेयक, 2021 के जरिये संसद की मंजूरी मिल चुकी है। सूत्रों ने बताया कि पीएफआरडीए कानून में संशोधन के बाद एनपीएस ट्रस्ट के अधिकार, कामकाज और दायित्व संभवत: परमार्थ न्यास या कंपनी कानून के तहत आ जाएंगे।