जयपुर। प्रशासन शहरों के संग अभियान के तहत राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार ने एक बड़ा निर्णय किया है। सरकार अब उन कॉलोनियों का भी नियमन (रेगुलाइजेशन) कर सकेगी, जिनमें नियमानुसार फैसेलिटी एरिया (सुविधा क्षेत्र- पार्क, सड़क और पानी की टंकी) की जमीन नहीं छोड़ी है।
इसका सबसे ज्यादा फायदा कॉलोनी डेवलपर्स को होगा। ऐसी कॉलोनियों का पहले नियमन नहीं होता था, लेकिन अब कॉलोनी का नियमन भी होगा। जिनके मकान फैसेलिटी एरिया की जमीन पर बने हैं, उनके भी पट्टे दिए जाएंगे। इसके बदले लिया जाने वाला एक्स्ट्रा फीस (फैसेलिटी सेस) भी भूखंडधारियों से वसूला जाएगा।
अभी उन्ही कॉलोनियों का नियमन होता है, जिनमें कुल जमीन का 40 फीसदी (जो कॉलोनियां 17 जून 1999 के बाद बसी हैं) सुविधा क्षेत्र के लिए रखनी पड़ती है। 60 फीसदी जमीन सैलेबल (जो मकान, दुकान बनाने के लिए बेची जाती हैं) होती हैं। जो कॉलोनी 17 जून 1999 से पहले की बसी है, उनमें सुविधा क्षेत्र जमीन 30 फीसदी छोड़ने का नियम है।