नई दिल्ली। पेट्रोल (Petrol) और डीजल (Diesel) की महंगाई से उपभोक्ताओं को राहत मिल सकती है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) की अगुवाई में शुक्रवार को जीएसटी काउंसिल (GST Council) की बैठक हो रही है जिसमें पेट्रोलियम पदार्थों को जीएसटी (GST) में शामिल करने की संभावना पर विचार होगा। अगर ऐसा होता है तो इससे पेट्रोल-डीजल की कीमतों में भारी बदलाव देखने को मिल सकता है।
ब्लूमबर्ग ने सूत्रों के हवाले से यह खबर दी है। हालांकि यह मुद्दा सार्वजनिक किए गए बैठक के एजेंडे में शामिल नहीं है। कोर्ट ने सरकार को इस मुद्दे पर विचार करने को कहा था। वित्त मंत्रालय ने इस पर तत्काल कोई टिप्पणी नहीं की। जीएसटी सिस्टम में किसी भी बदलाव के लिए तीन-चौथाई सदस्यों की सहमति जरूरी है। जीएसटी काउंसिल में सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के प्रतिनिधि शामिल हैं। कई राज्यों ने पेट्रोल-डीजल को जीएसटी में शामिल करने का विरोध किया है। उनका कहना है कि इससे राजस्व जुटाने का एक अहम जरिया केंद्र सरकार के पास चला जाएगा।
पेट्रोल 100 रुपये के ऊपर
अभी अलग-अलग राज्यों में पेट्रोल-डीजल पर टैक्स की दर अलग-अलग है। अगर पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में लाया जाता है तो पूरे देश में इस पर समान टैक्स लगेगा। इससे पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कमी आएगी। हाल के महीनों में इनकी कीमत रेकॉर्ड पर पहुंच गई है। देश के कई शहरों में पेट्रोल 100 रुपये प्रति लीटर के ऊपर पहुंच गया है जबकि डीजल की कीमत 90 रुपये प्रति लीटर के आसपास है।
जीएसटी काउंसिल की 45वीं बैठक 17 सितंबर को लखनऊ में होनी है। यह देश में कोरोना महामारी के प्रकोप के बाद काउंसिल की पहली फिजिकल मीटिंग है। इस बैठक में कई अहम मुद्दों पर विचार किया जा सकता है। इससे पिछली बैठक 12 जून को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई थी। इसमें कोविड-19 महामारी के खिलाफ जंग में अहम कई आइटम्स पर जीएसटी रेट्स में कटौती करने का फैसला किया गया था। शुक्रवार की बैठक में इस छूट को और 3 महीने के लिए बढ़ाया जा सकता है।