सोशल मीडिया पर सख्ती, ट्विटर की कानूनी सुरक्षा खत्म

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नई दिल्ली। भारत सरकार ने ट्विटर को आखिरी चेतावनी दी लेकिन उसके बाद भी ट्विटर ने अपना रवैया नहीं बदला। उसके बाद भारत सरकार ने ट्विटर से कानूनी सुरक्षा वापस ले ली है।

फर्जी न्यूज को अपने प्लेटफॉर्म पर रोकने से नाकाम रहने पर उत्तर प्रदेश सरकार ने माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर पर एफआईआर दर्ज की है। देश में ऐसा पहली बार हुआ है जब किसी सोशल मीडिया कंपनी पर किसी राज्य ने FIR की है। भारत सरकार के नए आईटी नियमों को ट्विटर ने काफी हल्के में लिया और आखिरी तारीख खत्म होने के बाद भी नियमों को अपने प्लेटफॉर्म पर लागू नहीं किया।

आईटी एक्ट की धारा 79 के तहत कंपनियों को मिलती है सुरक्षा
केवल ट्विटर ही नहीं बल्कि फेसबुक, गूगल और व्हाट्सएप जैसे तमाम कंपनियों को भारत में आईटी एक्ट की धारा 79 के अंतर्गत कानूनी सुरक्षा मिलती है जो कि अब ट्विटर के लिए खत्म हो गई है। आईटी नियम 2021 के नियम 7 के मुताबिक यदि कोई कंपनी भारतीय आईटी एक्ट के नियमों का पालन नहीं करती है तो उससे कानूनी सुरक्षा छिन ली जाती है।

ट्विटर का विवाद
हाल ही में ट्विटर ने दिल्ली हाई कोर्ट में बताया था कि उसने आईटी एक्ट 2021 को लागू कर लिया है, जबकि सरकार का कहना था कि उसने आईटी एक्ट को लागू नहीं किया है और नोडल ऑफिसर की जानकारी सरकार को नहीं दी है।

5 जून को भारत सरकार ने ट्विटर इंडिया को आखिरी नोटिस भेजा जिसमें तत्काल प्रभाव से एक स्थानीय शिकायत अधिकारी और एक नोडल संपर्क व्यक्ति को नियुक्त करने और उसकी जानकारी सरकार के साथ साझा करने की बात कही गई। 15 जून को ट्विटर ने नए आईटी नियमों के तहत अंतरिम मुख्य अनुपालन अधिकारी नियुक्त करने  की जानकारी सरकार को दी।

16 जून को नए आईटी नियमों का समय पर पालन ना करने के कारण भारत सरकार ने ट्विटर से कानूनी सुरक्षा हटा ली। इसका मतलब यह है कि अब यदि ट्विटर पर किसी यूजर की ओर से कोई गैरकानूनी या भड़काऊ पोस्ट की जाती है तो उस संबंध में भारत में कंपनी के प्रबंध निदेशक समेत शीर्ष अधिकारियों से अब पुलिस पूछताछ कर सकेगी।

मोदी के खिलाफ ट्वीट को लेकर हुआ था विवाद
वैसे तो ट्विटर और भारत सरकार का विवाद पुराना है लेकिन इसी साल फरवरी में किसान आंदोलन के दौरान पीएम मोदी के खिलाफ आपत्तिजनक हैसटैग ट्रेंड कराए गए थे जिसे बाद सरकार ने ट्विटर से उस कंटेंट को ब्लॉक करने के लिए कहा था, लेकिन ट्विटर ने इस आदेश का पालन भी सख्ती से नहीं किया।