कोटा में 19 ऑक्सीजन प्लांट लगेंगे, 2100 बेड ऑक्सीजन युक्त होंगे

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कोटा। स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल ने कोटा दौरे में मेडिकल कॉलेज अस्पताल में अधिकारियों के साथ बैठक की। धारीवाल ने बैठक में चिकित्सा व्यवस्था और सुविधाओं की समीक्षा की। मीडिया से बातचीत में धारीवाल ने अगले दो महीने में ऑक्सीजन के मामले में आत्मनिर्भर होने का दावा किया।

धारीवाल ने कहा नए अस्पताल में 6 ,एमबीएस में 4 जेकेलोन में 2 व शहर के 3 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर 3 नए ऑक्सीजन प्लांट लगाए जाएंगे। इनके लगने से सरकारी अस्पतालों में ऑक्सीजन बेड की क्षमता बढ़कर 2100 हो जाएगी। कोटा के किसी भी सरकारी अस्पताल को कहीं बाहर से ऑक्सीजन मंगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। धारीवाल ने कहा कोरोना संक्रमण के मामले में अब गिरावट आई है, अस्पताल में ऑक्सीजन वाले बेड खाली हैं।

नए अस्पताल की क्षमता दोगुनी होगी:धारीवाल ने बताया नए अस्पताल में वर्तमान में 530 ऑक्सीजन बेड है। यहां 30- 30 क्यूबिक मीटर के 2 व 48-48 क्यूबिक मीटर के 4 ऑक्सीजन प्लांट लगाए जाएंगे। इनके लगने से नए अस्पताल की क्षमता 500 ऑक्सीजन बेड की और बढ़ जाएगी। नए अस्पताल में 1000 ऑक्सीजन बेड हो सकेंगे।

एमबीएस, जेके लोन में भी बढ़ेंगे ऑक्सीजन बेड: एमबीएस अस्पताल में वर्तमान में 60 ऑक्सीजन बेड हैं। यहां 48-48 क्यूबिक मीटर के 4 प्लांट लगेंगे। इन प्लांट के लगने से अस्पताल में 460 ऑक्सीजन बेड की क्षमता और बढ़ जाएगी। इसी तरह जेके लोन अस्पताल में 48-48 क्यूबिक मीटर के 2 ऑक्सीजन प्लांट लगाए जाएंगे। इनके लगने से अस्पताल में 300 बेड ऑक्सीजन युक्त होंगे। इसके अलावा शहर के तीन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कुल्हाड़ी, विज्ञान नगर, दादाबाड़ी में 30-30 क्यूबिक मीटर के 3 ऑक्सीजन प्लांट लगाए जाएंगे। प्रत्येक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर 100-100 ऑक्सीजन बेड उपलब्ध हो सकेंगे।

केंद्र सरकार पर निशाना :धारीवाल ने दवा, इंजेक्शन व ऑक्सीजन की सप्लाई को लेकर फिर केंद्र सरकार पर निशाना साधा। धारीवाल ने कहा कि सारे ऑक्सीजन प्लांट पर केंद्र ने कब्जा कर राजस्थान का हक छीना है। नजदीक स्टेट से लेने की इजाजत दे देते तो, राज्य सरकार को परेशान नहीं होना पड़ता। छत्तीसगढ़ से आने में 18 से 20 घंटे लगते हैं। वर्तमान में 1800 किलोमीटर दूर कलिंगानगर से ऑक्सीजन लानी पड़ रही है। राजस्थान को ऐसी स्थिति में लाकर छोड़ा है। धारीवाल ने कहा दवा, इंजेक्शन के लिए पहली बार ग्लोबल टेंडर करना पड़ रहा है। ऐसा पहले कभी नहीं हुआ।

पीएम केयर्स फंड से जो वेंटिलेटर भेजे गए हैं। उनमें से 90% खराब आए हैं। धारीवाल ने कहा 26 अप्रैल को मंत्रिमंडल के सदस्य केंद्र से मदद मांगने गए थे, लेकिन 6 मई तक कुछ नहीं हुआ। लोकसभा स्पीकर ओम बिरला के प्रयास से केवल 2 ऑक्सीजन टैंकर आए हैं।