नई दिल्ली। भारत के कुल क्रूड ऑयल आयात में ओपेक देशों की हिस्सेदारी घटकर 2 दशक के निचले स्तर पर पहुंच गई है। इसका कारण एशिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था का 6 साल के निचले स्तर पर पहुंचना है। इंडस्ट्री और ट्रेड से जुड़े सूत्रों के डाटा के मुताबिक, वित्त वर्ष 2021 में भारत का कुल क्रूड आयात 3.97 बैरल प्रतिदिन रहा है। डाटा के मुताबिक, एक साल पहले के मुकाबले इसमें 11.8% की गिरावट रही है।
अमेरिका और कनाडा से ज्यादा इंपोर्ट
पिछले वित्त वर्ष में भारत ने अफ्रीका और मिडिल ईस्ट देशों के बजाए अमेरिका और कनाडा से ज्यादा क्रूड ऑयल इंपोर्ट किया है। डाटा के मुताबिक, भारत ने पिछले साल ओपेक देशों से 2.86 मिलियन बैरल प्रतिदिन क्रूड का आयात किया है। इन देशों से आयात होने वाले क्रूड की हिस्सेदारी घटकर 72% पर आ गई है। वित्त वर्ष 2001-02 के बाद क्रूड इंपोर्ट में ओपेक देशों की यह सबसे कम हिस्सेदारी है। इससे पहले का डाटा उपलब्ध नहीं है।
मार्जिन बढ़ाने के लिए विविधता ला रही हैं कंपनियां
देश की रिफाइनरी मार्जिन बढ़ाने के लिए क्रूड खरीदारी में विविधता ला रही हैं। इसके अलावा सख्त ग्रेड वाले क्रूड की सस्ती रिफाइनिंग के लिए प्लांट्स को अपग्रेड किया है। लेकिन कोविड महामारी के कारण तेल की खपत प्रभावित हुई है। इससे रिफाइनरी का संचालन भी प्रभावित हुआ है। सरकारी डाटा के मुताबिक, वित्त वर्ष 2020-21 में देश की वार्षिक तेल खपत बीते 23 सालों में पहली बार गिरी है। है। इस साल तेल खपत 2016-17 के स्तर से भी नीचे पहुंच गई है।