कोटा। हैंगिंग ब्रिज पर मंगलवार को दोपहर बाद से वाहन फिर फर्राटे भरने लगेंगे। इससे पहले दोपहर एक बजे उदयपुर में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इसके लोकार्पण का बटन दबाएंगे। कोटा में हैंगिंग ब्रिज पर होने वाले समारोह में मौजूद लोग इसका सीधा प्रसारण देख सकेंगे। प्रधानमंत्री उनसे सीधी बात भी कर सकेंगे।
इसके लिए आयोजन स्थल पर दो बड़ी स्क्रीन लगाई गई है। इन्हें इस प्रकार से लगाया गया है कि प्रधानमंत्री भी वहां से हैंगिंग ब्रिज समारोह में मौजूद लोगों को देख सकेंगे। इसी क्रम में सोमवार को यहां पर रामायण पाठ का शुभारंभ किया गया। शाम को चंबल की महाआरती का आयोजन हुआ।
278 करोड़ रुपए की लागत से बने हैंगिंग ब्रिज पर शनिवार को ट्रायल शुरू की थी, जिसे सोमवार को सुबह छह बजे बंद कर दिया गया। यहां मंगलवार को होने वाले कार्यक्रम के लिए तैयारियां की गई है। दो बड़ी स्क्रीन ब्रिज पर लगाकर उसका ट्रायल कर लिया गया है।
इसके सामने की ओर लोगों बैठने की व्यवस्था की गई है। मंगलवार को सुबह रामायण का समापन होने के बाद 51 कुंडीय महायज्ञ होगा। आयोजन को लेकर सांसद ओम बिरला उनकी टीम जुटी हुई है। यहां चंबल की महाआरती की गई।
हादसा होने के कारण यह 7 साल देरी
कोटा में हैंगिंग ब्रिज की योजना वर्ष 2004 में बनी थी। बाईपास पहले चंबल नदी के डाउन स्ट्रीम में बनाने की योजना बनी थी, लेकिन उसे उपयोगी नहीं माना। इस पर इसे चंबल के ऊपर के हिस्से में बनाने का फैला हुआ। यहां पर घड़ियाल सेंक्चुरी के कारण सामान्य पुल बनाने की अनुमति नहीं मिली।
इस पर दिल्ली में बैठे एनएचएआई के अधिकारियों ने बाईपास पर यूनिक चीज बनाने का फैसला करते हुए केबल स्टैंड ब्रिज बनाने का फैसला किया। इसके लिए आईटीसी कंपनी से डीपीआर तैयार करवाई गई। इसके आधार पर यहां ऐसा ब्रिज बनाने का फैसला हुआ जो झूलता रहे, जिसका कोई भी पिलर नदी में नहीं रहे।
जिस समय इसका वर्कऑर्डर दिया था, तब यही योजना थी 2010 में इसका निर्माण पूरा हो जाएगा। यहां से भारी वाहनों का आवागमन शुरू हो जाएगा। पता नहीं था, कि हादसा होने के कारण यह 7 साल देरी से होगा। अब इसकी सुविधा यहां के लोगों को मिलेगी। यह देश का पहला ऐसा ब्रिज है, जिसका 350 मीटर स्पान नदी में है। यह उपलब्धि कोटा के नाम पर है।
अब नया ट्रैफिक प्लान बनेगा :बिरला
बिरला सांसदओम बिरला ने बताया कि शहर में हो रही दुर्घटनाओं को रोकने के लिए हैंगिंग ब्रिज ही एक मात्र विकल्प था और इसका काम भी बंद पड़ा था। इसलिए सांसद बनते ही सबसे पहले इस प्रोजेक्ट को चालू करवाने की कार्रवाई की।
एनएचएआई के चेयरमैन से इन दोनों कंपनियों हुंडई गैमन को बुलवाकर मीटिंग की। दोनों कंपनी काम नहीं करना चाहती थी तो उन्हें ब्लैक लिस्ट करने को कहा। इस तरह से वे समझौते पर आए। गैमन का काम भी हुंडई को दिलवाया।
अब ये पूरा हो चुका है और जनता को मिल जाएगा। इसके लिए 7 करोड़ रुपए की डेकोरेटिव लाइटिंग भी स्वीकृत हो चुकी है। इसके बाद शहर के ट्रैफिक को और अधिक स्मूथ बनाने के लिए नया ट्रैफिक प्लान बनाया जाएगा।