नई दिल्ली। दुनियाभर के कई देशों में 5G नेटवर्क शुरू हो चुका है, तो कई देश इसका ट्रायल शुरू करने वाले हैं। इस बीच इंटरनेट स्पीड को टेस्ट करने वाली कंपनी ओपनसिग्नल ने 5G नेटवर्क से जुड़ी रिपोर्ट पेश की है। इसके मुताबिक, दुनिया में सबसे तेज 5G डाउनलोड स्पीड सऊदी अरब में है। दूसरे नंबर पर दक्षिण कोरिया है।
ओपनसिग्नल के मुताबिक, सऊदी अरब में 5G नेटवर्क पर एवरेज डाउनलोड स्पीड 377.2 Mbps रहा। जबकि साउथ कोरिया में 5G नेटवर्क पर एवरेज डाउनलोड स्पीड 336.1 Mbps रही। रिपोर्ट में 15 देशों में 5G स्पीड से जुड़ा 1 जुलाई से 28 सितंबर तक का डेटा शामिल किया गया है।
377.2 Mbps का मतलब होता है कि 1 सेकंड में 377.2 MB डेटा डाउनलोड किया जा सकता है। इसे इस तरह समझ सकते हैं कि 1GB की कोई मूवी आप डाउनलोड करते हैं तब उसमें 3 सेकंड का वक्त भी नहीं लगेगा। यानी पलक झपकते ही मूवी डाउनलोड हो जाएगी।
ओपनसिग्नल की रिपोर्ट के मुताबिक, सऊदी अरब में 4G डाउनलोड स्पीड 30.1 Mbps है, जो 5G की तुलना में 12.5 गुना कम है। वहीं, इसकी तुलना भारत की 4G स्पीड से जाए तो ट्राई की रिपोर्ट के मुताबिक, रिलायंस जियो की मैक्सिमम 4G डाउनलोड स्पीड 33.3 Mbps रही है। यानी सऊदी अरब की 5G डाउनलोड स्पीड हमारे यहां की 4G स्पीड से 11 गुना से भी ज्यादा तेज है।
दक्षिण कोरिया में तेजी से विस्तार हो रहा
कई देशों में 5G नेटवर्क का विस्तार तेजी से हो रहा है, जिसमें दक्षिण कोरिया भी शामिल है। ये वर्तमान में गैर-स्टैंडअलोन मोड पर नेटवर्क की सर्विस देता है, जिसे 4 जी नेटवर्क से सपोर्ट की जरूरत होती है। दक्षिण कोरिया में 5G नेटवर्क से जुड़े रहने के लिए यूजर्स ने 22.5 प्रतिशत ज्यादा पैसे खर्च किए हैं। पिछली रिपोर्ट में ये आंकड़ा 20.7 प्रतिशत था।
भारत में 5G स्पेक्ट्रम का खर्च
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज की रिपोर्ट में अनुमान जताया गया है कि A सर्कल और मेट्रो शहरों के लिए 78,800 करोड़ रुपए से लेकर 1.3 लाख करोड़ रुपए तक का खर्च आ सकता है। जबकि केवल मुंबई में 5G के लिए 10 हजार करोड़ रुपए के निवेश की जरूरत होगी।
दूसरी ओर ट्राई ने 100 मेगा हर्ट्ज मिड बैंड स्पेक्ट्रम के लिए 8400 करोड़ रुपए प्राइस रिजर्व किया है। रिपोर्ट के मुताबिक, 9 हजार साइट्स के लिए 20 लाख प्रति साइट की कीमत बढ़ गई, तो लागत 1800 करोड़ रुपए और बढ़ जाएगी। इससे कुल लागत 10 हजार करोड़ रुपए हो जाएगी। इसी तरह दिल्ली में भी 5G रोलआउट के लिए 8,700 करोड़ रुपए की लागत अनुमानित है। जबकि सरकार ने 100 मेगा हर्ट्ज मिड बैंड स्पेक्ट्रम के लिए बेस प्राइस 6900 करोड़ रुपए रिजर्व किया है।