किसी भी हॉस्टल का अधिग्रहण नहीं होने दिया जायेगा: व्यापार महासंघ

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कोटा। रीको की बिना इजाजत औद्योगिक इंडस्ट्रियल एरिया में उद्योगों के लिए आवंटित भूखंडों पर हॉस्टल बनाने वाले उद्यमियों पर अब भूखंड अधिग्रहण की तलवार लटकी हुई है। रीको के अधिग्रहण के नोटिस से घबराये उद्यमी अब इसके लिए रीको की गलत नीतियों को जिम्मेदार बता रहे हैं। उद्यमियों के समर्थन में कोटा व्यापार महासंघ ने रीको को चेतावनी दी है कि किसी भी हॉस्टल का अधिग्रहण नहीं होने देंगे। चाहे इसके लिए कोटा बंद ही क्यों न करना पड़े।

यह जानकारी गुरुवार को कोटा व्यापार महासंघ की ओर से आयोजित पत्रकार वार्ता में दी। महासंघ के महासचिव अशोक माहेश्वरी ने बताया की अब इंद्रप्रस्थ इंडस्ट्रियल एरिया एक कॉमन एरिया बन चुका है। यहाँ पर मॉल, ऑटोमोबाइल जोन, कोचिंग संस्थान एवं हॉस्टल संचालित हैं। उन्होंने बताया कि पिछले 20 वर्षों में कोटा में छोटे -बड़े करीब 700 उद्योग बंद हो चुके हैं। सरकारी स्तर पर बीमारू उद्योगों के प्रोत्साहन के लिए कोई योजना नहीं बनाई गई है। वर्ष 2010 के बाद इन औद्योगिक भूखंडों पर व्यावसायिक गतिविधियां संचालित होने लगी हैं। रीको ने शुल्क लेकर इस क्षेत्र में व्यवसायिक गतिविधियों की अनुमति प्रदान की गई।

बंद हुए उद्योगों के मालिकों ने अपने जीवन-यापन के लिए हॉस्टल बना दिए। क्योंकि इस क्षेत्र में कोचिंग पहले से ही संचालित थे। इससे क्षेत्र में शैक्षिक माहौल बना। वर्ष 2014 के बाद रीको ने अपनी नीतियों में बदलाव करते हुए व्यावसायिक गतिविधियों को अनुमति देना बंद कर दिया। इस क्षेत्र में करीब 125 हॉस्टल संचालित हैं, जिनमें करोड़ों रुपये का निवेश किया हुआ है। अगर रीको ने प्लाट केंसिल किये या अधिग्रहण किया तो इससे जुड़े उद्यमियों के साथ साथ दूसरे लोग भी बेरोजगार हो जाएंगे।

उन्होंने कहा कि हॉस्टल बचाने के लिए कोटा बंद भी करना पड़े तो करेंगे। रीको ने भूखण्डों के अधिग्रहण की कार्यवाही नहीं रोकी तो कोटा का शैक्षिणक माहौल बिगड़ जाएगा। माहेश्वरी ने राज्य सरकार से मांग की है कि इस औद्योगिक क्षेत्र को स्पेशल क्षेत्र घोषित कर सभी व्यावसायिक गतिविधियों की अनुमति दी जाए। ऐसी नीति नहीं लाएं जिससे बेरोजगारी और भुखमरी फैले।

हाड़ोती कोटा स्टोन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के संस्थापक अध्यक्ष राजेश गुप्ता ने कोटा स्टोन उद्योग की दुर्दशा बताए हुए कहा कि पिछले २० वर्षों में 400 में से 350 यूनिट बंद हो चुकी है। मात्र 50 यूनिट ही चल रही हैं। इसलिए मजबूर होकर उद्यमियों ने रोजगार से दूसरे साधन तलाश लिए। पत्रकार वार्ता को महासंघ के अध्यक्ष क्रांति जैन, कोटा हॉस्टल एसोसिएशन के महासचिव पंकज जैन एवं दी एसएसआईके पूर्व सचिव रमेश कालानी ने भी सम्बोधित किया।