कोटा। राजस्थान के इंजीनियरिंग कॉलेजों में एडमिशन की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। राजस्थान में सेंटर फॉर इलेक्ट्रॉनिक गवर्नेंस की ओर से इस साल काउंसलिंग करवाई जा रही है।
इस साल काउंसलिंग में भाग लेने के लिए 10 हजार रुपए की फीस भी नहीं देनी होगी। पिछले साल तक काउंसलिंग के दौरान ही स्टूडेंट्स को 10 हजार रुपए जमा कराने होते थे। एडमिशन नहीं होने पर फीस रिफंड कर दी जाती है। रिफंड के प्रोसेस में स्टूडेंट्स को औपचारिकताएं पूरी करने में समय लगता था। अब स्टूडेंट्स को रजिस्ट्रेशन के लिए केवल 700 रुपए देने होंगे। रीप से आरटीयू और बीकानेर टेक्निकल यूनिवर्सिटी के सभी सरकारी व प्राइवेट कॉलेज में एडमिशन मिलेगा।
सीट खाली रहने पर अगस्त में होगा स्पॉट राउंड :सबसे पहले छात्र को 700 रुपए शुल्क देकर रजिस्ट्रेशन करवाना होगा। इसके बाद आवेदन पत्र भरना होगा। इसके बाद ऑनलाइन च्वाइस फिलिंग के दौरान अपनी प्राथमिकताओं के अनुसार कॉलेज का चयन करना रहेगा। इसके बाद दस्तावेजों को लेकर आवंटित कॉलेज में रिपोर्टिंग करनी होगी। इसके बाद अपवर्ड मूवमेंट के लिए विंडो ओपन होगी। काउंसलिंग तीन चरणों में होगी।
पहले दो चरणों के स्टूडेंट्स को ही अपवर्ड मूवमेंट के लिए मौका दिया जाएगा। अगस्त में कॉलेजों की ओर से स्पॉट राउंड होगा। यहां वे खाली सीटों के लिए आवेदन मांग सकते हैं। स्पॉट राउंड से एडमिशन मिलने से छात्रोें को उसी समय रिक्त रही ब्रांच की सीट पर दाखिला मिल जाएगा।
कल आ सकता है नीट का रिजल्ट
सीबीएसई की ओर से आयोजित नीट का परिणाम मंगलवार को जारी हो सकता है। हालांकि अपर एज लिमिट के मामले में सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका पर अभी सुनवाई होनी है। सीबीएसई की ओर नीट के इंफॉरमेशन बुलेटिन की तारीख 5 जून दी गई है।
मेन के अंकों को मिलेगा वेटेज
एडमिशन में जेईई मेन के अंकों को प्राथमिकता दी जाएगी। इसके बाद 12वीं बोर्ड के अंकों को वेटेज दिया जाएगा। राजस्थान बोर्ड देने वाले स्टूडेंट्स के प्रतिशत गिने जाएंगे। सीबीएसई का सीजीपीए काउंट नहीं किया जाएगा। अन्य राज्यों से आने वालों का सीजीपीए जरूर गिरा जाएगा। इसके लिए फार्मूला तय किया गया है।
अन्य राज्यों के लिए 15% सीटे रिजर्व भी रखी गई है। इन सीटों पर फॉर्मूले के आधार पर ही एडमिशन दिया जाएगा। पिछले साल इस कोटे में सीटें खाली रह गई थी। गौरतलब है कि पिछले साल राजस्थान टेक्निकल यूनिविर्सिटी ने रीप की काउंसलिंग करवाई थी। इस साल सेंटर फॉर इलेक्ट्रोनिक गवर्नेंस के सामने राजस्थान के इंजीनियरिंग कॉलेज की अधिक से अधिक सीटें बढ़ने का बड़ा चैलेंज रहेगा।