न्यूयॉर्क। ऐप्स आपको बना सकते हैं ‘प्रेगनेंट’ पर कैसे ! बाजार में ऐसे कई ऐप्स मौजूद हैं जिनकी मदद से महिलाएं अपने पीरियड्स पर नजर रख सकती हैं। हालांकि ताजा रिपोर्ट में इनकी विश्वसनीयता पर सवाल उठा है।
अब तक माना जाता था कि इन पीरियड ट्रैकिंग ऐप्स में अपना डेटा दर्ज करने के बाद महिलाएं गर्भनिरोधक साधनों के बगैर प्रेंगनेंट होने से बच सकती हैं। ये ऐप्स महिला के पीरियड साइकल के आधार पर बताते हैं कि उसे कब संबंध बनाना चाहिए या कब नहीं।
बहरहाल, अमेरिका में यूनिवर्सिटी ऑफ वॉशिंगटन की अध्ययन रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि ये ऐप्स उतने भरोसेमंद नहीं हैं, जितना इन्हें बनाने वाली कंपनियां दावा करती हैं। ऐसी कई महिलाएं सामने आई हैं, जो इन ऐप्स के भरोसे रहीं और बाद में उन्हें निराशा हाथ लगी।
अनुसंधानकर्ताओं ने नौ सर्वाधिक लोकप्रिय पीरियड ट्रैकिंग ऐप्स का इस्तेमाल करने वालीं 687 महिलाओं पर सर्वे से आधार पर यह रिपोर्ट तैयार की है। रिपोर्ट के मुताबिक, महिलाओं ने अपनी अलग-अलग जरूरतों की पूर्ति के लिए इन ऐप्स का इस्तेमाल शुरू किया था।
मसलन – किसी को अपने शरीर और उसमें होने वाले बदलावों पर नजर रखना थी, तो किसी को पीरियड्स के लिए खुद को तैयार करना था, वहीं कोई प्रेंगनेंट होना चाहती थी तो कोई इससे बचना चाहती थी। यूनिवर्सिटी ऑफ वॉशिंगटन के जानकारों के अनुसार, अधिकांश महिलाओं के अनुभव बुरे रहे।