नई दिल्ली। Adani Bribery Case: अमेरिकी अभियोजकों ने उद्योगपति गौतम अदाणी (Gautam Adani) पर सौर ऊर्जा अनुबंधों के लिए अनुकूल शर्तों के बदले भारतीय अधिकारियों को 26.5 करोड़ डॉलर (लगभग 2,200 करोड़ रुपये) की रिश्वत देने का मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है।
अदाणी-हिंडनबर्ग मामले में याचिकाकर्ता ने शनिवार को सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर कर अमेरिकी अभियोजकों द्वारा ग्रुप पर लगाए गए रिश्वतखोरी और भ्रष्टाचार के आरोपों को रिकॉर्ड पर लेने की मांग की। याचिका में इन आरोपों को मौजूदा मामले में प्रासंगिक बताया गया है।
याचिका में कहा गया है कि अमेरिकी अभियोग “ग्रुप द्वारा किए गए कदाचार का खुलासा करता है और आरोप इतने गंभीर प्रकृति के हैं कि राष्ट्रहित में इनकी जांच भारतीय एजेंसियों द्वारा भी की जानी चाहिए।” याचिकाकर्ता ने भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) द्वारा अब तक की गई जांच की अंतिम रिपोर्ट पेश करने की भी मांग की है।
याचिका में कहा गया है, “सेबी को अपनी जांच पूरी कर रिपोर्ट और निष्कर्ष पेश करने चाहिए ताकि निवेशकों का विश्वास कायम रहे। सेबी की जांच में शॉर्ट सेलिंग के आरोप थे, और विदेशी अधिकारियों द्वारा लगाए गए मौजूदा आरोपों का इससे संबंध हो सकता है या नहीं भी हो सकता है, लेकिन सेबी की रिपोर्ट इसे स्पष्ट कर सकती है ताकि निवेशकों का विश्वास डगमगाए नहीं।”
याचिका में वकील विशाल तिवारी ने कहा, “वर्तमान मामले में, ऐसा प्रतीत होता है कि सेबी कोई ठोस मामला नहीं बना पा रही है, और मामला नहीं बनने की ऐसी स्थिति को प्रथम दृष्टया स्थिति (prima facie position) के रूप में प्रस्तुत किया गया है, जिसकी पुष्टि तब तक नहीं की जा सकती जब तक कि अधिक जांच नहीं की जाती है।”
अमेरिकी अभियोजकों ने अदाणी ग्रुप के अध्यक्ष गौतम अदाणी, उनके भतीजे सागर अदाणी और कई अन्य अधिकारियों पर रिश्वतखोरी और कॉरपोरेट गवर्नेंस पर भ्रामक बयान देने का आरोप लगाया है। अदाणी ग्रुप ने अमेरिकी अभियोजकों के आरोपों को खारिज करते हुए कानूनी कदम उठाने की बात कही है।
अदाणी ग्रुप के सीएफओ ने कहा कि ग्रुप की 11 पब्लिक कंपनियों में से कोई भी अभियोग के अधीन नहीं थी और किसी भी कंपनी पर किसी भी गलत काम का आरोप नहीं लगाया गया है। अदाणी-हिंडनबर्ग मामले में अपनी जांच में सेबी ने पहले कहा था कि उसने 24 में से 22 जांच पूरी कर ली हैं। इसके बाद, इस वित्तीय वर्ष में सितंबर तक अदाणी ग्रुप की चार कंपनियों को सेबी से कारण बताओ नोटिस मिले।
अदाणी ग्रीन सॉल्यूशंस, अदाणी पोर्ट्स एंड एसईजेड, अदाणी पावर और ग्रुप की फ्लैगशिप कंपनी अदाणी एंटरप्राइजेज ने पब्लिक शेयरहोल्डिंग के रूप में गलत तरीके से वर्गीकृत करने के आरोपों पर सेबी से मिले कारण बताओ नोटिस का खुलासा किया।
सेबी ने जून में शॉर्ट सेलिंग मामले की अपनी जांच में हिंडनबर्ग को भी कारण बताओ नोटिस जारी किया था। कानूनी विशेषज्ञों ने कहा कि हालांकि, बाजार नियामक यह निर्धारित कर सकता है कि उल्लंघन हुआ या नहीं, लेकिन इस मामले में अंतिम निष्कर्ष केवल तभी सामने आ सकते हैं जब इस पर कोई आदेश जारी किया जाए।