Wheat Production: गेहूं के उत्पादन को लेकर व्यापारियों और सरकार का अलग- अलग अनुमान

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नई दिल्ली । Wheat Production: रबी सीजन के सबसे प्रमुख खाद्यान्न- गेहूं की नई फसल की कटाई-तैयारी आरंभ हो चुकी है और मंडियों में इसकी आवक तथा सरकारी खरीद की जाती है मगर अभी तक उत्पादन की स्थिति पर संशय बरकरार है।

कृषि मंत्रालय ने अपने दूसरे अग्रिम अनुमान में इस वर्ष 1120 लाख टन से कुछ अधिक गेहूं के रिकॉर्ड उत्पादन की संभावना व्यक्त की थी। यह अनुमान फरवरी में लगाया गया था जब मौसम की हालत गेहूं की फसल के लिए काफी हद तक अनुकूल बनी हुई थी।

मार्च में पंजाब-हरियाणा जैसे राज्यों में आंधी-वर्षा एवं ओलावृष्टि जैसी प्राकृतिक आपदाओं का प्रकोप कुछ क्षेत्रों में देखा गया जिससे गेहूं की फसल प्रभावित हुई।वैसे आधिकारिक तौर पर इससे गेहूं की फसल को भारी नुकसान होने की संभावना से इंकार किया गया है लेकिन कुछ क्षेत्रों में किसानों की चिंता अभी खत्म नहीं हुई है।

इस बीच रोलर फ्लोर मिलर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया ने 2023-24 के वर्तमान एवं विश्लेषकों द्वारा गेहूं उत्पादन का अलग-अलग अनुमान लगाया जा रहा है जिससे दुविधा या असमंजस का माहौल बना हुआ है।

इस बार राष्ट्रीय स्तर पर गेहूं के बिजाई क्षेत्र में बढ़ोत्तरी हुई और दिसम्बर से फरवरी के बीच मौसम अनुकूल रहा। मार्च में भी कुछ इलाकों को छोड़कर काफी क्षेत्रों में स्थिति काफी हद तक सामान्य रही मगर अब अप्रैल में तापमान अचानक काफी बढ़ गया है जिससे गेहूं की फसल पर प्रतिकूल असर पड़ने की आशंका है।

यद्यपि इस बार लगभग 70 प्रतिशत क्षेत्र में गेहूं की हीट प्रतिरोधी / किस्मों की खेती होने का सरकारी दावा किया गया है और इसके आधार पर उत्पादन बेहतर होने की उम्मीद व्यक्त की जा रही है मगर ज्यादा गर्मी से फसल पर असर पड़ सकता है।