महुआ मोइत्रा को कोई ताकत नहीं बचा सकती, उन्होंने एथिक्स कमेटी को बोले अपशब्द

0
85

नई दिल्ली। लोकसभा की आचार समिति (एथिक्स कमेटी) के अध्यक्ष और भाजपा सांसद विनोद सोनकर ने गुरुवार को टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा पर गंभीर आरोप लगाया है। उन्होंने दावा किया कि महुआ ने बैठक से बाहर निकलने से पहले उनके और पैनल के लिए “असंसदीय” शब्दों का इस्तेमाल किया था।

महुआ मोइत्रा को ‘पैसों के बदले संसद में सवाल’ पूछने के कथित मामले में अपना मौखिक बयान दर्ज करने के लिए बुलाया गया था। इस दौरान कमेटी में शामिल विपक्षी सदस्यों ने बैठक बहिष्कार किया और समिति के अध्यक्ष विनोद कुमार सोनकर पर मोइत्रा से व्यक्तिगत तथा अनैतिक सवाल पूछने का आरोप लगाया।

भाजपा सांसद सोनकर ने विपक्षी सदस्यों से बाहर जाने के बाद भी बैठक जारी रखी और बाद में विपक्षी सदस्यों पर आरोप लगाया कि उन्होंने अनैतिक तरीके से व्यवहार किया और बैठक का बहिष्कार किया ताकि मोइत्रा के खिलाफ लगे आरोपों से ध्यान भटकाया जा सके। बैठक के बाद संवाददाताओं से बातचीत में सोनकर ने आरोप लगाया कि समिति के कामकाज और उनके विरूद्ध आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल किया गया।

विनोद सोनकर ने पत्रकारों से कहा, “समिति का मकसद महुआ मोइत्रा के अनैतिक आचरण के आरोपों की जांच करना था। सहयोग करने के बजाय, महुआ मोइत्रा ने गुस्से में आकर पैनल और उसके अध्यक्ष के खिलाफ अपशब्दों का इस्तेमाल किया। विपक्षी सांसदों, जिनमें दानिश अली, गिरधारी यादव आदि शामिल हैं, उन्होंने अनैतिक रूप से और बहुत गुस्से में, समिति के खिलाफ कुछ आरोप लगाए… वे दर्शन हीरानंदानी के आरोपों पर सवालों का जवाब देने से बचने के लिए पैनल की बैठक से बाहर चले गए।”

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के संसद सदस्य निशिकांत दुबे ने गुरुवार को विपक्षी सदस्यों के साथ एथिक्स कमेटी की बैठक से बाहर निकलने के लिए तृणमूल कांग्रेस के सांसद महुआ पर हमला बोला और घटना को इतिहास का सबसे काला दिन करार दिया। भाजपा सांसद ने मोइत्रा पर गलत नैरेटिव सेट करने का आरोप लगाया।

दुबे ने बैठक के बाद अपने आवास पर मीडिया को संबोधित करते हुए कहा, “देहाद्रई की शिकायत के बाद, आचार समिति ने मेरी शिकायत पर विचार किया था और मैं और (जय अनंत) देहाद्राई गवाह के रूप में वहां गए थे। महुआ मोइत्रा एक आरोपी हैं। कमेटी के अंदर क्या हुआ उसको लेकर उन्होंने इंटरव्यू दिया….उन्होंने जनता के सामने गलत विमर्श बनाने की कोशिश की। यह हमारी संसद के इतिहास का सबसे खराब दिन है।”

दुबे ने यहां संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि समिति कारोबारी दर्शन हीरानंदानी द्वारा दायर हलफनामे पर मोइत्रा से पूछताछ करने के लिए बाध्य है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि विपक्ष इस तथ्य से परेशान है कि समिति का नेतृत्व एक ओबीसी सदस्य कर रहा है। दुबे ने कहा, ‘‘वे इस तथ्य को पचा नहीं पा रहे हैं।’’

भाजपा नेता ने यह भी दावा किया कि उनके और अन्य द्वारा आचार समिति को मुहैया कराए गए सभी सबूतों के बाद ‘कोई ताकत’ मोइत्रा को नहीं बचा सकती। मोइत्रा पर आरोप है कि उन्होंने हीरानंदानी के इशारे पर सवाल पूछे और दुबई में रहने वाले एक जाने-माने कारोबारी परिवार के वंशज से रिश्वत ली।

दुबे ने लोकसभा अध्यक्ष को 15 अक्टूबर को लिखे एक पत्र में आरोप लगाया था कि मोइत्रा द्वारा लोकसभा में हाल के दिनों तक पूछे गये 61 प्रश्नों में से 50 प्रश्न अडाणी समूह पर केंद्रित थे। उन्होंने शिकायत में कहा है कि किसी समय मोइत्रा के करीबी रहे देहाद्रई ने मोइत्रा और कारोबारी दर्शन हीरानंदानी के बीच अडाणी समूह तथा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर निशाना साधने के लिए रिश्वत के लेनदेन के ऐसे साक्ष्य साझा किये हैं जिन्हें खारिज नहीं किया जा सकता। दुबे की शिकायत को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने आचार समिति के पास भेज दिया था।