कोटा। सोयाबीन की नयी फसल अब महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश में तैयार होने वाली है उससे पहले स्टॉकिस्टो की घबराहट पूर्ण बिकवाली निकलने से सोयाबीन के भावों पर दबाव बना हुआ है, जिसका असर सोया डीओसी पर भी देखने मिल रहा है। इसके साथ अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी सोया डीओसी के भाव घटने लगे हैं। अब निर्यातक भी माल नहीं खरीद रहे हैं।
दूसरी और पोल्ट्री उद्योग में भी रुपये की तंगी से मांग नहीं निकल रही है। इन कारणों से कोटा लाइन में जो डीओसी एक सप्ताह पहले 52000 रु प्रति टन बिक रही थी, उसके भाव 44500 रु प्रति टन रह गए हैं। मध्यप्रदेश के नीमच, दतिया लाइन में डीओसी के भाव 42000/43000 रु प्रति टन के रह गए हैं।
जानकारों के मुताबिक नए माल का दबाव अगले महीने से बढ़ेगा तथा निर्यातकों एवं पोल्ट्री उद्योग की मांग भी नहीं निकलने से डीओसी के भाव में और भी 7000/8000 रु घटने की संभावना बताई जा रही है। भारतीय बंदरगाहों पर चालू माह के शिपमेंट का तथा सितंबर शिपमेंट का माल भारी मात्रा में स्टॉक में पड़ा हुआ है।
अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भी भारी गिरावट होने से शिपमेंट नहीं हो पाया है। इसके साथ प्लांटो में घबराहट पूर्ण बिकवाली बनी हुयी है और आगे नयी सोयाबीन की फसल भी आने वाली है। कई जगहों पर नए सोयाबीन की छुट-पुट मात्रा में श्रीगणेश भी हो गया है।
ब्राजील, अमेरिका में सोयाबीन की फसल आ गयी है तथा चीन में सोया डीओसी के भाव घट गए हैं। अन्तराष्ट्रीय बाजारों पर निर्यातकों के पड़े माल लगातार घटाकर ही बिकवाल आ रहे हैं। दूसरी और पुराने सोयाबीन के भाव जो कुछ दिनों पहले प्लांट पहुच में 6300/6400 रु थे, वह अब घटकर 5500/5600 रु रह गए हैं।
अब नए सोयाबीन का दबाव अगले महीने से बढ़ जायेगा तथा सोयाबीन की फसल कुछ क्षेत्र को छोड़कर बाकी सभी जगह अच्छी स्थिति में बताई जा रही है। जिससे सोयाबीन का उत्पादन भी 130 लाख मेट्रिक टन आने का अनुमान लगाया जा रहा है। इन सारी परिस्थितियों को देखते हुए जानकार अब सोयाबीन और सोया डीओसी के भावो में और भी कमी आने की संभावना बता रहे हैं।