7 राज्यों की 59 सीटों पर मतदान शुरू, दिग्गजों की प्रतिष्ठा दांव पर

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नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव के 6वें चरण के लिए आज 7 राज्यों की 59 सीटों पर वोट डाले जा रहे हैं। 979 प्रत्याशी मैदान में हैं। 2014 में भाजपा इन 59 सीटों में से 45 पर जीती थी। वहीं, 1 पर सहयोगी पार्टी लोजपा को जीत मिली थी। कांग्रेस ने 2, तृणमूल ने 8, सपा ने 1, इनेलो ने 2 सीटें हासिल की थीं।

इस चरण में दिल्ली की 7, बिहार की 8, हरियाणा की 10, मध्यप्रदेश की 8, उप्र की 14, बंगाल की 8 और झारखंड की 4 सीटों पर मतदान हो रहा है। मध्यप्रदेश में मुरैना, भिंड, ग्वालियर, गुना, सागर, विदिशा, भोपाल, राजगढ़ सीट पर वोटिंग है। बंगाल की बैरकपुर सीट के बूथ नंबर 116 और आरमबाग के बूथ नंबर 110 पर पुनर्मतदान हो रहा है। इसके अलावा त्रिपुरा के 168 पोलिंग बूथों और पुड्डुचेरी के 1 बूथ पर भी पुनर्मतदान हा रहा है।

इन 5 सीटों पर है कड़ा मुकाबला
भोपाल (मध्यप्रदेश)- मध्यप्रदेश की भोपाल सीट इस चरण की सबसे चर्चित सीट है। कांग्रेस ने यहां से पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को टिकट दिया है। वे 16 साल बाद कोई चुनाव लड़ रहे हैं। वहीं, भाजपा ने साध्वी प्रज्ञा ठाकुर को उतारा है। साध्वी मालेगांव धमाको में आरोपी हैं। भोपाल भाजपा का गढ़ रहा है, यहां से लगातार 8 बार से पार्टी का उम्मीदवार जीता है। हालांकि, भाजपा ने इस बार मौजूदा सांसद आलोक संजर का टिकट काट दिया है।

पूर्वी चंपारण: केंद्रीय कृषि कल्याण मंत्री राधामोहन सिंह भाजपा के टिकट पर मैदान में हैं। उनका मुकाबला महागठबंधन (रालोसपा) के प्रत्याशी आकाश प्रसाद सिंह से है। 2009 से पहले पूर्वी चंपारण मोतिहारी सीट थी। आजादी के बाद 1971 तक यह कांग्रेस की परंपरागत सीट रही। लगातार पांच बार यहां से विभूति मिश्र सांसद रह चुके हैं। 1989 में पहली बार राधामोहन सिंह इस सीट से जीते। वे यहां से पांच बार विजयी रहे हैं।

उत्तरपूर्वी दिल्ली: उत्तरपूर्वी दिल्ली से भाजपा ने फिर भोजपुरी गायक और अभिनेता मनोज तिवारी पर विश्वास जताया है। वे यहां से 2014 में भी जीते थे। कांग्रेस ने इस सीट से दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को टिकट दिया है। वे 1998 से 2013 तक दिल्ली की मुख्यमंत्री रहीं। दीक्षित इससे पहले 1984 से 89 तक कन्नौज से सांसद भी रहीं। आप ने दिलीप पांडे को उम्मीदवार बनाया है। वे अपना पहला चुनाव लड़ रहे हैं।

पूर्वी दिल्ली- इस सीट से भाजपा ने मौजूदा सांसद महेश गिरी का टिकट काटकर हाल ही में पार्टी में शामिल हुए क्रिकेटर गौतम गंभीर को उम्मीदवार बनाया है। गंभीर की टक्कर आप प्रत्याशी अतिशी मर्लेना से मानी जा रही है। कांग्रेस ने अरविंदर सिंह लवली को टिकट दिया है। इस सीट से कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित 2 बार सांसद रह चुके हैं।

हिसार : यहां तीन बड़े राजनीतिक घराने मैदान में हैं। इनेलो से अलग होकर जननायक जनता पार्टी बनाने वाले दुष्यंत चौटाला इस सीट से दोबारा चुनाव लड़ रहे हैं। 2014 में उन्होंने इनेलो के टिकट पर जीत हासिल की थी। वहीं, भाजपा ने राज्यसभा सांसद और केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह के बेटे बृजेंद्र सिंह को टिकट दिया है। कांग्रेस ने भजनलाल परिवार से कुलदीप बिश्नोई के बेटे भव्य बिश्नोई को उम्मीदवार बनाया है।

6वां चरण : ये बड़े चेहरे भी मैदान में
ज्योतिरादित्य सिंधिया: इस बार भी अपनी परिवारिक सीट गुना से मैदान में हैं। वे इस सीट से 2002 से सांसद हैं। उनसे पहले इस सीट पर उनके पिता माधवराव सिंधिया भी एक बार सांसद रहे थे। माधवराव से पहले उनकी मां राजमाता विजयाराजे सिंधिया इस सीट से चार बार भाजपा के टिकट पर सांसद रही थीं। भाजपा ने इस बार सिंधिया के खिलाफ केपी यादव को टिकट दिया है।
अखिलेश यादव : सपा अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव आजमगढ़ सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। 2014 में सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव ने आजमगढ़ और मैनपुरी सीट पर जीत हासिल की थी। इस बार मुलायम सिंह मैनपुरी सीट से ही चुनाव लड़ रहे हैं। भाजपा ने भोजपुरी स्टार दिनेश लाल यादव निरहुआ को टिकट दिया है। यहां कांग्रेस ने अपना उम्मीदवार नहीं उतारा है।

मेनका गांधी : केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी इस बार सुल्तानपुर सीट से चुनाव लड़ रही हैं। वे पिछली बार पीलीभीत से जीतकर संसद पहुंचीं थीं। इस बार उन्होंने वह सीट बेटे वरुण गांधी के लिए छोड़ दी है। वरुण 2014 में सुल्तानपुर से जीते थे। कांग्रेस ने पूर्व सांसद संजय सिंह को टिकट दिया है। मेनका पीलीभीत से 6 बार सांसद रह चुकी हैं।

भूपेंद्र सिंह हुड्डा : हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा सोनीपत सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। भाजपा ने यहां से मौजूदा सांसद रमेश कौशिक को उतारा है। वहीं, जननायक जनता पार्टी ने दिग्विजय चौटाला को टिकट दिया है। भूपेंद्र तीन बार रोहतक सीट से सांसद रह चुके हैं।

नरेंद्र सिंह तोमर : केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर इस बार मुरैना सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। वे इस सीट से 2009 में भी जीते थे। 2014 में वे ग्वालियर से चुनकर संसद पहुंचे थे। तोमर का मुकाबला कांग्रेस के राम निवास रावत से है। भाजपा 1996 से मुरैना सीट पर जीतती रही है। उसने यहां से मौजूदा सांसद अनूप मिश्रा का टिकट काट दिया है।