रिजर्व बैंक अगले साल थोक और खुदरा क्षेत्रों में डिजिटल मुद्रा जारी करेगा

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नई दिल्ली। रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया (Reserve Bank of India) थोक और खुदरा क्षेत्रों में चरणबद्ध तरीके से डिजिटल मुद्रा (सीबीडीसी) के क्रियान्वयन को लेकर काम कर रहा है। केंद्रीय बैंक के कार्यकारी निदेशक (वित्तीय प्रौद्योगिकी) अजय कुमार चौधरी ने बुधवार को यह जानकारी दी।

उद्योग मंडल फिक्की के फिनटेक सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, आरबीआई थोक और खुदरा खंड में केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा के चरणबद्ध तरीके से क्रियान्वयन की दिशा में काम कर रहा है। देश की आधिकारिक डिजिटल मुद्रा 2023 की शुरुआत में पेश किये जाने की संभावना है।

डिजिटल भुगतान क्षेत्र में वित्तीय प्रौद्योगिकी की भूमिका पर अधिकारी ने कहा कि केंद्रीय बैंक ने नवोन्मेष को बढ़ावा दिया है और फिनटेक के नए-नए उत्पादों और सेवाओं से जुड़े लाभ और जोखिम पर कड़ी नजर है।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2022-23 के बजट में सीबीडीसी पेश किए जाने की घोषणा की थी। इसके लिए वित्त विधेयक पारित होने के साथ आरबीआई कानून, 1934 में संबंधित धारा में जरूरी संशोधन किए गए।

आरबीआई ने क्रिप्टो में निवेशकों की बढ़ती दिलचस्पी को देखते हुए सीबीडीसी लाने की कवायद तेज की है। हालांकि, शुरुआत में यह आम लोगों के लिए नहीं होगी। इसे बाजार में हर मानकों पर परखने के बाद आम लोगों के लिए जारी करने पर भी विचार हो सकता है।

सीबीडीसी क्या है: सीबीडीसी डिजिटल मुद्रा है। यह वर्तमान में उपलब्ध निजी कंपनी द्वारा संचालित इलेक्ट्रॉनिक वॉलेट की तरह होगी। सीबीडीसी सरकार समर्थित डिजिटल मुद्रा होगी। हालांकि, इसकी निजी डिजिटल मुद्रा या क्रिप्टोकरेंसी से तुलना नहीं की जा सकती, जो पिछले एक दशक में तेजी से बढ़ी है। निजी डिजिटल मुद्रा का कोई जारीकर्ता नहीं है और किसी व्यक्ति के ऋण या देनदारियों का प्रतिनिधित्व नहीं करती है।