बिना कोचिंग पहले ही प्रयास में श्रृष्टि ने किया आईएएस में टॉप, जानिए कैसे

0
2992

नई दिल्ली।पहले ही प्रयास में न सिर्फ देश की सबसे प्रतिष्ठित परीक्षा यूपीएससी में न केवल चयन होना बल्कि टॉपर आना दुर्लभ मामले होते हैं। यह तब और अहम हो जाता है जब कोई कोचिंग तक न ली हो। भोपाल की श्रृष्टि देशमुख ने ऐसा ही कर दिखाया है। श्रृष्टि से बात की और जाना कामयाबी के सीक्रेट गुर… सबसे अहम बात यह है सृष्टि ने अपनी कामयाबी का श्रेय इंटरनेट को दिया है। उन्होंने कहा कि इंटरनेट का उन्होंने पढ़ाई में उपयोग किया लेकिन सोशल मीडिया से दूर रहीं।

आईएएस बनने की धुन इस कदर हावी थी कि सृष्टि ने कॉलेज के दौरान कैंपस प्लेसमेंट में हिस्सा नहीं लिया, न सीवी तैयार किया। किसी कंपनी को एप्रोच नहीं किया, क्योंकि मन में ठान रखा था प्लेसमेंट नहीं चाहिए। वे तैयारी करती चली गई, सफल हुई। ज्यादातर लोग सिविल सर्विसेस की तैयारी के लिए दिल्ली का रुख करते हैं।

सृष्टि ने भी सोचा जब कॉलेज भोपाल से किया तो तैयारी भी यहीं से करेंगी। इस दौरान कभी स्टडी मटेरियल नहीं मिला तो कहीं कोचिंग क्लास नहीं मिली। इसमें इंटरनेट ने मदद की। नॉलेज, टेस्ट सीरिज, क्लासेस सबकुछ इंटरनेट पर है।

फोकस : परीक्षा की केमिस्ट्री समझा
परीक्षा के लिए बहुत सब्जेक्ट होते हैं, अलग-अलग किताबें पढ़नी होती हैं। लेकिन मैंने हमेशा यूपीएससी सिलेबस में दिए विषयों के आधार पर तैयारी की। पिछले वर्षों के प्रश्न पत्र पढ़ती रही, ताकि पता चले कि किस तरह के सवाल पूछे जाते हैं। इन सबसे समय पर जवाब लिखने का अच्छा अभ्यास भी हुआ। इस परीक्षा में केमिस्ट्री होती है, केमिकल इंजीनियरिंग नहीं, इसलिए मैंने सोश्योलॉजी को एक विषय के तौर पर चुना।

इंटरनेट का उपयोग
इंटरनेट दोधारी तलवार है। पढ़ाई के लिए तो सृष्टि ने इंटरनेट का उपयोग किया लेकिन सृष्टि ने सोशल नेटवर्किंग साइट्स से खुद को दूर रखा। व्हॉट्सएप, फेसबुक-टि्वटर बंद कर दिया। फ्रेंड्स से नहीं मिलती थी, पार्टी नहीं जाती थी। दोस्त ताने भी मारते थे कि मैं सोशली कट रही हूं, लेकिन मन में लगता था- आज पढ़ लूंगी तो शायद कुछ अच्छा कर पाऊं। यानी यदि किसी चीज का सही उपयोग किया जाए तो कामयाबी के रास्ते खुद ब खुद खुलते हैं।

कांफिडेंस:इंटरव्यू में सृष्टि से पूछा गया कि इतनी यंग हो, तो क्या चैलेंजेस हो सकते हैं और उन्हें कैसे फेस करोगे? इस पर सृष्टि ने कहा कि यंग हूं, लड़की हूं तो शायद अपने फैसलों को मनवाना मेरे लिए चुनौतीपूर्ण होगा, लेकिन मैं उस पर होमवर्क करूंगी। बतौर सिविल सर्विसेंट मेरा फोकस स्कूल और शिक्षा पर होगा। महिला सशक्तीकरण पर भी काम करूंगी, क्योंकि जब एक महिला सशक्त होती है तो परिवार और कई पीढ़ियों संवर जाती हैं।

कुछ सृष्टि के बारे में…
संघ लोक सेवा आयोग ने शुक्रवार को सिविल सेवा परीक्षा 2018 का मुख्य परीक्षा परिणाम जारी कर दिया। इस परीक्षा में भोपाल की सृष्टि देशमुख ने ऑल इंडिया में पांचवी रैंक लेकर महिलाओं में अव्वल स्थान हासिल किया है। सृष्टि ने 2018 में केमिकल इंजीनियरिंग पूरी की और अब पहले ही प्रयास में इस परीक्षा को पास किया है।

सृष्टि ने आरजीपीवी से पढ़ाई है। वे केमिकल इंजीनियरिंग से एमफिल कर चुकी हैं। उनके पिता जयंत देशमुख इंजीनियर है, वहीं मां सुनीता स्कूल टीचर है। भेल दशहरा मैदान के सामने स्थित कार्मल कांवेंट स्कूल से उनकी स्कूलिंग हुई है। छोटा भाई अर्थव सातवीं कक्षा में पढ़ रहा है।