क्या अब इंसान अमर होगा, जानिए क्या यह अद्भुत टेक्नोलॉजी

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नई दिल्ली। हर किसी को एक तय वक्त के बाद दुनिया से जाना ही पड़ता है, कोई अमर नहीं है। एक पूर्व गूगल वैज्ञानिक की मानें तो अब असंभव लगने वाली यह बात सच होने वाली है। वैज्ञानिक का कहना है कि ऐसा नैनोबॉट्स की मदद से किया जाएगा और इस दिशा में रिसर्च का काम लंबे वक्त से चल रहा है।

पूर्व गूगल इंजीनियर Ray Kurzweil ने दावा किया है कि 7 साल के बाद ही इंसान अमर हो सकेंगे। खास बात यह है कि इन वैज्ञानिक की ओर से किए गए करीब 147 दावों में से 86 पर्सेंट सही साबित हुए हैं।

साल 1999 में रे कर्जवेल को नेशनल मेडल ऑफ टेक्नोलॉजी दिया गया था, यानी कि उनकी ओर से किया गया दावा हवा-हवाई नहीं है और वैज्ञानिक आधार पर टिका है। उन्हें दुनिया के सबसे प्रभावशाली टेक थिंकर्स में से एक कहा जा सकता है।

पहले भी इन वैज्ञानिक ने तेजी से बदल रही टेक्नोलॉजी से जुड़ी कई भविष्यवाणियां की हैं, जो बाद में सही साबित हुई हैं। साल 2005 में लिखी अपनी किताब ‘द सिंगुलैरिटी इज नियर’ में कर्जवेल की ओर से किया गया दावा यूट्यूब चैनल Adagio की ओर से शेयर की गई एक क्लिप के बाद दोबारा चर्चा में आया है। कर्जवेल की ओर से किए गए दावे को लेकर सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई है कि इंसान वाकई ऐसा कर पाएंगे या नहीं।

अपनी किताब में वैज्ञानिक ने कहा है कि साल 2030 तक इंसानों की जिंदगी कभी खत्म नहीं होगी। उन्होंने जेनेटिक्स, नैनोटेक्नोलॉजी और रोबोटिक्स के बारे में भी लिखा है। New York Post के मुताबिक, कर्जवेल ने दावा किया है कि 2029 एक ऐसा वक्त है, जिसमें AI इंसानों के स्तर की बुद्धिमत्ता हासिल कर लेगी।

इसके अलावा ‘सिंगुलैरिटी’ के लिए वैज्ञानिक ने साल 2045 की टाइमलाइन दी है और दावा है कि उसके बाद इंसान और AI की जुड़ी हुई बुद्धिमत्ता मौजूदा इंटेलिजेंस के मुकाबले कई गुना बढ़ जाएगी।

कर्जवेल ने अपनी किताब में नैनोटेक्नोलॉजी और रोबोटिक्स से जुड़े दावे किए हैं और उनका मानना है कि एज-रिवर्सिंग ‘नैनोबॉट्स’ के जरिए इंसान अपनी कोशिकाओं को डैमेज होने से बचा सकेगा। इस तरह जैसे-जैसे ढलती उम्र के साथ कोशिकाएं पुरानी और डैमेज होती हैं, उनपर कोई असर ही नहीं पड़ेगा। दावा है कि खास नैनोबॉट्स इस प्रक्रिया को रोक सकेंगे और हर तरह की खतरनाक बीमारी से भी इंसानों को बचाया जा सकेगा।

तकनीकी दुनिया में Singularity एक काल्पनिक शब्द है, जो भविष्य की ऐसी स्थिति को दिखाता है जिसमें टेक्नोलॉजी और आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस (AI) इतनी एडवांस्ड हो जाएगी कि मशीनें इंसानों से ज्यादा स्मार्ट होंगी। कर्जवेल अकेले वैज्ञानिक नहीं हैं, जिन्होंने Singularity की बात कही है।

रोबोट्स बनाने वाली कंपनी सॉफ्टबैंक के CEO मासायोशी सॉन ने भी कयास लगाए हैं कि साल 2027 तक सुपर-इंटेलिजेंट मशीनें आ जाएंगी। बता दें, ऐसी कई साइंस फिक्शन फिल्में भी आई हैं, जिनमें इंसानों से ज्यादा स्मार्ट मशीनें और रोबोट्स दिखाए गए हैं जो पूरी दुनिया पर कब्जा कर सकते हैं।