आयातक देशों की मजबूत मांग से ग्वार-गम के निर्यात में बढ़ोतरी

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जोधपुर। अंतर्राष्ट्रीय बाजार में क्रूड खनिज तेल का भाव ऊंचा रहने से प्रमुख आयातक देशों में भारतीय ग्वार-गम की मांग मजबूत बनी हुई है जिससे देश से इसके निर्यात में अच्छी वृद्धि हो रही है। कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) के आंकड़ों के अनुसार चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में यानी अप्रैल-जून 2021 के दौरान देश से ग्वार गम का निर्यात बढ़कर 78 हजार टन पर पहुंच गया जिससे 632 करोड़ रुपए या 8.50 करोड़ डॉलर की आमदनी प्राप्त हुई।

इसकी तुलना में अप्रैल-जून 2020 की तिमाही में 52 हजार टन ग्वार गम के निर्यात से 440 करोड़ रुपए या 5.80 करोड़ डॉलर की आमदनी प्राप्त हुई थी। इस तरह पिछले साल के मुकाबले चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही के दौरान ग्वार गम की निर्यात आय में रुपए की दृष्टि से 43.50 प्रतिशत एवं डॉलर की दृष्टि से 47.05 प्रतिशत की शानदार बढ़ोत्तरी दर्ज की गई। समीक्षाधीन अवधि के दौरान ग्वार गम का औसत इकाई निर्यात ऑफर मूल्य 1118 डॉलर प्रति टन से घटकर 1095 डॉलर प्रति टन रह गया।

भारत दुनिया में ग्वार का सबसे प्रमुख उत्पादक एवं ग्वार गम का सबसे बड़ा निर्यातक देश है। अंतर्राष्ट्रीय निर्यात बाजार पर भारत का लगभग एकाधिकार बना हुआ है और दूर-दूर तक कोई अन्य देश इसे गंभीर चुनौती देने की स्थिति में नहीं है। भारत में दो-तिहाई से अधिक ग्वार का उत्पादन अकेले राजस्थान में होता है जबकि हरियाणा एवं गुजरात इसके दो अन्य प्रमुख उत्पादक राज्य हैं। ग्वार खरीफ कालीन फसल है।

इसकी बिजाई लगभग पूरी हो चुकी है और फसल अब प्रगति के चरण में है। गुजरात में सूखे की वजह से उत्पादन में कुछ नरमी आ सकती है जबकि वहां बिजाई बेहतर हुई है। हरियाणा और राजस्थान में फसल की हालत लगभग सामान्य है। ग्वार के नए माल की आवक अगले कुछ सप्ताहों में आरंभ होने वाली है जबकि इसका घरेलू बाजार भाव किसानों के लिए आकर्षक चल रहा है।