नई दिल्ली। केंद्र सरकार को उम्मीद है कि कोविड-19 टीकों की उपलब्धता अगले महीने से बढ़ जाएगी। सरकार का अनुमान है कि 18-44 एजग्रुप के लिए वैक्सीन की किल्लत जुलाई से दूर हो जाएगी। सूत्रों के अनुसार, सरकार का लक्ष्य दिसंबर तक देश की पूरी वयस्क आबादी (करीब 94 करोड़) को टीका लगाने का है।
पिछले दिनों सरकार ने कहा है कि अगस्त-दिसंबर के बीच देशभर में 200 करोड़ डोज उपलब्ध होंगी जो वयस्क आबादी के लिए पर्याप्त होंगी। आइए जानते हैं कि इतनी जल्दी इतने सारे लोगों को टीका लगाने के पीछे सरकार का क्या गणित है।
भारत में टीकाकरण कार्यक्रम की शुरुआत 15 जनवरी से हुई थी। शुक्रवार (14 मई) को चार महीने या 120 दिन पूरे हो गए। इन 120 दिनों में, करीब 18 करोड़ डोज लगाई गई हैं यानी हर दिन औसतन 15 लाख डोज। अनुमानित वयस्क आबादी जो कि 94 करोड़ से थोड़ी कम है, को टीका लगाने के लिए साल के बाकी 231 दिनों में 170 करोड़ डोज लगानी होंगी। यानी हर दिन करीब 73.6 लाख डोज, इनमें वीकेंड्स भी शामिल है। इस लिहाज से देखें तो अभी के औसत से करीब पांच गुना ज्यादा डोज आगे लगानी हैं।
वयस्कों के लिए वैक्सीन कैसे उपलब्ध होगी, इसके बारे में एक अधिकारी ने कहा कि मई में 8.5 करोड़ डोज, जून में 10 करोड़, जुलाई में 15 करोड़, अगस्त में 36 करोड़, सितंबर में 50 करोड़, अक्टूबर में 56 करोड़, नवंबर में 59 करोड़ और दिसंबर में 65 करोड़ डोज उपलब्ध होने का अनुमान है। जहां तक मई में वैक्सीन की उपलब्धता का सवाल है, करीब 40% डोज डिलिवर की जा चुकी हैं, बाकी जल्द आएंगी। हो सकता है कि मई के कोटे का कुछ हिस्सा जून में लगाया जाए
रूस में बनी स्पूतनिक वी वैक्सीन की 60 लाख डोज मई में आने की उम्मीद है। जून में 1 करोड़, जुलाई में ढाई करोड़ और अगस्त में 1.6 करोड़ डोज का अनुमान है। अगस्त के बाद इस वैक्सीन की उपलब्धता तेजी से बढ़ेगी क्यों स्थानीय स्तर पर कई कंपनियां इसकी डोज तैयार करेंगी। नवंबर और दिसंबर में इस वैक्सीन की 7-7 करोड़ से ज्यादा डोज उपलब्ध हो सकती हैं।
जून में सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया की कोविशील्ड साढ़े 6 करोड़ डोज उपलब्ध होंगी, ऐसा अनुमान है। जुलाई में 7 करोड़, अगस्त में 10 करोड़, सितंबर, अक्टूबर, नवंबर और दिसंबर में में 11.5 करोड़ डोज की उपलब्धता का अनुमान केंद्र लगा रहा है
कोवैक्सीन की ढाई करोड़ डोज जून में मिलने की उम्मीद है। जुलाई और अगस्त में 7.5 करोड़, सितंबर में 7.7 करोड़, अक्टूबर और नवंबर में 10.2 करोड़ तथा दिसंबर में 13.5 करोड़ डोज मिलने का अनुमान है।
इसके अलावा बायोलॉजिकल ई, नोवावैक्स, जेनोवा और भारत बायोटेक की इंटरनेजल वैक्सीन की डोज भी उपलब्ध होने की संभावना है। सरकार ने अपने अनुमानों में प्री-क्लिनिकल स्टेज की वैक्सीनों को शामिल नहीं किया है।
सरकार का अपना अनुमान है कि जुलाई अंत तक वैक्सीन सप्लाई के हालात काफी हद तक बेहतर हो जाएंगे। यानी अगले ढाई महीनों में, औसत टीकाकरण की रफ्तार अभी के मुकाबले खासी तेज होने की उम्मीद नहीं है। केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में जो हलफनामा दिया है, उसके मुताबिक राज्यों को मई में कुल 6.12 करोड़ डोज अलॉट की गई हैं। इसके अलावा निजी क्षेत्र को मिलने वाली 2 करोड़ डोज और मिला दें तो पूरे महीने का आंकडा 8 करोड़ से थोड़ा ज्यादा ही बैठता है।
ऐसे में यह मान लेना ठीक होगा कि मई में औसत टीकाकरण लगभग 25 लाख डोज प्रतिदिन रहेगा। जून में सरकार कुल सप्लाई 10 करोड़ डोज और जुलाई में 15 करोड़ डोज रहने का अनुमान लगा रही है। अगर यह अनुमान सही साबित होते हैं तो अगले 78 दिनों में भारत करीब 33 करोड़ टीके और लगा चुका होगा। इस हिसाब से 1 अगस्त और 31 दिसंबर के बीच (153 दिन) 137 करोड़ डोज और लगानी रह जाएंगी। यानी अगर सातों दिन टीकाकरण होगा, यह मान लें तो भी हर दिन करीब 90 लाख डोज लगानी होंगी।
वैक्सीनेशन में अपना ही रेकॉर्ड तोड़ देगा भारत
हर दिन 90 लाख डोज… अबतक किसी देश ने एक दिन में इसकी आधी डोज भी नहीं लगाई हैं। भारत के नाम ही एक दिन में सबसे ज्यादा डोज लगाने का रेकॉर्ड है जो उसने 5 अप्रैल को बनाया था जब 41.6 लाख डोज लगाई गई थीं। चुनौती सिर्फ सप्लाई की नहीं है, इसके लिए टीकाकरण केंद्रों की संख्या और मैनपावर भी कई गुना बढ़ानी होगी।