नई दिल्ली। देश में कर चोरी पर अंकुश लगाने के लिए धारा 269ST के तहत आयकर अधिनियम के जरिये किसी भी व्यक्ति को एक दिन में एक व्यक्ति से 2 लाख रुपये या उससे अधिक नकद राशि लेने पर जुर्माना देना पड़ सकता है। 2 लाख रुपये या उससे अधिक की राशि के लेन-देन की अनुमति अकाउंट पेयी चेक या अकाउंट पेयी बैंक ड्राफ्ट या इलेक्ट्रॉनिक क्लियरिंग सिस्टम (ईसीएस) के बैंक खाते के माध्यम से उपयोग करने की अनुमति है।
बैंक खाते के माध्यम से ईसीएस में क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड, नेट बैंकिंग, आईएमपीएस (तत्काल भुगतान सेवा), यूपीआई (यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस), आरटीजीएस (रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट), एनईएफटी (नेशनल इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर, और बीएचआईएम) के माध्यम से भुगतान शामिल है।
इसका मतलब है कि इन माध्यमों में से किसी भी माध्यम से 2 लाख रुपये या उससे अधिक की राशि के भुगतान की अनुमति है। बहुत से लोगों को इस बात की जानकारी नहीं है कि एक दिन में 2 लाख रुपये या अधिक नकद स्वीकार करने पर जुर्माना लगता है।
इस मसले पर हमने बात कि टैक्स एक्सपर्ट बलवंत जैन से, उन्होंने कहा, एक दिन में एक व्यक्ति से 2 लाख या 2 लाख से ज्यादा के लेनदेन पर आयकर विभाग जुर्माना लगा सकता है। मसलन, अगर आपके घर शादी है और आप कैटरिंग वाले को 2 लाख या इससे ज्यादा की रकम देना चाहते हैं तो यह संभव नहीं है। जैन ने कहा कि पेनाल्टी देने वाले नहीं, लेने वाले पर लगेगी। कोई भी व्यक्ति 10 हजार करके भी 2 लाख नहीं दे सकता है।
क्या है जुर्माना
यदि किसी व्यक्ति को धारा 269ST के प्रावधानों के उल्लंघन में कोई राशि प्राप्त होती है, तो वे धारा 271DA के तहत इस तरह की रसीद के बराबर राशि का जुर्माना देने के लिए उत्तरदायी हैं। हालांकि अगर कोई व्यक्ति यह साबित कर सकता है कि इसके पर्याप्त कारण थे तो कोई जुर्माना नहीं लगेगा।
2 लाख रुपये या उससे अधिक का लेनदेन
धारा 269ST के अनुसार, जो भी व्यक्ति 2 लाख रुपये या उससे अधिक नकद का लेन-देन करेगा, वह लेनदेन की राशि के बराबर राशि के दंड के लिए उत्तरदायी होगा। मसलन, अगर आप 7 लाख रुपये की नकदी से कोई लक्जरी उत्पाद खरीदते हैं, तो दुकानदार जिसे 7 लाख रुपये का कर (जुर्माना) देना होगा।
आयकर अधिनियम की धारा 269ST में छूट
आयकर अधिनियम की धारा 269ST सरकार, किसी भी बैंकिंग कंपनी, डाकघर बचत बैंक या सहकारी बैंक द्वारा प्राप्त राशि पर लागू नहीं होती है।