आतंकी हमले से ज्यादा खतरनाक कोरोना संकट, अर्थव्यवस्था को बड़ा झटका

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नई दिल्ली। कोरोना वायरस के फैलने की रफ्तार दुनिया की अर्थव्यवस्था के विकास दर को मंद कर रही है। कोरोना वायरस के चलते दुनिया को रोजाना अरबों रुपए का नुकसान हो रहा है। वहीं अभी तक कोरोना का मुकम्मल इलाज नहीं ढ़ूंढा जा सका है। इसके चलते भारत समेत ज्यादातर देश के बाजार में जोरदार गिरावट देखी जा रही है।

आर्गेनाइजेशन फॉर इकोनॉमिक को-ऑपरेशन एंड डेवल्पमेंट (OECD) की रिपोर्ट की मानें, तो दुनिया कोरोना वायरस के असर से जल्द नही निकल सकेगी। अर्थव्यवस्था पर इसका असर लंबे वक्त रहेगा। वैश्विक स्तर पर अर्थव्यवस्था को कोरोना वायरस के असर से उबरने में कई साल लग जाएंगे।

उन्होंने कहा कि अगर दुनिया की अर्थव्यवस्था मंदी की चपेट में नही भी जाती है, तो भी अर्थव्यवस्था की रफ्तार कम रहेगी या फिर नकारात्मक रहेगी। गुरिया ने कहा कि कोरोना वायरस का संकट 11 सितंबर 2008 को हुए आतंकी हमले से पैदा हुए वित्तीय संकट से कहीं ज्यादा खतरनाक है। उन्होंने कहा कि इस संकट से छोटे और मझोले वर्ग का कारोबार बंद हो सकता है। ऐसे में सरकारों को वर्कर और व्यापारी समूह के लिए राहत पैकेज का ऐलान करना चाहिए।

बता दें कि यूके में पॉलिसीमेकर ने कोरोना वायरस की वजह से काम नहीं मिलने वालों को सैलरी देने का ऐलान किया गया है। गुरिया ने कहा कि कोरोनावायरस संकट से कर्ज में डूबी अर्थव्यवस्था को बर्बाद कर सकती है। उन्होंने कहा कि G20 देशों की अर्थव्यवस्था वी शेप में आगे बढ़ेंगी।

ओईसीडी ने कोरोना वायरस संकट से निपटने के लिए फ्री वायरस टेस्टिंग, डॉक्टरों और नर्स के लिए सही उपकरण, वर्कर के लिए कैश ट्रांसफर समेत बिजनेस और हॉलीडे के दौरान स्वरोजगार और टैक्स छूट में लाभ देने की अपील की है। बीसीसी के मुताबिक एंजल गुरिया ने कहा कि वो दुनियाभर की सरकारों की ओर से कोरोना के टेस्ट और इलाज पर खर्च सुनिश्चित करने की अपील करती हैं।

कोरोना से बढ़ेगी बेरोजगारी
गुरिया ने कहा कि कोरोना वायरस के चलते वैश्विक स्तर पर नौकरियों में छंटनी हो सकती है। कोरोनावायरस की वजह से आर्थिक गतिविधियां प्रभावित होंगी, जिनका असर लंबे वक्त तक देखने को मिल सकता है। उन्होंने कहा कि दुनिया की बड़ी अर्थव्यवस्थाएं आने वाले माह में मंदी की चपेट में आ सकती हैं। उन्होंने अंदेशा जाहिर किया कि कोरोना वायरस के चलते लगातार अगली दो तिमाही में अर्थव्यवस्था में गिरावट दर्ज की जा सकती है।