आयकर विभाग का फेसलेस ई-असेसमेंट सेंटर शुरू

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नई दिल्ली। राजस्व सचिव अजय भूषण पांडे ने सोमवार को नेशनल ई-असेसमेंट सेंटर (एनईएसी) का उद्घाटन किया। इस मौके पर केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के चेयरमैन पीसी मोदी भी मौजूद थे। पांडे ने कहा कि इसके साथ ही आयकर विभाग के काम के तौर-तरीके में आमूलचूल परिवर्तन हो रहा है। विभाग असेसमेंट की प्रक्रिया में फेसलेस ई-असेसमेंट का तरीका अपना रहा है।

इससे विभाग की कार्यक्षमता, पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ेगी। इसके बाद करदाताओं और कर अधिकारी के बीच मानवीय संपर्क खत्म हो जाएगा। यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की डिजिटल इंडिया और कारोबारी सहूलियत बढ़ाने की सोच की दिशा में एक बड़ा कदम है।

फेसलेस असेसमेंट के ये हैं लाभ
-नेशनल ई-असेसमेंट योजना के तहत असेसमेंट अधिकारी और करदाताओं का मानवीय संपर्क खत्म हो जाएगा।
-बड़े स्तर (इकोनॉमी ऑफ स्केल) पर काम होने से संसाधनों का बेहतर इस्तेमाल होगा।
-करदाताओं के लिए कानून का पालन बढ़ेगा।
-पारदर्शिता और कार्यक्षमता बढ़ेगी। इससे असेसमेंट की गुणवत्ता और मॉनीटरिंग सुधरेगी।
-एक ही एजेंसी फेसलेस असेसमेंट का काम करेगी, इससे विशेषज्ञता बढ़ेगी।
-मामले तेजी से निपटेंगे।

बढ़ेगी पारदर्शिता और जिम्मेदारी
राजस्व सचिव अजय भूषण पांडेय ने सोमवार को एक कार्यक्रम में इस केन्द्र का शुभारंभ किया। उन्होंने इसे आयकर विभाग के लिए गौरव की बात और बहुत बड़ी उपलब्धि बताते हुए कहा कि बहुत कम समय में विभाग ने इस केन्द्र को शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा कि इस केंद्र की शुरूआत के साथ ही आयकर विभाग फेसलेस ई-आंकलन की शुरूआत कर दी है जिससे आंकलन प्रक्रिया में दक्षता, पारदर्शिता और जिम्मेदारी आएगी।

उन्होंने में अब आय करदाताओं और आयकर अधिकारियों के बीच सीधा संपर्क नहीं होगा। इस मौके पर केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के अध्यक्ष प्रमोदी चंद मोदी ने कहा कि पहले चरण में 58,322 मामलों को ई-आंकलन स्कीम 2019 के लिए चयन किया गया है। इसके लिए 30 सितंबर से पहले ही ई-नोटिस जारी कर दिया गया था। आय करदाताओं को अपने पंजीकृत ई मेल/ऑनलाइन रिटर्न फाइलिंग को चेक करने की सलाह दी गई है और 15 दिनों के भीतर जबाव देने के लिए कहा गया है।

हो सकेगा करदातों की शिकायतों का समाधान
उन्होंने कहा कि नेशनल ई-एसेसमेंट केंद्र यानी राष्ट्रीय ई-निर्धारण केंद्र (एनईएसी) की स्थापना आयकर विभाग का बेहतर करदाता सेवा के उद्देश्य, करदाता की शिकायतों के निवारण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह डिजिटल इंडिया के दृष्टिकोण और कारोबारी सुगमता को बढ़ावा देने के अनुरूप उठाया गया है। इसका मुख्यालय राजधानी दिल्ली में है जबकि आठ मुंबई, चेन्नई, दिल्ली, कोलकाता, अहमदाबाद, हैदराबाद, पुणे और बेंगलुरू में क्षेत्रीय केंद्र बनाए गए हैं।