कोटा। जीएसटी में यदि टैक्स की चोरी पकड़ी गई तो जेल के प्रावधान हैं मसलन एक करोड़ से दो करोड़ के बीच टैक्स चोरी में 1 साल तक जेल का प्रावधान है । 2 करोड़ से 5 करोड़ तक टैक्स चोरी के मामले में 3 वर्ष कारावास का प्रावधान है और यदि टैक्स चोरी 5 करोड़ से अधिक होती है तो 5 साल कारावास का प्रावधान भी है । यह जानकारी शनिवार को टैक्स बार एसोसिएशन की ओर से आयोजित टैक्स सेमिनार में सीए विरेंद्र परवाल ने दी ।
परवाल ने बताया वार्षिक रिटर्न भरने से 3 साल या 5 साल तक विभाग टैक्स रिकवरी की कार्यवाही कर सकता है। यदि किसी ने जीएसटी का रजिस्ट्रेशन नहीं लिया है और उस पर जीएसटी का दायित्व है तो विभाग उस पर भी कार्रवाई कर सकता है।
50 लाख से अधिक कृषि आय पर खेती का विवरण
इंदौर से आए सीए पंकज शाह ने बताया कि कृषि आय के संबंध में आयकर विवरणी के अंदर जिला कुल भूमि एकड़ में सिंचित असिंचित स्वयं किया, किराए की यह सब जानकारी मांगी गई है। जिन भी करदाता की कृषि आय 50 लाख से अधिक हैं, उन्हें यह जानकारी देनी पड़ेगी ।
आयकर विभाग के पास किस जिले में कौन सी मुख्य फसल होती है और किस फसल की कितनी पैदावार कितनी भूमि में होती है यह सब जानकारी है। इसके आधार पर अगर कोई कर दाता अपनी अन्य इनकम को कृषि बताता है तो उसका के स्क्रूटनी में लिया जा सकेगा।
सामान्यतः आयकर विवरण फार्म में जो बदलाव किए जाते हैं, वह बजट में आए अमेंडमेंट का इफैक्ट देने के लिए किए जाते हैं, परंतु इस बार कई अतिरिक्त जानकारियां भी फॉर्म में मांगी गई हैं, जिससे शेल कंपनियां उनके डायरेक्टर कंपनी में जमीन के लेनदेन अत्याधिक प्रीमियम पर शेयर इश्यू करके अघोषित आय को लाने के सारे माध्यम को ब्लॉक कर ऐसे करदाताओं पर नकेल डालने का प्रयास किया गया है।
महत्वपूर्ण बदलाव यह है कि अगर आपने किसी को कोई स्थाई संपत्ति बेची है तो खरीदने वाले का परमानेंट अकाउंट नंबर भी रिटर्न में देना पड़ेगा, जिससे अगर खरीददार अपनी अघोषित आय से भुगतान करता है या उसके आयकर विवरण में पूरी आए नहीं बताई गई है तो उस को नोटिस जारी हो सकेगा।
टैक्स बार एसोसिएशन के अध्यक्ष एडवोकेट राजकुमार विजय ने बताया कि इस अवसर पर 10 नए सदस्य का सम्मान किया गया। टैक्स बार एसोसिएशन के प्रोग्राम चेयरमैन एमडी सोनी, स्टडी सर्किल चेयरमैन देवेंद्र कटारिया, नीरज जैन, ओम बड़ोदिया भी सेमिनार में मौजूद रहे। लोकेश माहेश्वरी ने आभार जताया।