कोटा।सांसद ओम बिरला ने सोमवार को लोकसभा में नियम-377 के तहत प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारियों के लिए दी जाने वाली शिक्षा को जीएसटी के दायरे से बाहर करने या न्यूनतम स्लैब में शामिल करने की मांग की। सांसद ने कहा कि कोटा पूरे देश में शैक्षणिक नगरी के रूप में पहचान रखता है।
हर साल देशभर से 2 लाख से अधिक स्टूडेंट्स कोटा शहर में संचालित विभिन्न कोचिंग संस्थानों में इंजीनियरिंग व मेडिकल प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी के लिए आते हैं। परीक्षाओं की तैयारी के लिए दी जाने वाली शिक्षा को सर्विस सेक्टर मानते हुए उस पर 18 प्रतिशत जीएसटी का प्रावधान कर रखा है। जिसका सीधा असर निर्धन वर्ग के प्रतिभाशाली स्टूडेंट्स पर पड़ता है।
सांसद ने कहा कि सरकार शिक्षा को बढ़ावा दे रही है, बेसिक एजुकेशन, इंजीनियरिंग, मेडिकल कॉलेज में अध्ययन पर किसी तरह का जीएसटी देय नहीं है, लेकिन इंजीनियरिंग व मेडिकल कॉलेज में प्रवेश की तैयारियों के लिए दी जाने वाली शिक्षा पर 18 प्रतिशत टैक्स से स्टूडेंट्स का उच्च शिक्षा के प्रति रुझान कम होता है।