कोटा। हर 5 में से एक युवा मानसिक रोग से ग्रस्त है। विश्व मानसिक स्वास्थ्य फेडरेशन व WHO की ओर से जारी आकड़ों में यह बात सामने आई है। रिपोर्ट के अनुसार 50% तक मानसिक बीमारियाँ 14 वर्ष की उम्र से पहले और 75% 25 वर्ष की उम्र से पहले प्रारम्भ होती है ।
यह जानकारी पत्रकार वार्ता में वरिष्ठ मनोचिकित्सक डॉ. एमएल अग्रवाल ने दी। उन्होंने बताया कि इस वर्ष की थीम है “युवा एवं बदलती दुनिया में उनका मानसिक स्वास्थ्य” प्रत्येक वर्ष थीम के पर एक 70 से 100 पेज का विश्व मानसिक स्वास्थ्य फेडरेशन व WHO के विशेषज्ञों द्वारा आम आदमी की जानकारी के लिए तैयार किया जाता है।
उन्होंने बताया कि विश्व मानसिक स्वास्थ्य फेडरेशन पिछले 25 वर्षो से मानसिक स्वास्थ्य के विषय में जागरूकता हेतु 4-10 अक्टूबर तक विश्व मानसिक स्वास्थ्य सप्ताह का आयोजन पूरे विश्व में करता है। 10 अक्टूबर को विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस मनाया जाता है। हर वर्ष मानसिक स्वास्थ्य के विषय में एक थीम जारी की जाती है।
उन्होंने बताया कि युवा देश का भविष्य है और यह परिवर्तन का समय है । ऐसे समय उनके ऊपर अनेक मानसिक दबाव रहते है जैसे अपना केरियर चुनना, ड्रग्स/धूम्रपान इत्यादि की समस्या, समलेंगिक प्रवति, दोस्तों पर अधिक विश्वास, अवसाद, विषाद, आत्महत्या, जल्दी शारीरिक सम्बन्ध, एड्स इत्यादि। अतः इस तरह के कार्यक्रम युवाओं का मानसिक स्वास्थ्य का टीका लगवाने का कार्य करता है और मानसिक समस्या से जुड़ें stigma (सामजिक अभिशाप) को जानकारी द्वारा दूर या कम करता है ।
“ना” कहना सिखाना है
उन्होंने बताया कि जिस प्रकार टी बी, पोलियो निमोनिया की रोकथाम के टीके आते है उसी प्रकार से मानसिक रोग से बचाव के टीके है यह टीके सुई अथवा दवा के रूप में नहीं है यह टीके है माँ-बाप (परिवार) का प्यार, अनुशासन, सामजिक सीमाओं का ज्ञान और जीवन जीने की कला (WHO की 10 life skills – समस्या –समाधान, निर्णय लेने, अपने को पहचानने, संवेदना अनूठी और तार्किक सोच इत्यादि) हमको अपने बच्चों और युवाओं को उन व्यवहार/वार्ता के लिये “ना” कहना सिखाना है ।
होप सोसाईटी : गत 8 वर्षो से 24×7 हेल्पलाइन के द्वारा कोटा एवं हाडौती में मानसिक रोग की रोकथाम, अवसाद/आत्महत्या रोकने की महतीं भूमिका निभा रही है । हिन्दुस्तान की गिनी– चुनी संस्था जो 365 दिन प्रशिक्षित परामर्शदाताओं की सेवा दे रही है अब तक 7000 से अधिक व्यक्तियों की समस्याओं का समाधान किया गया है ।
जीपीएस व उड़न दस्ता से जोड़ने की कोशिश
उन्होंने बताया कि करीब 350 आत्महत्या के प्रयास या विचार करने वालों का मार्गदर्शन दिया गया और कुछ को तो मृत्यु के मुंह से बचाया गया है । होप हेल्पलाइन का न. 0744-2333666 है होप सोसाएटी द्वारा सभी होस्टल्स में पोस्टर द्वारा नम्बर का डिस्प्ले किया गया । दूसरे फेज में जन सहयोग से जीपीएस व उड़न दस्ता से जोड़ने की कोशिश करेंगे । पत्रकार वार्ता में रोटेरियन विमल जैन मनोचिकित्सक डॉ. अविनाश बंसल और मिडिया प्रभारी सुधींद्र गौड़ आदि मौजूद थे।
कुछ आंकड़े (Facts):–
स्वास्थ्य तन और मन: दोनों ही जरुरी है और दोनों में चोली – दामन का साथ है जिससे मन रुग्ण होने पर तन अपने आप कई बीमारियों से ग्रस्त हो जाता है
(1) 50% तक मानसिक बीमारियाँ 14 वर्ष की उम्र से पहले और 75% 25 वर्ष की उम्र से पहले प्रारम्भ होती है
(2) आत्महत्या 15-29 वर्ष के बीच मृत्यु का दूसरा मुख्य कारण है | प्रथम है – सड़क दुर्घटना दोनों की रोकथाम संभव है
(3) हर 5 में से एक युवा मानसिक रोग से ग्रस्त है | फिर भी मानसिक स्वास्थ्य का बजट –स्वास्थ्य बजट का कुल 4% है
(4) हर 10 मिनिट में विश्व में युवा लड़की की मौत हिंसा का कारण हो जाती है यह हिंसा शारीरिक सेक्स सम्बंधित हो सकती है |
(5) 83% युवा लोग कहते है की धमकाने से उनके आत्म सम्मान पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है
(6) 50% ट्रान्सजेंडर्स / युवाओं में धमकाने, आत्महत्या के प्रयास एवं विचार पाए गए है |