तमिलनाडु। विजय माल्या और नीरव मोदी जैसे उद्योगपति बैंकों से हजारों करोड़ रुपये लेकर फरार हो गए, लेकिन इन्हीं बैंकों में कई बार आम लोगों को छोटी-छोटी बातों के लिए परेशान किया जाता है। ऐसा ही एक मामला तमिलनाडु में सामने आया है, जहां महज 1 रुपये के लिए एक ग्राहक का लाखों रुपये का सोना नहीं लौटाया गया। मामला अब हाई कोर्ट में पहुंच गया है।
कांचीपुरम में एक कोऑपरेटिव बैंक ने 1 रुपये के डिफॉल्ट का आरोप लगाकर कस्टमर सी कुमार द्वारा गिरवी रखे गए 3.5 लाख रुपये मूल्य का सोना (169 ग्राम) जब्त कर लिया। और ऐसा भी नहीं है कि कुमार एक रुपये का भुगतान नहीं करना चाहते थे, लेकिन बैंक द्वारा परेशान किए जाने के बाद अब उन्होंने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।
कांचीपुरम सेंट्रल कोऑपरेटिव बैंक के ग्राहक सी कुमार ने 6 अप्रैल 2010 को 31 ग्राम सोना गिरवी रखा और 1.23 लाख रुपये का लोन लिया। 28 मार्च 2011 को उन्होंने ब्याज सहित बैंक का कर्ज चुका दिया, लेकिन बैंक का रिकॉर्ड बताता है कि 1 रुपया पेंडिंग रह गया।
इसके बाद 9 फरवरी 2011 को उन्होंने 85 ग्राम सोना गिरवी रखकर 1.05 लाख रुपये का लोन लिया। 28 फरवरी 2011 को 52 ग्राम और सोना गिरवी रखकर उन्होंने 60 हजार रुपये लोन लिया। कुछ दिनों बाद उन्होंने दोनों कर्ज चुका दिया, लेकिन 1 रुपये बैलेंस के साथ लोन अकाउंट्स को चालू रखा गया।
याचिकाकर्ता के वकील एम साथयान के मुताबिक सी कुमार ने बैंक से कई बार गहने लौटाने और पेंडिंग 1 रुपया स्वीकार करने की अपील की। पुलिस ने भी बैंक के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया, लेकिन उन्हें गहने वापस नहीं मिले। याची को गिरवी रखे गए गहनों की सुरक्षा को लेकर शक है और इसलिए अब उन्होंने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। शुक्रवार को इस मामले में सुनवाई हुई। जस्टिस टी राजा ने सरकारी वकील को 2 सप्ताह के भीतर अथॉरिटीज से निर्देश लेने को कहा है।