आवक घटने से जीरा के भाव में सुधार, छोटी इलायची में नरमी

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नई दिल्ली। जीरे की लगातार गिरती कीमतों के कारण उत्पादक केन्द्रों पर किसानों ने माल रोकना शुरू कर दिया है। जिस कारण से मंडियों में आवक घटने लगी है।

उल्लेखनीय है कि चालू सप्ताह के शुरू में ऊंझा मंडी में जीरे की दैनिक आवक 38/40 हजार बोरी की हो गई थी जोकि आज घटकर 25 हजार बोरी की रह गई है। गोंडल मंडी में भी सप्ताह के शुरू में 9000/10000 बोरी की आवक हो गई थी जोकि वर्तमान में घटकर 2500/3000 बोरी की रह गई है।

कमजोर आवक एवं बढ़ती लिवाली के कारण गत दो दिनों के दौरान जीरा की कीमतों में 800/1000 रुपए प्रति क्विंटल की तेजी दर्ज की गई हो सूत्रों का कहना है कि हाल-फिलहाल बाजार में अधिक तेजी संभव नहीं है।

क्योंकि इस वर्ष उत्पादन अधिक होने के कारण आगामी दिनों में आवक का दबाव बनेगा। लेकिन वर्तमान भावों में अब अधिक मंदा भी नहीं है। क्योंकि अधिक उत्पादन का मंदा बाजार में आ चुका है।

छोटी इलायची में नरमी : विगत कुछ समय से छोटी इलायची में नियमित एवं लोकल मांग का अभाव बना रहने के कारण नरमी का रुख बना हुआ है। सूत्रों का कहना है कि अभी हाल-फिलहाल तेजी की संभावना भी नहीं है।

क्योंकि मार्च क्लोजिंग होने के कारण प्रत्येक वर्ष जिंसों का व्यापार प्रभावित होता है। प्राप्त जानकारी के अनुसार उत्पादक केन्द्रों पर आज हुई हैदर सिस्टम लिमिटेड नीलामी में अधिकतम भाव 1975 रुपए एवं एवरेज भाव 1519 रुपए प्रति किलो बोले गए।

छोटी इलायची के अलावा बड़ी इलायची में भी व्यापार कम हो रहा है जिस कारण से कीमतों में गिरावट बनी हुई है। जबकि स्टॉक की कमी के कारण आगामी दिनों में बड़ी इलायची के भाव बढ़ने की संभावना है।

कालीमिर्च में व्यापार कम: विगत कुछ समय से कालीमिर्च में व्यापार कम होने के कारण नरमी का रुख बना हुआ है। वर्तमान हालात को देखते हुए हाल-फिलहाल कीमतों में तेजी की संभावना भी नहीं है।

चालू सीजन के दौरान देश में कालीमिर्च का उत्पादन 70/72 हजार टन होने के अनुमान लगाए जा रहे हैं। जबकि गत वर्ष उत्पादन 60/62 हजार टन का रहा था। वर्तमान में उत्पादक केन्द्रों को मंडियों पर नए मालों की आवक संतोषजनक चल रही है जबकि धारणा तेजी की नहीं होने के कारण लिवाल कमजोर है।

वर्तमान में कोचीन बाजार में कालीमिर्च के भाव क्वालिटीनुसार 525/555 रुपए प्रति किलो बोले जा रहे हैं जबकि चालू माह के शुरू में भाव 585/625 रुपए बोले जा रहे थे। सूत्रों का मानना है कि अब कालीमिर्च के गिरते भाव रुकने चाहिए। क्योंकि भाव काफी घट जाने के कारण लोकल मांग में सुधार होने की संभावना है।