नई दिल्ली। देश भर में रबी की प्रमुख फसल गेहूं की बोआई ने रफ्तार पकड़ ली है। त्योहार समाप्त होने के बाद 16 नवंबर को समाप्त में उत्तर भारत के विभिन्न इलाकों में गेहूं का रकबा बढ़ा है। हालांकि यह पिछले साल की समान अवधि से अभी कम है।
ताजा आंकड़ों के मुताबिक शुक्रवार तक चालू रबी मौसम में अब तक गेहूं की बोआई का रकबा पांच प्रतिशत घटकर 86.02 लाख हेक्टेयर रह गया है। कृषि मंत्रालय के आंकड़ों में यह जानकारी दी गई है। पिछले साल की समान अवधि में गेहूं का रकबा 91.02 लाख हेक्टेयर था।
मंत्रालय ने कहा, ‘‘पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान 91.02 लाख हेक्टेयर की तुलना में इस बार लगभग 86.02 लाख हेक्टेयर रकबे में बोआई हुई है। इस प्रकार पिछले वर्ष की तुलना में 5.01 लाख हेक्टेयर कम रकबे में बोआई की गई है।’’
अब तक उत्तर प्रदेश (3.87 लाख हेक्टेयर), पंजाब (2.28 लाख हेक्टेयर), हरियाणा (2.14 लाख हेक्टेयर) और गुजरात (0.71 लाख हेक्टेयर) में गेहूं बोआई का रकबा कम है। गेहूं का अधिक बोआई रकबा मुख्य रूप से मध्य प्रदेश (3.44 लाख हेक्टेयर) और राजस्थान (0.68 लाख हेक्टेयर) में बताया गया है। सरकार ने गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है।
सरसों/रैपसीड का रकबा 69.31 लाख हेक्टेयर की तुलना में घटकर 68.55 लाख हेक्टेयर रह गया है। 17 नवंबर तक सभी रबी फसलों के तहत खेती का कुल रकबा तीन प्रतिशत घटकर 248.59 लाख हेक्टेयर रह गया है, जबकि एक साल पहले की समान अवधि में यह 257.46 लाख हेक्टेयर था।
चने व सरसों की बोआई भी सुधरी है। सरसों की बोआई 69.3 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है। सामान्यतया रबी सीजन में 73 लाख हेक्टेयर में सरसों की बोआई होती है।