जयपुर। राजस्थान में संस्कृत शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए 19 नए संस्कृत काॅलेज खुलेंगे। बूंदी, बारां, झालावाड़, करौली, भीलवाड़ा, नागौर, टोंक, पाली, सिरोही, जालोर, जैसलमेर, बाड़मेर, चित्तौड़गढ़, प्रतापगढ़, श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़ जिलों में संस्कृत महाविद्यालय शुरू किए जाएंगे। इससे प्रदेश के समस्त जिलों में संस्कृत महाविद्यालय स्थापित हो जाएंगे।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोट द्वारा इसके बारे में बजट 2023-24 में घोषणा की गई थी। निदेशक संस्कृत शिक्षा राजस्थान भास्कर शर्मा ने इस बजट घोषणा की क्रियान्विति के लिए नोडल अधिकारियों की नियुक्ति के आदेश जारी किए हैं।
नोडल अधिकारियों को संबंधित जिला कलक्टर व विभागीय अधिकारियों से संपर्क कर महाविद्यालय स्थापना के लिए अध्ययन अध्यापन के लिए अनुकूल वातावरण व सुलभ आवागमन से युक्त कम से कम 5 एकड़ भूमि एवं अस्थाई भवन की व्यवस्था करने के लिए निर्देशित किया है।
संस्कृत काॅलेज कोटा के रुक्टा इकाई सचिव डाॅ. हंसराज गुप्ता ने कहा कि प्रदेश के सभी जिलों में कम से कम एक संस्कृत महाविद्यालय संस्कृत शिक्षा के उत्तरोत्तर विकास के लिए समय की मांग थी। प्रदेश में संस्कृत शिक्षा के सैकड़ों नेट पीएचडीधारी प्रतिभावान छात्र-छात्राएं स्कूली स्तर पर अपनी सेवाएं देने पर मजबूर हैं।
वहीं इतने ही छात्र बेरोजगार हैं या अन्य प्रदेशों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। प्रदेश में पहले से 31 सरकारी संस्कृत काॅलेज चल रहे हैं, जहां पिछले 18 वर्षों से नवीन नियुक्तियां नहीं हुई है। इससे अब नवीन नियुक्तियों का मार्ग भी सरकार की ओर से प्रशस्त किया जाएगा।