राजस्थान सरकार के बजट में वैट की समस्याओं का निराकरण हो

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टैक्स बार एसोसिएशन कोटा ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को भेजा पत्र 

कोटा। टैक्स बार एसोसिएशन कोटा (Tax Bar Association Kota) के अध्यक्ष एडवोकेट राजकुमार विजय ने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखकर 24 फरवरी को पेश किए जाने वाले बजट में वैट (Value added tax) में आ रही विभिन्न समस्याओं के लिए बजट में इसके समुचित समाधान करने की मांग की है। ताकि प्रदेश के करदाताओं को राहत मिल सके।

राजस्थान में वैल्यू ऐडेड टैक्स को समाप्त हुए 3 वर्ष से अधिक समय हो चुका है और अभी भी राजस्थान के करदाताओं के लिए कतिपय समस्याएं बनी हुई है! जिनका निराकरण आगामी बजट में किया जाना संभव है , इसमें प्रमुख रूप से निम्न है!

आईटीसी सत्यापन (ITC Verification)
विगत लंबे समय से आईटीसी सत्यापन के लिए विभिन्न प्रकार के प्रयास किए गए परंतु आईटीसी सत्यापन अभी तक एक बड़ी समस्या के रूप में करदाताओं के सामने खड़ी हुई है! पत्र में कहा गया कि ईमानदार करदाताओं के लिए एक सरलीकृत व्यवस्था का बजट में प्रावधान होना चाहिए, जिससे सत्यापन किया जा सके और कर चोरी करने वाले लोगों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जा सके!

घोषणा पत्र (Declaration letter)
वैल्यू ऐडेड टैक्स के तहत विभिन्न प्रकार के घोषणा पत्र को प्रस्तुत करने की अंतिम तिथि को एक बार 30 जून 2021 तक बढ़ाई जाने का प्रावधान बजट में होना चाहिए, जिससे घोषणा पत्रों के विरुद्ध बकाया राशि का निस्तारण किया जा सके!

एमनेस्टी (Amnesty scheme)
विभाग में लंबित विभिन्न मांग राशियों के लिए एक एमनेस्टी योजना को बजट में लाया जाना चाहिए, जिससे विभिन्न प्रकार की मांग राशियों का निस्तारण किया जा सके! जिससे विभाग के कर संग्रहण के लक्ष्य भी पूरे होंगे और प्रदेश के करदाताओं को राहत भी प्रदान होगी!

सेल्स मिस मैच (Sales miss match)
सेल्स मिसमैच के रूप में निकाली गई मांग राशियों का तर्कपूर्ण समाधान करते हुए इस तरह की व्यवस्था की जाए की त्वरित रूप से सेल्स मिसमैच की मांग राशि का निस्तारण हो सके, क्योंकि इससे इमानदार करदाताओं को भारी समस्या का सामना करना पड़ रहा है!

चालान मिसमैच (Invoice mismatch)
विभाग द्वारा चालान मिसमैच को एक समस्या के रूप में प्रस्तुत किया जाता रहा है जबकि चालान का सत्यापन विभाग की स्वयं की जिम्मेदारी होती है! इसके लिए भी एक सही व्यवस्था का प्रावधान किया जाए और चालान मिसमैच की समस्त मांग राशियों का विवेकपूर्ण निस्तारण किया जाए!