भारतीय किसान संघ का तीनों कृषि कानूनों को समर्थन, संशोधन की मांग

0
496

कोटा। भारतीय किसान संघ की ओर से गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर रविवार को मानव विकास भवन रावतभाटा रोड पर भारत माता पूजन किया गया। इसके बाद आयोजित बैठक में 16 से 28 फरवरी तक तहसीलों के सम्मेलन करने तथा ग्राम समितियां गठित करने का निर्णय लिया गया। वहीं सदस्यता अभियान की समीक्षा भी की गई। बैठक को शंकरलाल नागर, प्रदेश सहकारिता प्रमुख शिवराज पुरी तथा प्रान्त संगठन मंत्री परमानन्द ने संबोधित किया। संभाग प्रवक्ता आशीष मेहता ने बताया कि भारतीय किसान संघ के कार्यकर्ता अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए निधि समर्पण में सहयोग करेंगे।

भारत माता पूजन में प्रान्त संगठन मंत्री परमानन्द ने कहा कि भारत के टुकड़े करने वालों का स्वप्न कभी पूरा नहीं होगा। जागृत समाज और जागृत किसान भारत की एकता और अखण्डता के लिए सदैव कार्य करेंगे। उन्होंने कहा कि भारतीय किसान संघ ने 1998 में डंकल प्रस्तावों पर अटल सरकार के विरूद्ध देशव्यापी आन्दोलन किया था। हम कुछ संशोधनों के साथ तीनों कृषि कानूनों के साथ हैं। किसी भी समस्या का हल वार्ता से ही निकल सकता है। संवादहीनता की स्थिति में किसी भी आन्दोलन को समाधान की ओर नहीं ले जा सकते हैं।

शंकरलाल नागर ने कहा कि सरकार के समझौतावादी रूख का भारतीय किसान संघ समर्थन करता है। इसमें बिन्दुवार चर्चा, कानूनों में वाजिब संशोधन, शंकाओं के लिए लिखित आश्वासन और कृषि कानूनों को डेढ वर्ष तक स्थगित रखने के प्रस्ताव का स्वागत है। कानूनों के स्थगन के समय अवधि में एक सक्षम, तटस्थ समाधानपरक सदस्यों की समिति गठित की जानी चाहिए। जिसमें देशभर के पंजीकृत किसान संगठनों का प्रतिनिधित्व हो।

शिवराज पुरी ने कहा कि आन्दोलनरत किसान संगठन किसानों की वर्षाें की लम्बित समस्याओं के समाधान की ओर ले जाने में सहयोग करें। सरकार को आन्दोलन के बाहर रहे अन्य किसान संगठनों की उपेक्षा नहीं करनी चाहिए। सरकार किसान प्रतिनिधियों से सहमति लेकर समिति का गठन करे और उसे संवैधानिक अधिकार भी दें। वहीं किसानों को गणतंत्र दिवस पर शांति और सौहार्द का परिचय देकर विश्व को यह दिखाना चाहिए कि यह हमारी घरेलू लड़ाई है। हम देशहित और राष्ट्रीय सुरक्षा को वरीयता देते हैं। भारतीय किसान संघ की तीनों कानूनों में संशोधन और न्यूनतम समर्थन मूल्य को कानूनी स्वरूप देने की मांगें यथावत हैं। जिनके लिए आवश्यक हुआ तो सड़कों पर आने के बारे में भी विचार किया जाएगा।

बैठक में जिलाध्यक्ष गिरीराज चौधरी, जिला प्रचार प्रमुख रूपनारायण यादव, हंसराज, महावीर नागर, देवीशंकर गुर्जर, प्रभुदयाल धाकड़, अश्विनी जैन, महावीर सुमन, राजेन्द्र नागर, नन्दलाल गौड़, उमेश नागर, कजोडमल, अखिलेश समेत कईं कार्यकर्ता मौजूद रहे।

गेहूं, चना खरीद की प्रक्रिया प्रारंभ करे सरकार
संभागीय मीडिया प्रभारी आशीष मेहता ने कहा कि अगले महीने से गेहूं और चने की कृषि उपज आ जाएगी। लेकिन, राज्य सरकार की ओर से अभी तक कोई तैयारियां प्रारंभ नहीं हुई हैं। सरकार ने अभी तक गिरदावरी तक नहीं कराई है। ऐसे में, फसल आने के बाद आनन फानन में आधी अधूरी तैयारियांे से खरीदी की जाएगी। जिससे किसानों को अपनी उपज औने पौने दामों में बेचने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। इसके लिए आगामी दिनों में तहसीलों में प्रदर्शन कर ज्ञापन सौंपे जाएंगे।