नई दिल्ली। रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने रविवार को बताया कि रेलवे द्वारा सोमवार से शुरू की जा रहीं 40 क्लोन (मूल ट्रेन जैसी दूसरी ट्रेन) ट्रेनों के जरिये ज्यादा यातायात वाले मार्गो पर प्रतीक्षा सूची वाले यात्री अपनी मंजिल पर मूल ट्रेन के मुकाबले दो-तीन घंटे पहले पहुंचने की उम्मीद कर सकते हैं।
अधिकारी ने कहा कि मुख्य रूप से वातानुकूलित तृतीय श्रेणी की कम ठहराव, ज्यादा गति और मूल ट्रेन के मुकाबले पहले प्रस्थान समय वाली ये क्लोन ट्रेनें उन यात्रियों के लिए खासतौर पर फायदेमंद हैं जिन्हें किसी आपात कारण से या आखिरी समय में यात्रा की योजना बनानी पड़ी है। अधिकारी ने कहा कि उनका ठहराव ‘ऑपरेशनल हॉल्ट’ या रास्ते में पड़ने वाले मंडल मुख्यालयों (अगर कोई हो तो) तक ही सीमित होगा, जिससे यात्रा का समय घटेगा।
40 क्लोन ट्रेनों का शिडयूल
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘हम यह मान रहे हैं कि इस दौरान लोग सिर्फ आपातकालीन जरूरतों के लिए ही यात्रा करेंगे और हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि ज्यादा यातायात वाले मार्गो पर हम उन सभी यात्रियों को समायोजित कर सकें जो यात्रा करना चाहते हैं।’
हमसफर एक्सप्रेस के बराबर लिया जाएगा किराया
रेलवे ने उच्च मांग वाले मार्गो पर 20 जोड़ी ट्रेनें शुरू की हैं जिनमें अधिकतर बिहार, बंगाल, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक के बीच हैं। इनमें से 18 डिब्बों वाली 19 जोड़ी ट्रेनों के लिए टिकट का किराया हमसफर एक्सप्रेस के बराबर लिया जाएगा, जबकि लखनऊ-दिल्ली के बीच चलने वाली 22 डिब्बों वाली क्लोन ट्रेन का किराया जनशताब्दी एक्सप्रेस के बराबर होगा। रेलवे ने कहा कि इन ट्रेनों की अग्रिम बुकिंग 10 दिन की होगी और बुकिंग 19 सितंबर की सुबह आठ बजे से शुरू हो चुकी है।
रियायती टिकट मिलते रहेंगे
स्पेशल ट्रेनों में रियायती टिकट को लेकर रेल मंत्रालय स्पष्ट कर चुका है कि छात्रों, दिव्यांगजनों की चार श्रेणियां और कोरोना को देखते हुए स्वास्थ्य की दृष्टि से मरीजों की 11 श्रेणियों को छोड़ कोई रियायती टिकट जारी नहीं होगा। लेकिन दिव्यांग, कैंसर पीडि़त, थैलेसीमिया पीड़ित, दिल और किडनी के मरीज, सीनियर सिटीजन, मीडिया आदि को रियायती टिकट मिलते रहेंगे।
क्या है क्लोन ट्रेन?
जिन ट्रेनों में वेटिंग लिस्ट लंबी होगी, उसके लिए एक और ट्रेन चलाई जाएगी। इसे ही क्लोन ट्रेन नाम दिया गया है। ये क्लोन ट्रेन, एक्चुअल ट्रेन से पहले चलेगी, ताकि ज्यादातर यात्रियों को जगह मिल सके।