मन की बात / पीएम मोदी ने कारगिल दिवस पर शहीद भारतीय सैनिकों को याद किया

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    नयी दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज 67वीं बार मन की बात कार्यक्रम में देश की जनता को संबोधित करते हुए करगिल युद्ध के 21 साल पूरे होने पर इस जंग में जान गंवाने वाले भारतीय सैनिकों को याद किया और श्रद्धांजलि दी। इस दौरान प्रधानमंत्री ने कहा- आज करगिल विजय दिवस है। पाकिस्तान ने भारत की पीठ में छुरा भोंकने की कोशिश की थी, लेकिन जीत भारत के सैनिकों के हौसले की हुई।

    प्रधानमंत्री ने कहा- वो दिन सबसे अनमोल क्षणों में से एक है। सोशल मीडिया पर भी लोग अपने वीरों को नमन कर रहे हैं। मैं सभी देशवासियों की तरफ से उन वीर माताओं को नमन करता हूं, जिन्होंने ऐसे वीरों को जन्म दिया।

    पिछली बार चीन को करारा जवाब दिया था
    पिछले महीने 28 जून को मोदी ने मन की बात में गलवान झड़प पर चीन को करारा जवाब दिया था। उन्होंने कहा कि लद्दाख में भारत की भूमि पर आंख उठाकर देखने वालों को करारा जवाब मिला। हमें दोस्ती निभाना और आंखों में आंखें डालकर जवाब देना आता है। लद्दाख में हमारे जो वीर जवान शहीद हुए हैं, उनके शौर्य को पूरा देश नमन कर रहा है।

    बच्चे घर में दादा-दादी का इंटरव्यू करें
    मोदी ने यह भी कहा कि कोरोना की वजह से कई लोगों ने मानसिक तनाव जिंदगी गुजारी। वहीं कुछ लोगों ने लिखा कि कैसे उन्होंने इस दौरान छोटे-छोटे पलों को परिवारों के साथ बिताया। मेरे नन्हें साथियों से भी मैं आग्रह करना चाहता हूं। माता-पिता से पूछकर मोबाइल उठाइए और दादा-दादी और नाना-नानी का इंटरव्यू कीजिए। पूछिए, उनका बचपन में रहन-सहन कैसा था, क्या खेलते थे, मामा के घर जाते थे, त्योहार कैसे मनाते थे। उन्हें 40-50 साल पीछे जिंदगी में जाना आनंद देगा और आपको तब की चीजें सीखने को मिलेंगी।

    देश के युवा टैलेंट और स्किल के दम पर कर रहे हैं नए प्रयोग
    सकारात्मक अप्रोच से हमेशा आपदा को अवसर में विपत्ति को विकास में बदलने में मदद मिलती है। हम कोरोना के समय भी देख रहे हैं कि कैसे देश के युवाओं-महिलाओं ने टैलेंट और स्किल के दम पर कुछ नए प्रयोग शुरू किए हैं। बंबू से आप अगर इनकी क्वालिटी देखेंगे तो भरोसा नहीं होगा कि बांस की बोतलें भी इतनी शानदार हो सकती हैं और फिर ये बोतलें इको-फ्रेंडली भी हैं।

    कोरोना काल में ग्रामीणों ने दिखाई दिशा
    एक तरफ हमें कोरोना के खिलाफ लड़ाई को पूरी सजगता और सतर्कता के साथ लड़ना है तो दूसरी ओर कठोर मेहनत से व्यवसाय, नौकरी, पढ़ाई जो भी कर्तव्य हम निभाते हैं, उसमें गति लानी है, उसको नई ऊंचाई पर ले जाना है। साथियो कोरोना काल में तो हमारे ग्रामीण क्षेत्रों ने पूरे देश को दिशा दिखाई है। गांवो से स्थानीय नागरिकों और ग्राम पंचायतों के अनेक अच्छे प्रयास लगातार सामने आ रहे हैं। कोरोना अभी भी उतना ही घातक है जितना पहले थाा।

    किसी भी व्यक्ति को खोना दुखद है
    निश्चित रूप से एक भी व्यक्ति को खोना दुखद है, लेकिन भारत अपने लाखों देशवासियों का जीवन बचाने में सफल भी रहा है। कभी-कभी हमें मास्क से तकलीफ होती है और मन करता है कि चेहरे पर से मास्क हटा दें। बातचीत करना शुरू करते हैं। जब मास्क की ज्यादा जरूरत होती है, उसी समय मास्क हटा देते हैं।

    एकजुट होकर देश ने किया कोरोना का मुकाबला
    कभी-कभी हम इस बात को समझे बिना सोशल मीडिया पर ऐसी चीजों को बढ़ावा दे देते हैं जो हमारे देश का बहुत नुकसान करती हैं। कभी-कभी जिज्ञासावश फॉरवर्ड करते रहते हैं। पता है गलत है ये- करते रहते हैं। पिछले कुछ महीनों से देश ने एकजुट होकर जिस तरह कोरोना से मुकाबला किया है, उसने अनेक आशंकाओं को गलत साबित किया है। देश में रिकवरी रेट अन्य देशों के मुकाबले बेहतर है, मृत्यु-दर भी दुनिया के ज्यादातर देशों से काफी कम है।