सैन फ्रांसिस्को। Apple Inc और Alphabet Inc की गूगल ने एक बड़ा फैसला लिया है। यह फैसला आपके लोकेशन ट्रैकिंग को लेकर लिया गया है। दोनों ही कंपनियों ने कहा है कि वो अपनी Apps के लोकेशन ट्रैकिंग पर रोक लगाने वाली हैं। एपल और गूगल ने सोमवार को इस मामले में ऐलान करते हुए कहा है कि वे एप्स के लोकेशन ट्रैकिंग सिस्टम पर रोक लगाएंगी।
दोनों कंपनियों ने कोरोना वायरस के फैलाव को रोकने के लिए नया कांट्रैक्ट ट्रेसिंग सिस्टम विकसित किया था, जो लोकेशन ट्रैकिंग का इस्तेमाल करता था। 99 फीसद Smartphones को ऑपरेटिंग सिस्टम देने वाली कंपनियां Apple व Google ने पिछले महीने घोषणा की थी कि दोनों मिलकर कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए एक प्रणाली विकसित करने का काम करेंगी।
वे ऐसी प्रणाली विकसित करेंगी, जिसके जरिए कोरोना संक्रमित के पास आने वाले व्यक्ति को चिह्नित व सतर्क किया जा सकेगा। दोनों कंपनियों ने कहा कि इसका प्राथमिक उद्देश्य निजता और सरकार को इसके जरिए नागरिकों के डाटा को एकत्रित करने से रोकना था। यह प्रणाली संक्रमितों के संपर्क को चिह्नित करने के लिए ब्लूटूथ का इस्तेमाल करती थी।
हालांकि, अमेरिका में कोरोना वायरस से संबंधित एप विकसित करने वाली कंपनियों ने कहा कि इस प्रणाली के जरिये कोरोना संक्रमितों के संपर्क की पहचान तभी संभव थी जब प्रणाली को जीपीएस लोकेशन डाटा की अनुमति प्रदान की जाती। बता दें कि दोनों ही कंपनियों ने एक एक प्राइवसी-बेस्ड कोविड-19 ट्रैकिंग सिस्टम बनाने के लिए हाथ मिलाया है। यह ऐप प्ले स्टोर और iOS पर उपलब्ध होगा। यह वर्तमान सिस्टम से अलग होगा जिसका उपयोग भारत सरकार ने अपने Aarogya Setu App में भी किया है।
गूगल और ऐपल ने मिलकर ब्लूटूथ ट्रेसिंग की मदद से एक ऐप बनाने का ऐलान किया जिसमें यूजर की सुरक्षा का ध्यान रखते हुए कोविड-19 को रोकने में सरकार की मदद की जाएगी। गूगल और एप्पल का कोविड-19 ट्रैकिंग सिस्टम शॉर्ट रेंज ब्लूटूथ लॉ-एनर्जी (BLE) ट्रांसमीशन और पब्लिक हेल्थ अथॉरिटी द्वारा मंजूर किए गए ऐप्स का इस्तेमाल करेगा।