मुंबई। एवेन्यू सुपर मार्केट के मालिक और निवेशक राधाकृष्ण दमानी हाल ही में देश के दूसरे सबसे अमीर व्यक्ति बन गए हैं। रोचक यह है कि 65 वर्षीय दमानी पहले निवेशक रहे और 47 की उम्र में वर्ष 2002 में पहला डी-मार्ट स्टोर खोला। उन्होंने 18 साल में ही दिग्गज कंपनियों को पीछे छोड़ दिया है। इस समय कंपनी की मार्केट कैप 1.5 लाख करोड़ रुपए है।
कंपनी में 80 फीसदी हिस्सेदारी रखने वाले दमानी 1.27 लाख करोड़ रुपए की संपत्ति के मालिक हैं। उधर, 4.13 लाख करोड़ रुपए की संपत्ति के मालिक मुकेश अंबानी नंबर एक पर हैं। डी-मार्ट के 196 स्टोर, 36 डिस्ट्रीब्यूशन सेंटर और 7 पैकिंग सेंटर हैं। कंपनी के देशभर में 9,780 कर्मचारी हैं।
1. दमानी ऐसे सुपररिच जिनकी अपनी कंपनी में सबसे ज्यादा हिस्सेदारी
नाम | कंपनी (लिस्टेड) | शेयर (%) |
राधाकृष्ण दमानी | एवेन्यू सुपरमार्ट्स | 79.8 |
गौतम अदाणी | अदाणी एंटरप्राइजेज | 74.9 |
एएम नायक | एल एंड टी इंफोटेक | 74.8 |
टाटा सन्स | टीसीएस | 72 |
अतुल रुइया | फिनिक्स मिल्स | 62.7 |
शेखर बजाज | बजाज इलेक्ट्रिकल्स | 62.7 |
मुकेश अंबानी | रिलायंस इंडस्ट्रीज | 50 |
2. डी-मार्ट के रिलायंस से 55 गुना कम स्टोर, लेकिन फायदा 4 गुना से ज्यादा
कंपनी | राजस्व | फायदा | स्टोर |
डी-मार्ट | 25844 | 965 | 196 |
स्पेन्सर्स | 18107 | — | 120 |
रिलायंस रिटेल | 13901 | 232 | 10901 |
फ्यूचर रिटेल्स | 12914 | 252 | 2000 |
वी-मार्ट | 9849 | 273 | 228 |
नोट: राशि करोड़ रुपए में। आंकड़े वित्तीय वर्ष 2018-19 के हैं। 2019-20 के आंकड़े अभी नहीं आए हैं। स्टोर्स की संख्या कंपनी की वेबसाइट के अनुसार। स्रोत: स्वास्तिका इंवेस्ट मार्ट।
3. फ्लिपकार्ट, ओला जैसी मशहूर कंपनियां घाटे में, लेकिन डी-मार्ट फायदे में
- 2007 में शुरू हुई देश की सबसे बड़ी ऑनलाइन रिटेल कंपनी फ्लिपकार्ट घाटे में है। 2018-19 में कंपनी को 5459 करोड़ रुपए का घाटा हुआ था। जबकि डी-मार्ट को इसी दौरान 902 करोड़ का फायदा।
- इसी तरह देश की सबसे बड़ी कैब कंपनी ओला को 2017-18 में 2676 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ, जबकि ऑनलाइन फूड डिलीवरी कंपनी जोमैटो को भी 2018-19 में 570 करोड़ का घाटा हुआ।
4.मध्यमवर्गीय रिहायशी इलाकों में खोलते हैं स्टोर
- खुद की बिल्डिंग खरीदते हैं। लीज पर ली तो यह अवधि भी 30 साल से ज्यादा होती है।
- देश की एफएमसीजी इंडस्ट्री में वेंडर को 12 से 21 दिन में पेमेंट होता है। वहीं डी-मार्ट अपने वेंडर्स को 11वें दिन ही पेमेंट कर देता है।
- वस्तु विशेष के कुछ मुख्य ब्रैंड और अपने ब्रैंड का सामान ही रखते हैं, ताकि ग्राहक भ्रमित न हो।
- डीमार्ट में स्टॉक खत्म करने का समय औसतन 30 दिन। जबकि अधिकांश कंपनियों में 70 दिन।
- नए स्टोर खोलने की रफ्तार धीमी है। रिलांयस रिटेल 2006 में शुरू हुआ और उसके 10 हजार से ज्यादा स्टोर्स हैं। जबकि डी-मार्ट 2002 में शुरू हुआ और उसके अभी 200 से कम स्टोर हैं।
- अधिकांश रिटेल स्टोर मध्यमवर्गीय रिहाइशी में खोलते हैं, जहां प्रॉपर्टी के दाम कम हो।
वॉलमार्ट से प्रभावित, शुरू करने से पहले कई बार गए अमेरिका
दमानी डी-मार्ट की शुरुआत से पहले कई बार अमेरिका गए। वे दुनिया की सबसे बड़ी रिटेल कंपनी वॉलमार्ट के संस्थापक सैम वाॅल्टन की रिटेल थ्योरी को समझना चाहते थे। बाद में उन्होंने एवरी-डे लो प्राइस और एवरी-डे लो कॉस्ट जैसी थ्योरी कंपनी में लागू भी की। दमानी राजस्थान में बीकानेर के रहने वाले हैं। उनके पिता शिव किशन दमानी स्टॉक ब्रोकर थे। पिता की मृत्यु के बाद ही दमानी स्टॉक मार्केट ब्रोकिंग बिजनेस में आए।
दमानी का परिवार
दमानी की तीन बेटियां हैं। बड़ी बेटी मधु और दूसरे नंबर की बेटी मंजरी का विवाह मुंबई के मशहूर चांडक डेवलपर परिवार में हुआ है। मधु का विवाह अभय चांडक और मंजरी का विवाद आदित्य चांडक से हुआ है। डी-मार्ट स्टोर्स का बिजनेस बड़ी बेटी मधु और दूसरे नंबर की बेटी मंजरी की देखरेख में होता है।