मुंबई। पिछले पांच दिनों शेयर बाजार में हुई उठापटक का सबसे बड़ा असर रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) पर पड़ा है और कंपनी को करीब एक लाख करोड़ का नुकसान उठा पड़ा है। बाजार के नर्वस मूड और कमोडिटी में उछाल ने RIL को झटका दिया और इससे देश की सबसे वैल्युएबल कंपनी का खिताब भी छिन गया।
टीसीएस 10 जनवरी के बाद फिर से देश की सबसे वैल्युएबल कंपनी बन गई। शुक्रवार को टीसीएस का मार्केट कैप 8.01 लाख करोड़ था जबकि RIL का मार्केट कैप 7.93 लाख करोड़ था। जानकारों का कहना है कि विदेशी निवेशकों के पीछे हटने से मार्केट में गिरावट आई है। सेंसेक्स और निफ्टी में सबसे ज्यादा रुतबा रखने वाली रिलायंस को नुकसान भी सबसे ज्यादा हुआ है। तीन दिनों में विदेशियों ने भारतीय शेयर मार्केट से 2,500 करोड़ रुपये मार्केट से निकाल लिए।
शुक्रवार को पहले RIL दो फीसदी के फायदे में थी लेकिन बाद में नीचे आ गई। मॉर्गन स्टैनली ने रिलायंस डाउनग्रेड कर दिया है। वेनेजुएला और ईरान से गैस की आपूर्ति में कमी के साथ गैस और पॉलीईस्टर मार्केट में गिरावट की वजह से भी RIL की कमाई में कमी आई है।स्टॉक में गिरावट की वजह से भारती एयरटेल और रिलायंस जियो के बीच का अंतर भी कम हो गया।
मार्च में खत्म होने वाली तिमाही में मुकेश अंबानी की कंपनी ने नेट प्रॉफिट में 9.8 फीसदी की वृद्धि दिखाई थी। इस दौरान ग्रॉस रिफाइनरी का मार्जिन अपने 17 क्वार्टर में सबसे कम था। दूसरी तरफ टीसीएस का प्रदर्शन उम्मीद से बेहतर रह। इस साल टीसीएस के शेयरों में 12.8 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।