Bhagwat Katha: श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव के साथ श्रद्धालुओं के जयकारों से गूंजा पांडाल

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कोटा। श्री महर्षि दधीचि छात्रावास में भागवत कथा के पांचवेदिवस आचार्य पंडित कौशल किशोर दाधीच (रायथल) ने कृष्ण जन्म, नन्दोत्सव एवं श्रीकृष्ण -रुक्मिणी विवाह प्रसंग को विस्तार से सुनाया गया। पीपल्दा विधायक चेतन पटेल, कांग्रेस जिला अध्यक्ष रविन्द्र त्यागी, ब्राह्मण कल्याण परिषद के संयोजक अनिल तिवारी, पीसीसी सदस्य क्रांति तिवारी, गौतम समाज एवं महिला राष्ट्रीय सचिव संतोष शर्मा अतिथि के रूप में मौजूद रहे।

नंद के आनंद भये जय कन्हैया लाल की, की गूंज के साथ कन्हैया जन्मे। दाधीच छात्रावास प्रांगण में कृष्ण जयकारों से गूंज उठा। चौतरफा बधाईयों का सिलसिला चल पड़ा। इस उत्सव में ग्वालन बनी महिलाओं ने नृत्य कर अपनी खुशी का इजहार किया, तो पुरूष वासुदेव बन बाल कान्हा को अपने सिर पर उठा कर घूमे। भगवान श्री कृष्ण का जन्मोत्सव श्रद्धा एवं उत्साह पूर्वक मनाया गया।

कथा वाचक आचार्य पंडित कौशल किशोर दाधीच ने संगीतमय भजनों से कृष्ण जन्म के गीतो को प्रारंभ कर,जय कन्हैया लाल की जयकारों से पूरे पंडाल को गुंजायमान कर दिया। नंद के आनंद भयो जय कन्हैया लाल की गीत पर विभिन्न क्षेत्र से पहुंचे श्रद्धालु भाव विभोर हो कर नाचने लगे। इस मौके पर भगवान श्री कृष्ण की जीवंत झांकियां सजाई गई, जिसे देखकर श्रद्धालु अभिभूत हो उठे और श्रद्धा के साथ नाच गाकर अपनी खुशी व्यक्त करने लगे।

प्रभु का अवतार अत्याचार को समाप्त करने और धर्म की स्थापना के लिए होता है। जब कंस ने सभी मर्यादाएं तोड़ दी तो प्रभु श्रीकृष्ण का जन्म हुआ। उन्होंने बताया कि 84 लाख योनियां भुगतने के पश्चात मानव देह की प्राप्ति होती है। इसलिए इस देह का उपयोग व्यर्थ कामों मे ना करके जनकल्याण व ईश्वर भक्ति में समर्पित कर दे।