नई दिल्ली। Exemption of custom duty: वित्त मंत्रालय बजट 2025 में कई आयातित सामानों पर कस्टम ड्यूटी छूट खत्म करने पर विचार कर रहा है। यह कदम “मेक इन इंडिया” पहल के तहत देश में उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए उठाया जा रहा है।
जिन सामानों पर यह छूट खत्म हो सकती है, उनमें इंसुलिन बनाने के लिए इस्तेमाल होने वाले बल्क ड्रग्स, लैब में बने डायमंड के लिए कच्चा माल, ऑप्टिकल फाइबर बनाने के लिए प्लास्टिक, एलईडी और एलसीडी टीवी के पैनल पार्ट्स और कोयला खनन व बिजली उत्पादन के उपकरण शामिल हैं।
इसके अलावा, सरकार जीवन रक्षक दवाओं, टेलीकॉम ऑप्टिकल फाइबर के लिए जरूरी केमिकल और नवीकरणीय ऊर्जा व परिवहन क्षेत्र में इस्तेमाल होने वाले सामानों की भी समीक्षा कर रही है। अभी इन सामानों पर 0-5% की रियायती दर से कस्टम ड्यूटी लगती है। यह छूट सितंबर 2025 तक वैध है।
सरकार इन छूटों को हटाने से पहले यह देख रही है कि देश में इन सामानों का उत्पादन और निवेश क्षमता कितनी है। इस पर उद्योगों से सुझाव भी मांगे गए हैं, ताकि फैसला लिया जा सके कि यह छूट जारी रखनी चाहिए या खत्म करनी चाहिए।
यह फैसला आयात पर निर्भरता कम करने और देश में उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए किया जा रहा है। इससे पहले के बजट में स्टील और तांबे की उत्पादन लागत घटाने के लिए कुछ कच्चे माल पर शुल्क हटाया गया था। मेडिकल डिवाइस बनाने के लिए भी कुछ सामानों पर कस्टम ड्यूटी कम की गई थी।
अमेरिका के साथ व्यापारिक रिश्तों और बदलते वैश्विक माहौल का भी इस समीक्षा पर असर पड़ रहा है। सरकार का यह कदम न केवल घरेलू उत्पादन को मजबूत करेगा, बल्कि जरूरी क्षेत्रों को सुरक्षा भी देगा।