नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब नोटबंदी की घोषणा की तो यह कहते हुए उनकी काफी आलोचना की गई कि ब्लैक मनी कैश नहीं अचल संपत्ति के जरिए जमा की जाती है।
हालांकि सरकार यह कहती रही है कि नोटबंदी ब्लैक मनी के खिलाफ एक कदम है और ऐसे और कई उपाय किए जाएंगे। ब्लैक मनी के खिलाफ सरकार एक और बड़ा कदम उठाने की तैयारी में है और इस बार निशाने पर प्रॉपर्टी है।
पहली बार एक केंद्रीय मंत्री ने इशारा किया है कि प्रॉपर्टी को आधार से जोड़ना अनिवार्य किया जाएगा।केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्री हरदीप पुरी ने बताया कि उन्हें कोई शक नहीं है कि यह कदम उठाया जाएगा।
उन्होंने कहा कि इस कदम से रियल एस्टेट से ब्लैक मनी खत्म होने के साथ बेनामी संपत्ति पर भी प्रहार होगा। उन्होंने कहा, ‘आधार को प्रॉपर्टी से जोड़ना बहुत अच्छा विचार है, लेकिन इस पर मैं घोषणा नहीं करने जा रहा हूं।
हम बैंक अकाउंट्स आदि को आधार से जोड़ रहे हैं और हम प्रॉपर्टी मार्केट के लिए अतिरिक्त कदम उठा सकते हैं।’प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कई बार इशारा कर चुके हैं कि सरकार बेनामी संपत्ति पर प्रहार करेगी। आधार लिंकिंग इस मुहिम का एक हिस्सा हो सकता है।
आधार पर जोर देकर अर्थव्यवस्था में पारदर्शिता लाने की सरकार की मुहिम का तार्किक अंजाम आधार को प्रॉपर्टी से जोड़ना हो सकता है? इस सवाल के जवाब में पुरी ने कहा, ‘बिल्कुल, यह हर तरह से उसी दिशा में बढ़ रहा है। मुझे कोई शक नहीं है कि यह होगा।’
हालांकि पुरी के मुताबिक दो व्यक्तियों के बीच लेनदेन पूरी तरह पारदर्शी नहीं हो सकता, लेकिन अधिक कीमत वाले लेनदेन जैसे प्रॉपर्टी और एयर टिकट की निगरानी की जा सकती है।
कैश के इस्तेमाल को लेकर उन्होंने कहा, ‘ऐसी कोई अर्थव्यवस्था नहीं जो पूरी तरह नकदी मुक्त हो, लेकिन स्थिर सिस्टम में लोगों को अधिक मात्रा में कैश लेकर चलने की जरूरत नहीं होती। हम भी इसी दिशा में बढ़ रहे हैं।’
जरूरी सेवाओं और सरकारी योजनाओं के लाभ के लिए आधार लिंकिंग को अनिवार्य बनाए जाने पर काफी बहस छिड़ी हुई है। कोर्ट में कई याचिकाओं पर भी सुनवाई चल रही है।