मुंबई। रिजर्व बैंक ने आज कहा कि बैंक खातों को व्यक्ति की जैविक पहचान वाली आधार संख्या के साथ जोड़ना अनिवार्य है। बैंकिंग विनियामक का यह बयान ऐसे समय आया है जब कि मीडिया के कुछ हलकों में खबर थी कि बैंक खाते को आधार से जोड़ना अनिवार्य नहीं है।
मीडिया रिपोर्टों में सूचना के अधिकार आरटीआई कानून के तहत प्राप्त उत्तर का हवाला देकर कहा गया था कि भारतीय रिजर्व बैंक ने लोगों के बैंक खातों को उनके आधार से अनिवार्य तौर पर जोड़ने का कोई आदेश नहीं दिया है।
रिजर्व बैंक ने आज एक बयान में कहा, रिजर्व बैंक यह स्पष्ट करता है कि एक जून 2017 को आधिकारिक गजट में प्रकाशित मनी लांडरिंग रोकथाम अभिलेखों का अनुरक्षण दूसरे संशोधित विनियम के नियमों के तहत बैंक खातों को आधार से जोड़ना अनिवार्य है।
उसने आगे कहा कि ये नियम सांविधिक हैं और ऐसे में बैंकों को बिना कोई अन्य निर्देश की प्रतीक्षा किये इस पर अमल करना है। सरकार ने बैंक खातों को खोलने तथा 50 हजार रुपये या इससे अधिक के लेन-देन के लिए इस साल जून में आधार को अनिवार्य कर दिया था।
मौजूदा बैंक खातों को भी 31 दिसंबर से पहले आधार से जोड़ देने का निर्देश दिया गया है। ऐसा नहीं कर पाने पर बैंक खाते का परिचालन बंद कर दिया जाएगा। उल्लेखनीय है कि सरकार ने 2017 के बजट में एक से अधिक पैन कार्ड रख कर करों की चोरी करने वाले लोगों पर शिकंजा कसने के लिए पैन के साथ आधार जोड़ना अनिवार्य किया था।