बेंगलुरु।भारत का महत्वाकांक्षी मिशन चंद्रयान शुक्रवार देर रात चांद से महज 2 किलोमीटर की दूरी पर आकर खो गया। चांद की सतह की ओर बढ़ा लैंडर विक्रम का चांद की सतह से 2.1 किलोमीटर पहले संपर्क टूट गया। इससे ठीक पहले सबकुछ ठीकठाक चल रहा था, लेकिन इस अनहोनी से इसरो के कंट्रोल रूम में अचानक सन्नाटा पसर गया।
टीवी पर टकटकी लगाए बैठे देश के लाखों लोग मायूसी में डूब गए। यह सबकुछ चंद्रयान पर लैंडर विक्रम की सॉफ्ट लैंडिंग के सबसे मुश्किल 15 मिनट के दौरान हुआ। अभी भी विक्रम और प्रज्ञान से संपर्क की उम्मीदें बाकी हैं, लेकिन यह किसी चमत्कार के जैसा ही होगा।
जब कंट्रोल रूम में बढ़ गई बेचैनी
शुक्रवार रात डेढ़ बजे शुरू हुई विक्रम के सॉफ्ट लैंडिंग की प्रक्रिया सामान्य रफ्तार से आगे बढ़ रही थी। लैंडर विक्रम जब चांद की सतह से महज 2.1 किलोमीटर दूर रह गया था, तो अचानक इसरो के कंट्रोल रूम में सन्नाटा पसर गया। वैज्ञानिकों के चेहरे लटक गए। कुछ समझ नहीं आ रहा था कि हुआ क्या। दरअसल स्क्रीन पर आ रहे आंकड़े अचानक थम गए थे। तभी इसरो चीफ सिवन वहां बैठे पीएम मोदी की तरफ बढ़े। उन्होंने पीएम को ब्रीफ किया और बाहर निकल गए। इससे अटकलें लगने लगीं कि आखिर हुआ क्या है। क्या कुछ अनहोनी तो नहीं हुई है। कुछ ही देर में इसरो ने कंट्रोल रूप से अपनी लाइव स्ट्रीमिंग भी बंद कर दी। इससे बेचैनी और बढ़ गई।
विक्रम का टूट गया संपर्क
निराशा के इन पलों में इसरो के चीफ सिवन सामने आए। उन्होंने कहा कि विक्रम का संपर्क टूक गया है। विक्रम और प्रज्ञान कहीं खो गए हैं। इसरो के चेयरमैन के सिवन ने कहा, ‘विक्रम लैंडर के चांद पर उतरने का मिशन योजना के मुताबिक चल रहा था और 2.1 किलोमीटर ऊंचाई तक सबकुछ नॉर्मल था। उसके बाद विक्रम का ग्राउंड स्टेशन संपर्क टूट गया। डेटा का विश्लेषण किया जा रहा है।’
पीएम ने हौसला बढ़ाया
विक्रम से संपर्क टूटने के बाद वैज्ञानिकों में तनाव देखा गया। पीएम मोदी ने इस मौके पर उनका हौसला बढ़ाया। इसरो के चेयरमैन के.सिवन का हौसला बढ़ाते हुए उन्होंने कहा कि साहसिक बनें। इसरो की ओर से कहा गया है कि डेटा का विश्लेषण किया जा रहा है। शुरुआती चरण में सबकुछ ठीक चल रहा था लेकिन अंतिम क्षणों में विक्रम से संपर्क टूट गया। इसरो की ओर से कहा गया है कि डेटा के विश्लेषण के बाद बताया जाएगा कि आखिर विक्रम को हुआ क्या था।