नयी दिल्ली। देश में सोने का आयात चालू वित्त वर्ष के शुरुआती दस महीने (अप्रैल से जनवरी) में पांच प्रतिशत गिरकर 26.93 अरब डॉलर रह गया। इससे चालू खाते के घाटे (कैड) पर कुछ हद तक अंकुश रहने की उम्मीद है। वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में देश में कीमती धातुओं का कुल आयात 28.23 अरब डॉलर रहा था।
उद्योग विशेषज्ञों का कहना है कि विश्व बाजारों में कीमती धातुओं के दाम में नरमी इनके आयात में कमी की वजह हो सकता है। लगातार तीन महीने –अक्टूबर, नवंबर और दिसंबर, 2018 में आयात में गिरावट दर्ज करने के बाद इस साल जनवरी में आयात 38.16 प्रतिशत बढ़कर 2.31 अरब डॉलर पर पहुंच गया।
भारत दुनियाभर में सोने का सबसे बड़ा आयातक है। आयात के जरिये मुख्यतौर पर आभूषण उद्योग की मांग को पूरा किया जाता है। चालू वित्त वर्ष के शुरुआती दस माह में रत्न एवं आभूषणों का निर्यात भी चार प्रतिशत गिरकर 32.9 अरब डॉलर रह गया।
चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में देश का चालू खाते का घाटा, यानी कि विदेशी मुद्रा के अंतरप्रवाह और बाह्यप्रवाह के बीच का अंतर बढ़कर सकल घरेलू उत्पाद का 2.9 प्रतिशत हो गया। एक साल पहले इसी अवधि में यह 1.1 प्रतिशत रहा था।
इसके पीछे की वजह खासतौर से बढ़ा व्यापार घाटा रहा है। वर्ष 2017- 18 में कुल मिलाकर देश का सोना आयात 22.43 प्रतिशत बढ़कर 955.16 टन हो गया जो कि इससे पिछले वर्ष 780.14 टन रहा था।