बर्न/नई दिल्ली। इलीगल फंड फ्लो को रोकने के लिए स्विट्जरलैंड एंटी-मनी लॉन्ड्रिंग कानून में संशोधन करने की तैयारी कर रहा है। नए कानून के मुताबिक खाताधारक के बारे में हर तरह की सूचना को वेरिफाई करने के लिए एक वित्तीय मध्यस्त करने की जरूरत होगी। बैंक सीधे तौर पर खाताधारक से लेन-देन की जानकारी शेयर नहीं करेगा। इसके लिए वहां की सरकार ने कंसल्टेंसी के लिए पहल शुरू भी कर दिया है।
बता दें कि स्विट्जरलैंड में ब्लैकमनी को लेकर पिछले दिनों कई तरह के बदलाव किए गए हैं। ये बदलाव भारत सहित कई देशों से पड़ने वाले दबाव के बाद किया गया है। इसी क्रम में स्विस फेडरल काउंसिल ने नई पहल की है और देश के एंट्री मनी लॉन्ड्रिंग कानून में बदलाव के लिए कंसल्टेशन की प्रक्रिया शुरू करने जा रहा है।
स्विट्जरलैंड सरकार ने दी जानकारी
स्विस गवर्नमेंट के अनुसार नया कानून पास होता है तो उसमें यह प्रावधान होगा कि खाताधारक के बारे में मिलने वाली सूचना को वेरिफाई करने के लिए एक वित्तीय मध्यस्थ होगा। सरकार का उद्देश्य है कि देश में इलीगल फंड फ्लो पर पूरी तरह से रोक लग सके, जिसमें टेररिस्ट फाइनेंसिंग भी शामिल है। इसके लिए देश के मनी लॉन्ड्रिंग कानून को और मजबूत बनाया जाएगा।
वित्तीय मध्यस्थ का काम होगा कि वह खाताधारक के डाटा की समय-समय पर जांच करे और अपडेट करे। एंटी मनी लॉन्ड्रिंग कानून में बदलाव के लिए प्रस्तावित बिल को लेकर कई तरह के सुझाव भी आ रह हैं। फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स की ओर से भी इस बारे में सुझाव आए हैं। यह भी देखा जा रहा है कि इसमें कहीं कोई कमजोर प्वॉइंट न रह जाए, जिससे ब्लैकमनी पर रोक लगाने की मुहिम पर सवाल उठे। फिलहाल इसे लेकर सरकार ने प्रॉसेस शुरू कर दिया है।
अकाउंट्स की जानकारियां साझा करने को मंजूरी
इसके पहले स्विट्जरलैंड सरकार ने फाइनेंशियल अकाउंट्स की जानकारियां भारत सहित कुछ दूसरे देशों से भी साझा करने को मंजूरी दे दी थी। इसके तहत स्विट्जरलैंड व भारत और दूसरे देशों के बीच फाइनेंशियल अकाउंट इन्फार्मेशन के ऑटोमेटिक एक्सचेंज होगा। इससे संदिग्ध ब्लैकमनी की जानकारी फौरन साझा की जा सकेगी।
हालांकि, स्विस सरकार ने ये कहा था कि इस मामले में दूसरे देशों को सीक्रेसी और डाटा सिक्युरिटी का सख्ती से पालन करना होगा। भारत और स्विट्जरलैंड के बीच ऑटोमैटिक इन्फार्मेशन शेयरिंग 2019 से लागू होगी।
MCAA के तहत लागू होगा AEOI
इन्फॉर्मेशन का एक्सचेंज मल्टीलेटरल कम्पीटेंट अथॉरिटी एग्रीमेंट (एमसीएए) पर आधारित होगा। जिसे फाइनेंशियल अकाउंट इन्फॉर्मेशन के एक्सचेंज के लिए लाया गया था। इसे ऑर्गनाइजेशन फार इकोनॉमिक को-ऑपेशन एंड डेवलपमेंट (ओईसीडी) की ओर से तैयार किया गया है और इंटरनेशनल स्टैंडर्ड को ध्यान में रखा गया है।