क्रिकेट चैम्पियन कुलदीप यादव ने किया एलन के स्टूडेंट्स को मोटिवेट
कोटा। एलन कॅरियर इंस्टीट्यूट की ओर से चैम्पियंस-डे रविवार को जवाहर नगर स्थित समुन्नत कैम्पस ऑडिटोरियम में आयोजित किया गया। यहां अकेडमिक उपलब्धियों के साथ अन्य क्षेत्रों में भी श्रेष्ठ करने वाले कक्षा 3 से 10 तक के स्टूडेंट्स को गोल्ड व सिल्वर मैडल, कैश रिवार्ड व उपहार देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में शामिल होने के लिए पूरे देश से स्टूडेंट्स परिवार के साथ कोटा पहुंचे। हर क्लास से टॉप-10 स्टूडेंट्स को पुरस्कृत किया गया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि टी-20 वर्ल्ड कप-2024 टीम का हिस्सा रहे इंडियन क्रिकेटर कुलदीप यादव रहे। कुलदीप ने अपने जीवन के अनुभवों से कोटा आए देशभर के टैलेंट को मोटिवेट किया। उन्होंने खेल और पढ़ाई की चुनौतियों में समानता बताते हुए इनसे बाहर आने और सफलता प्राप्त करने के टिप्स भी दिए। इस दौरान एलन के निदेशक डॉ.गोविन्द माहेश्वरी, राजेश माहेश्वरी, नवीन माहेश्वरी व डॉ.बृजेश माहेश्वरी मौजूद रहे।
कोटा में तो कॅरियर बनते हैंः कुलदीप यादव
कार्यक्रम में शामिल हुए इंडियन क्रिकेटर कुलदीप यादव ने कहा कि 13 साल पहले रणजी खेलने कोटा आया था। इसके बाद अब आ रहा हूं लेकिन कोटा के बारे में सुना बहुत है। कोटा कॅरियर बनाता है। यहां से पढ़े डॉक्टर, इंजीनियर पूरे देश-दुनिया में हैं। बातचीत में कुलदीप यादव ने कहा कि सफल होने से ज्यादा अच्छा इंसान होना जरूरी है। आपके मन में सामने वाले के लिए सम्मान होना चाहिए। मैं सभी को सम्मान देने की कोशिश करता हूं।
स्टूडेंट्स को मेरा मैसेज रहता है कि मेहनत का कोई विकल्प नहीं है। जमकर मेहनत करते रहें फल मिलेगा ही। फेल्योर से घबराना नहीं है। मैंने 11 वर्ष की उम्र में खेलना शुरू किया, कई बार फेल हुआ। पहले फुटबॉल खेलता था, इंजरी हुई तो चाचा जी ने मुझे क्रिकेट खेलने की सलाह दी। इसके बाद बहुत कठिन सफर रहा तब जाकर क्रिकेटर बन सका।
जीवन में कोच की भूमिका बहुत अहम होती है। यदि लक्ष्य बड़ा है तो कम उम्र से कोचिंग शुरू होनी चाहिए। मेरे क्रिकेट कॅरियर में कोच की भूमिका बहुत बड़ी है। वो मेरा कॅरियर बनाने के लिए जुनूनी थी, हर जगह मेरे साथ रहते थे। मुझे गलत करने से रोकते थे। मैं मानता हूं कि हमें हमेशा सीखने के लिए तत्पर रहना चाहिए। एक मोटिवेटर या सपोटर नहीं होता हर कदम पर आप किसी से भी सीख सकते हैं। ये आप पर निर्भर करता है।
ये बने एलन चैम्प
कक्षा 3 में श्लोक, कक्षा 4 में नीलबजा पहाड़ी, कक्षा 5 में आरूष जैन, कक्षा 6 में टी.अनिरूद्ध, कक्षा 7 में हर्षिता वी., कक्षा 8 में देबांसी ए बिस्वास, कक्षा 9 में प्रणीत माथुर तथा कक्षा 10 में सिद्धार्थ कुमार गोपाल ने विभिन्न राउण्ड में बेहतर प्रदर्शन के बाद रैंक-1 प्राप्त की और एलन चैम्प बने। इसके साथ ही कक्षा 3 में कृष्णआरज्ञ परमाणिक, कक्षा 4 में बीएलएनएस प्रज्जवल योद्धा, कक्षा 5 में शुभि यादव, कक्षा 6 में अनुपम पात्रा, कक्षा 7 में कृष कुमार, कक्षा 8 में अरनव संजीव मिश्रा, कक्षा 9 आदि परख तथा कक्षा 10 में आदित्य विजय कुमार द्वितीय स्थान पर रहे। इसी तरह कक्षा 3 में इवा श्रीवास्तव, कक्षा 4 में मानव पटेल, कक्षा 5 में बन्हीशिखा मंडल, कक्षा 6 में पाखी श्रीवास्तव, कक्षा 7 में पार्थसारथी स्वेन, कक्षा 8 में आरोहन चटर्जी, कक्षा 9 में त्रिपेथी दिव्यज्योति सेनापति तथा कक्षा 10 में रूद्रा पैठानिया तीसरे स्थान पर रहे।
लाखों के उपहार
एलन चैम्प में क्लास के टॉपर को 15 ग्राम का गोल्ड मैडल तथा कक्षा 3 से 7 तक के टॉपर को 1 लाख रुपए नकद एवं 8 से 10 तक के टॉपर को 2 लाख रुपए कैश रिवार्ड के साथ गिफ्ट बैग का पुरस्कार दिया गया। इसी तरह रैंक-2 पर रहने वाले स्टूडेंट्स को 10 ग्राम का गोल्ड मैडल कक्षा 3 से 7 तक को 75 हजार रुपए कैश रिवार्ड एवं 8 से 10 तक के स्टूडेंट्स को 1.50 लाख रुपए का कैश रिवार्ड दिया गया। रैंक-3 पर रहने वाले स्टूडेंट्स को 5 ग्राम का गोल्ड मैडल कक्षा 3 से 7 को 50 हजार रुपए का कैश रिवार्ड तथा 8 से 10 तक को 1 लाख रुपए का कैश रिवार्ड दिया गया। इसी तरह रैंक 4 से 10 तक के स्टूडेंट्स को भी सिल्वर मैडल, कैश रिवॉर्ड और गिफ्ट बैग उपहार में दिए गए।
ऐसे चुने जाते हैं चैम्पियन
‘एलन चैम्प’ में मेधावी स्टूडेंट्स को उनके शैक्षणिक रिकॉर्ड के आधार पर टॉप-10 के रूप में चुना जाता है। इन सभी स्टूडेंट्स को चैम्पियंस-डे पर एलन कोटा बुलाया जाता है। यहां विभिन्न शैक्षणिक व सहशैक्षणिक गतिविधियां आयोजित की जाती है। शैक्षणिक गतिविधियों के अलावा एप्टीट्यूड, स्किल, कॉन्फीडेंस, लीडरशिप क्षमता, एक्सपोजर, लैंग्वेज क्षमता व विभिन्न स्किल्स इन गतिविधियों के माध्यम से जांची जाती है। इसके आधार रैंक दी जाती है और चैम्पियंस घोषित किया जाता है।