Wednesday, December 17, 2025
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न्यायिक व्यवस्था में भ्रष्टाचार पर उठाया सवाल तो शुरू हुई राजनीति

-कृष्ण बलदेव हाडा-
Corruption In The Judicial System: न्यायिक व्यवस्था में भ्रष्टाचार के मसले पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की ओर से दिया गया बयान अब राजनीति के दायरे में आ गया है और इस बयान से न्यायिक व्यवस्था की विश्वसनीयता पर खड़े हुए सवाल को लेकर पक्ष-विपक्ष की राजनीति होने लगी है।

मुख्यमंत्री के बयान के बाद जहां प्रदेश के मुख्य प्रतिपक्ष दल भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने अशोक गहलोत के बयान को न्यायिक व्यवस्था और संविधान को चुनौती देने वाला बताते हुए उनकी हताशा और आगामी विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी-सरकार की होने वाली हार की आशंका का नतीजा बताया है। लेकिन ऎसे लोगों की संख्या कमतर नहीं है जो इस मसले पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बयान से इत्तेफ़ाक रखते हैं।

यहां तक कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की कई नीतियों को लेकर हमेशा उनके खिलाफ खड़े रहने वाले राजस्थान में कोटा जिले की सांगोद विधानसभा सीट से कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक और अशोक गहलोत के ही मंत्रिमंडल में कैबिनेट मंत्री रह चुके भरत सिंह कुंदनपुर ने इस बयान के लिए श्री गहलोत की जमकर तारीफ करते हुए अपना समर्थन व्यक्त किया है।

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बयान का यह मामला न्यायालय तक पहुंच गया है। भाजपा समर्थक एक उत्साही वकील ने तो मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ पीआईएल तक राजस्थान उच्च न्यायालय में दायर कर दी है जिसमें अगले महीने में सुनवाई की तारीख तय की गई है।

यह विवाद अभी थमने वाला नहीं है। इस सवाल का शुरुआत राजस्थान विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष और भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता कैलाश मेघवाल के केंद्रीय कानून मंत्री एवं पार्टी में उनके प्रतिद्वंदी अर्जुन मेघवाल पर लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोप से शुरू हुआ था जिसका जवाब न तो अर्जुन मेघवाल से देते बना और न ही भाजपा के नेताओं से।

उन्होंने इसे न्याय व्यवस्था के अपमान का मसला बना लिया और अब वे कैलाश मेघवाल को छोड़कर इसे देश की कानून-व्यवस्था और संविधान की बात करते हुए मुख्यमंत्री को आड़े हाथों लेने पर आमादा हैं।

जबकि मुख्यमंत्री ने तो यह बात भी कही है कि केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन मेघवाल खुद भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी रहे हैं और पद पर रहते हुए उन पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं जिसकी जांच होगी। अब जब केंद्रीय मंत्री के खिलाफ जांच की बात कही तो भाजपा नेताओं ने इस पर राजनीति करना शुरू कर दिया।

इस बीच कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक एवं पूर्व कैबिनेट मंत्री भरत सिंह कुंदनपुर ने न्यायिक व्यवस्था में व्याप्त व्यापक भ्रष्टाचार संबंधी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के प्रयास को सराहा। श्री भरत सिंह ने गुरुवार को मुख्यमंत्री को भेजे एक पत्र में कहा है कि “आपका बयान सराहनीय है।

आपकी आलोचना होना भी स्वाभाविक है लेकिन सत्य है कि कोर्ट में भ्रष्टाचार होने के कारण आम आदमी को न्याय नहीं मिल पाता है। गरीब आदमी तारीख पर तारीख के अलावा कई पीढ़ियों तक मुकदमे लड़ते-लड़ते मर जाता है।”

इस मामले में श्री भरत सिंह ने अपना व्यक्तिगत अनुभव को सांझा करते हुए कहा कि- “मेरा यह मानना है कि न्यायालयों से कहीं अधिक भ्रष्टाचार अजमेर में राजस्व विभाग के मुख्यालय में है, जहां एक पत्रावली पर लगातार होते रहे विलंब के बारे में मैं आपको भी पत्र लिख चुका हूं।

पत्रावली नियमों में आने के बाद भी उस पर निर्णय नहीं किया जाना बहुत बड़ा अन्याय है। आज न्याय प्राप्त करना दुर्लभ हो गया है। आम आदमी का विश्वास न्याय के प्रति डगमगा गया है।”

श्री भरत सिंह ने तो यहां तक कहा कि” न्याय सरकारी योजना के तहत सरकार की ओर से मुफ़्त में बांटा तो नहीं जा सकता, लेकिन न्याय को खरीदा तो जा सकता है।” उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बुधवार को जयपुर में पत्रकारों से बातचीत करते हुए न्यायिक व्यवस्था में भ्रष्टाचार के संबंध में गंभीर आरोप लगाया था और कहा था कि न्यायिक व्यवस्था में स्थिति यह है कि वकील फैसले लिख कर लाते हैं और वही फैसला न्यायालय में सुना दिया जाता है।

Parliament Session: संसद का विशेष सत्र 18 सितंबर से, 5 बैठकें होंगी

नई दिल्ली। Special session of parliament: केंद्र सरकार ने संसद का विशेष सत्र बुलाया है। पांच दिनों तक लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही चलेगी। यह सत्र 18 सितंबर से 22 सितंबर तक चलेगा। इसमें पांच बैठकें होंगी। संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने गुरुवार को यह जानकारी दी।

अचानक बुलाए गए विशेष सत्र की वजह से चर्चाएं शुरू हो गई हैं कि आखिर पांच दिनों तक चलने वाली संसद की कार्यवाही में क्या होने वाला है? क्या सरकार की ओर से कोई अहम बिल पेश होगा या फिर यह नए संसद भवन से जुड़ा हुआ है।

संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने ट्वीट किया, ”संसद का विशेष सत्र (17वीं लोकसभा का 13वां सत्र और राज्यसभा का 261वां सत्र) आगामी 18 से 22 सितंबर के दौरान होगा, जिसमें 5 बैठकें होंगी। अमृत काल के समय में होने वाले इस सत्र में संसद में सार्थक चर्चा और बहस होने को लेकर आशान्वित हूं।” मालूम हो कि पिछले मॉनसून सत्र की शुरुआत 20 जुलाई से हुई थी, जबकि यह 11 अगस्त तक चला था।

मॉनसून सत्र के दौरान विपक्ष ने मणिपुर हिंसा मामले और महिलाओं के सामने आए वीडियो को लेकर प्रधानमंत्री मोदी के बयान की मांग की थी। इसके बाद विपक्ष की ओर से सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव भी लाया गया था।

कांग्रेस की ओर से राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर मणिपुर मामले को लेकर जोरदार हमला बोला था। वहीं, अविश्वास प्रस्ताव पर हुई चर्चा के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने अंत में जवाब दिया था। बाद में विपक्ष का प्रस्ताव गिर गया।

सत्र के दौरान लोकसभा में 20 विधेयक और राज्यसभा में 5 विधेयक पेश किए गए थे। लोकसभा में 22 बिल और राज्यसभा में 25 बिल पास हुए। क्रमशः लोकसभा और राज्यसभा की अनुमति से एक-एक विधेयक वापस ले लिया गया। सत्र के दौरान संसद के दोनों सदनों द्वारा पारित विधेयकों की कुल संख्या 23 थी।

पहली तिमाही में भारत की GDP ग्रोथ रेट 7.8 प्रतिशत रही

नई दिल्ली। रेट (India GPD) 7.8 प्रतिशत रही। सरकार की तरफ से गुरुवार को यह आंकड़ा जारी किया गया है। इससे पहले मार्च तिमाही में भारत की ग्रोथ रेट 6.1% थी। जबकि पिछले वर्ष में जीडीपी 7.2 प्रतिशत थी। इस हिसाब से देखें तो इकनॉमी के लिए चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही शानदार रही है। जीडीपी के मजबूत आंकड़े में बड़ा योगदान केंद्र औ राज्य सरकारों द्वारा कैपिटल एक्सपेंडिचर है। सरकारों ने जमकर पैसा खर्च किया है।

NSO की तरफ से गुरुवार को जारी आंकड़ों के अनुसार बीते वित्त वर्ष 2022-23 की समान तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर 13.1 प्रतिशत रही थी। इसके साथ ही भारत प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में सबसे तेजी से वृद्धि करने वाला देश बना हुआ है। चीन की जीडीपी वृद्धि दर अप्रैल-जून तिमाही में 6.3 प्रतिशत रही।

जुलाई का महीना कोर सेक्टर ग्रोथ के लिए अच्छा नहीं रहा है। जुलाई में इसमें गिरावट देखने को मिली है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार जुलाई के महीने में कोर सेक्टर ग्रोथ रेट 8 प्रतिशत रही। एक साल पहले इसी महीने में कोर सेक्टर की ग्रोथ 4.8 प्रतिशत थी। बता दें, चालू वित्त वर्ष के जून महीने में आठ बुनियादी उद्योगों की ग्रोथ रेट 8.3 प्रतिशत थी।

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया का अनुमान है कि चालू वित्त वर्ष के दौरान भारत की ग्रोथ रेट 6.5 प्रतिशत रहेगी। वहीं, आरबीआई ने अपनी रिपोर्ट में पहली तिमाही के दौरान इंडिया की जीडीपी 8 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया था। वहीं, IMF का अनुमान है कि इस साल इंडिया की इकोनॉमी की ग्रोथ रेट 6.1 प्रतिशत रहेगी।

राजकोषीय घाटा
चालू वित्त वर्ष के पहले चार महीनों दौरान भारत का राजकोषीय घाटा 6.06 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया। सरकार की तरफ से जारी आंकड़ों के अनुसार मौजूदा वित्त वर्ष के राजकोषीय घाटे का यह 33.9 प्रतिशत है। बता दें, गुरुवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 16 पैसे की गिरावट के साथ 82.79 (अस्थायी) प्रति डॉलर पर बंद हुआ। अमेरिकी मुद्रा के मजबूत होने और कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों का असर घेरलू करेंसी पर पड़ा।

सेंसेक्स 256 अंक फिसलकर 65 हजार से नीचे बंद, निफ्टी 19,254 पर

मुंबई। Stock Market closing : ग्लोबल मार्केट (global market) से मिले-जुले रुझानों के बीच हफ्ते के चौथे कारोबारी दिन यानी गुरुवार को घरेलू शेयर बाजार लाल निशान पर बंद हुए। दोनों फ्रंटलाइन इंडेक्स सेंसेक्स और निफ्टी में भारी गिरावट देखी गई। आज के कारोबार में BSE सेंसेक्स (Sensex) 256 अंक कमजोर हुआ। वहीं, निफ्टी (Nifty) में भी 94 अंको की गिरावट दर्ज की गई।

बाजार में आज दिन की ठोस शुरुआत का अंत प्रतिकूल रहा क्योंकि बेंचमार्क सूचकांक फाइनैंशियल और FMCG शेयरों की बिकवाली के दबाव के आगे झुक गए। बजाज फाइनेंस, इंडसइंड बैंक, एक्सिस बैंक, HUL, SBI, पावर ग्रिड, कोटक बैंक, नेस्ले इंडिया, एशियन पेंट्स, TCS, टाटा मोटर्स, JSW स्टील, बजाज फाइनेंस, ITC और RIL के शेयरों में गिरावट से बाजार नीचे आ गया।

ये शेयर 0.6 फीसदी से 1.2 फीसदी के दायरे में निचले स्तर पर बंद हुए। व्यापक बाजारों में, BSE मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांक मिश्रित रूप से बंद हुए और स्मॉलकैप सूचकांक 0.7 प्रतिशत की बढ़त के साथ बंद हुआ।

BSE का 30 शेयरों वाला मानक सूचकांक सेंसेक्स (Sensex) 255.84 अंक यानी 0.39 फीसदी की गिरावट के साथ 64,831.41 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान सेंसेक्स 65,277.04 की ऊंचाई तक गया और नीचे में 64,723.63 तक आया।

वहीं, दूसरी तरफ नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) के निफ्टी (Nifty) में भी 93.65 अंक यानी 0.48 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई। निफ्टी दिन के अंत में 19,253.80 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान निफ्टी 19,388.20 की ऊंचाई तक गया और नीचे में 19,223.65 तक आया।

टॉप गेनर्स एंड लूजर्स
आज के कारोबार में सेंसेक्स के शेयरों में 9 शेयर हरे निशान पर बंद हुए। मारुति, टाइटन, अल्ट्राटेक सीमेंट, टाटा स्टील और टेक महिंद्रा सेंसेक्स के टॉप 5 गेनर्स रहे। सबसे ज्यादा मुनाफा मारुति के शेयरों को हुआ। इसके शेयर करीब 2.22 फीसदी तक चढ़े। इसके अलावा ICICI बैंक, जियो फाइनैंशियल सर्विसेज, HCL टेक और विप्रो लाभ में रहे। वहीं, दूसरी तरफ सेंसेक्स के शेयरों में 21 शेयर लाल निशान पर बंद हुए। एशियन पेंट्स, इंडसइंड बैंक, एक्सिस बैंक, SBI और HUL सेंसेक्स के टॉप 5 लूजर्स रहे। सबसे ज्यादा नुकसान एशियन पेंट्स के शेयरों को हुआ। इसके शेयर करीब 1.33 फीसदी तक गिर गए।

iQoo Z7 Pro स्मार्टफोन भारत में लॉन्च, जानिए कीमत और फीचर्स

नई दिल्ली। आईक्यू का नया iQoo Z7 Pro स्मार्टफोन भारत में लॉन्च हो गया है। फोन दो कलर ऑप्शन ग्रेफाइट मैट और ब्लू लैगून में पेश किया गया है। कंपनी का दावा है कि यह अपने सेगमेंट का सबसे पतला और स्लिमेस्ट स्मार्टफोन है, जो 3D कर्व्ड डिस्प्ले के साथ आता है। इसकी थिकनेस 7,36mm है। जबकि वजन 174 ग्राम है। फोन के बैक में एजी ग्लास का इस्तेमाल किया गया है, जो एंटी फिंगरप्रिंट के साथ आता है।

​प्रोसेसर: इसमें सेकेंड जनरेशन 4nm प्रॉसेस मीडियाटेक डाइमेंसिटी 7200 5G मोबाइल चिपसेट दी गई है। इसका Antutu स्कोर 728K है। फोन में 8 जीबी रैम दिया गया है। साथ ही 8 जीबी वर्चुअल रैम सपोर्ट दिया गया है। फोन लिक्विड कूलिंग सिस्टम सपोर्ट के साथ आता है। फोन में अल्ट्रा गेमिंग मोड दिया गया है। साथ ही मोशन कंट्रोल, इंस्टैंट टच सैंपलिंग रेट दिया गया है। फोन एंड्रॉइड 13 बेस्ड Funtouch OS पर काम करता है।

कीमत और उपलब्धता
आईक्यू जेड 7 प्रो स्मार्टफोन के 8 जीबी रैम और 128 जीबी स्टोरेज वेरिएंट की कीमत 23,999 रुपये है। जबकि 8 जीबी रैम और 256 जीबी स्टोरेज वेरिएंट 24,999 रुपये में आता है। फोन की बिक्री 5 सितंबर की दोपहर 12 बजे शुरू होगी। फोन को ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म अमेजन और आईक्यू की ऑफिशियल वेबसाइट से खरीदा जा सकेगा। फोन को एसबीआई कार्ड से खरीदने पर 2000 रुपये का डिस्काउंट ऑफर दिया रहा है। डिस्काउंट के बाद 8 जीबी 128 जीबी वेरिएंट की कीमत 21,999 रुपये हो जाएगी। जबकि 8 जीबी 256 जीबी स्टोरेज वेरिएंट की कीमत 22,999 रुपये रह जाएगी।

डिस्प्ले: आईक्यू जेड 7 प्रो स्मार्टफोन में 6.78 इंच की सुपर एमोलेड डिस्प्ले दी गई है। इसका रिफ्रेश रेट सपोर्ट 120Hz है। फोन में इन-डिस्प्ले फिंगरप्रिंट सेंसर का सपोर्ट मिल जाता है। फोन में ग्लास प्रोटेक्शन दिया गया है। फोन एचडीआर सपोर्ट के साथ आता है। में 1300 nits की पीक ब्राइटनेस मिलती है। फोन SGS सर्टिफिकेशन्स के साथ आता है।

कैमरा​: फोन के रियर में ड्यूल कैमरा सेटअप मिलता है। इसका मेन कैमरा 64MP है, जो ऑरा लाइट और OIS के साथ आता है। इसके अलावा 2MP का सेंकेंड्री कैमरा दिया गया है। जबकि फ्रंट में 12MP कैमरा दिया गया है। फोन में पोर्टेट मोड, लो-लाइट पोर्टेट मोड के ऑप्शन दिये गये हैं।

बैटरी: फोन में 4600mAh की बड़ी बैटरी दी गई है। फोन के साथ 66W का फास्ट चार्जिंग सपोर्ट दिया गया है। कंपनी का दावा है कि फोन 22 मिनट में 50 फीसद तक चार्ज हो जाता है।

कनेक्टिविटी: फोन आईपी रेटिंग iP 52 के साथ आता है। फोन में 105G बैंड्स दिए गए हैं। साथ ही वाई-फाई 6 और ब्लूटूथ 5.3 का सपोर्ट मिलता है।

Pragyan Rover: चांद पर ‘खेल रहा प्रज्ञान रोवर, विक्रम लैंडर ने भेजा वीडियो

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नई दिल्ली। Pragyan Rover Video: चांद की सतह पर चहलकदमी कर रहे प्रज्ञान रोवर का एक नया वीडियो सामने आया है, जिसमें वह गोल-गोल घूमता नजर आ रहा है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन यानी ISRO ने प्रज्ञान की इस गतिविधि की तुलना ‘चंदामामा के आंगन में बच्चे’ के खेलने से की है। चंद्रयान 3 ने 23 अगस्त को चांद के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग की थी।

ISRO की तरफ से शेयर कि गए वीडियो में नजर आ रहा है कि प्रज्ञान एक ही जगह पर है और गोल-गोल घूम रहा है। यह वीडियो विक्रम लैंडर के इमेजर कैमरा में रिकॉर्ड हुआ है। ISRO ने बताया, ‘सुरक्षित मार्ग की तलाश में रोवर को घुमाया गया। इस गतिविधि को लैंडर इमेजर कैमरा ने रिकॉर्ड किया।’ भारतीय स्पेस एजेंसी ने आगे लिखा, ‘यह ऐसा लग रहा है कि जैसे एक मां बैठे हुए देख रही है और बच्चा चंदामामा के आंगन में खेलकूद कर रहा हो।’

ISRO ने गुरुवार को बताया कि रोवर पर मौजूद एक और उपकरण ने इस बात की पुष्टि की है कि क्षेत्र में सल्फर (S) मौजूद है। एजेंसी ने जानकारी दी, ‘अल्फा पार्टिकल एक्स-रे स्पेक्ट्रोस्कोप (APXS) ने S के साथ-साथ अन्य छोटे तत्वों का भी पता लगाया है।’ इससे पहले भी चहलकदमी के दौरान प्रज्ञान ने सल्फर समेत कई अन्य एलिमेंट्स की पहचान की थी।

बुधवार को ही ISRO ने बताया था कि चांद से लैंडर विक्रम की तस्वीर भेजी गई है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ के अनुसार, ‘स्माइल प्लीज! प्रज्ञान रोवर ने आज सुबह विक्रम लैंडर की तस्वीर ली है। यह ‘इमेज ऑफ द मिशन’ को नेविगेशन कैमरा (NavCam) की मदद से लिया गया है। चंद्रयान 3 मिशन के लिए NavCams को लेबोरेटरी फॉर इलेक्ट्रो-ऑप्टिक्स सिस्टम्स (LEOS) ने तैयार किया है।’

चम्बल रिवर फ्रंट, ऑक्सीजोन के उद्घाटन की तारीख तय, सीएम गहलोत ने दी मंजूरी

कोटा। पर्यटकों को लुभाने के लिए करोड़ों रुपये की लागत से यूआईटी द्वारा निर्मित चम्बल रिवर फ्रंट और ऑक्सीजोन के उद्घाटन की तारीख तय हो गई है। अब 12 सितम्बर को चम्बल रिवर फ्रंट और 13 सितंबर को ऑक्सीजोन का लोकार्पण होगा। इसके लेकर सीएम अशोक गहलोत दो दिन कोटा में ही रहेंगे। लोकार्पण समारोह में रिवर फ्रंट के अलग-अलग घाटों पर कई कार्यक्रम आयोजित होंगे।

इसी के अंतर्गत घाटों को सजाया जा रहा है। घाट अपनी अलग-अलग थीम के साथ खूबसूरती के रंग बिखेर रहे हैं। चंबल रिवर फ्रंट को नाइट टूरिज्म का बड़ा केंद्र बनाने के मद्देनजर रिवर फ्रंट की खूबसूरती को निखारा जा रहा है।

नगर विकास न्यास ओएसडी आरडी मीणा ने बताया कि उद्घाटन की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। लाइटिंग, साफ-सफाई, घाटों की थीम के सौंदर्यीकरण की मॉनिटरिंग लगातार हो रही है। चंबल नदी के दोनों छोर पर घाटों को लाइटों से सजाया गया है।

पहले चार सितंबर को इसका उद्घाटन होना था लेकिन इस प्रोग्राम में विभिन्न देशों के डेलीगेट्स को भी बुलाया गया है जिनसे स्वीकृति भी मिल गई लेकिन समय और दिन को लेकर तय नही हो पा रहा था। अब 12 को रिवर फ्रंट और 13 सितंबर को सिटी पार्क यानी ऑक्सीजोन का उद्घाटन होगा।

इधर, दुनिया की सबसे बड़ी घंटी को मोल्ड बॉक्स (सांचे) से बाहर निकालने का काम भी शुरू हो चुका है। हालांकि, इसे लेकर विवाद अब भी चल रहा है। इसके कास्टिंग इंजीनियर का कहना है कि इसे बाहर निकालने में जल्दबाजी की जा रही है, इससे घंटी को नुकसान हो सकता है। वहीं, यूआईटी का कहना है कि इसे निकालने में जबरन देरी की जा रही है। इसलिए इसे दूसरे एक्सपर्ट्स की मदद से निकालने का काम शुरू किया गया है।

गूगल ने भारत में लॉन्च किया AI सर्च टूल, हिन्दी और इंग्लिश में काम करेगा

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नई दिल्ली। भारतीयों के लिए अच्छी खबर है। गूगल ने अपने एआई सर्च टूल को भारत में लॉन्च कर दिया है। दरअसल, गूगल ने भारत और जापान में अपने यूजर्स के लिए सर्च टूल में जेनरेटिव आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पेश किया है जो समरी के साथ प्रॉम्प्ट में टेक्स्ट या विज़ुअल रिजल्ट दिखाएगा। इस फीचर को सर्च जनरेटिव एक्सपीरियंस (SGE) भी कहा जा रहा है। कंपनी का कहना है कि नए फीचर को क्रोम डेस्कटॉप और Android और iOS पर गूगप ऐप के लेटेस्ट वर्जन के माध्यम से यूज किया जा सकेगा।

इस फीचर को सबसे पहले केवल अमेरिका में लॉन्च किया गया था। अब भारत और जापान के यूजर्स के पास भी इस टूल का यूज कर पाएंगे। जापानी यूजर इस फीचर का उपयोग अपनी स्थानीय भाषाओं में कर सकेंगे, जबकि भारतीय यूजर इसे अंग्रेजी और हिंदी में यूज कर सकेंगे।

कैसे काम करेगा नया फीचर: आज से, कोई भी इस फीचर को आजमाने के लिए गूगल ऐप या क्रोम डेस्कटॉप के टॉप-लेफ्ट कॉर्नर में लैब्स आइकन पर टैप कर सकता है। जो लोग इसे अजमाएंगे, उन्हें एक नया इंटिग्रेटेड सर्च रिजल्ट पेज दिखना शुरू हो जाएगा जो सर्ज रिजल्ट के टॉप पर एआई-जनरेटेड स्नैपशॉट के साथ दिखाई देगा। यह स्नैपशॉट एक क्विक टॉपिक समरी और विषय की गहराई तक जाने के लिए लिंक भी दिखाएगा। मई 2023 में पहली बार इसे अमेरिका में और फिर इस सप्ताह की शुरुआत में जापान में इसे पेश करने के बाद भारत तीसरा बाजार है जहां टेक दिग्गज इस फीचर को रोलआउट किया है।

डेडिकेटेड एड स्लॉट: यूजर फॉलोअप क्वेश्चन भी पूछ सकते हैं या नए कन्वर्सेशन मोड में जाने के लिए सुझाए गए प्रश्नों में से एक को चुन सकते हैं। यूजर्स को उनके पसंदीदा विषय की खोज जारी रखने में मदद करने के लिए हर सवाल के लिए कॉन्टैक्स्ट दिया जाएगा। ट्रेडिशनल सर्च रिजल्ट देखने के लिए कोई भी नीचे स्क्रॉल कर सकता है। इस बीच, सर्च एड पूरे पेज पर बोल्ड ब्लैक टेक्स्ट में “स्पॉन्सर्ड” लेबल के साथ डेडिकेटेड एड स्लॉट में दिखाई देते रहेंगे।

उदाहरण के लिए, एक प्रश्न जैसे “हिमाचल में एक अच्छा बिगनर्स ट्र्रैक कौन सा है और इसकी तैयारी कैसे करें?” सर्च रिजल्ट के टॉप पर एक एआई-जनरेटेड समरी, जो सुझाए गए नेक्स्ट स्टेप्स के साथ विभिन्न सोर्स से जानकारी को एक साथ जोड़ता है, जिसमें कोई भी स्पेसिफिक फॉलोअप क्वेश्चन टाइप कर सकता है या “ट्रेक पर शानदार तस्वीरें कैसे लें?” जैसे प्रश्न चुन सकता है।

राजस्थान में वसुंधरा समर्थकों का टिकट खतरे में, बगावत का खतरा

नई दिल्ली। बीजेपी आलाकमान राजस्थान में टिकट घोषित नहीं कर पा रहा है। जबकि मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में पहली सूची जारी कर दी। लेकिन राजस्थान में बीजेपी आलाकमान को सूची जारी करने में पसीने छूट रहे हैं। जबकि तमाम सर्वे में बीजेपी राजस्थान में बढ़त बनाए हुए है। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि पार्टी आलकमान को बगावत का डर है। वसुंधरा राजे कैंप के नेता टिकट नहीं मिलने पर बगावत कर सकते हैं। रणनीति के तहत पार्टी टिकट घोषित नहीं कर रही है। मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ की तरह राजस्थान में भी करीब 30-40 सीटों पर बीजेपी कमजोर है। कई सीटें तो ऐसी है जहां बीजेपी कभी चुनाव ही नहीं जीत पाई है। जबकि कई सीटें ऐसी है जहां से बीजेपी लगातार हार रही है।

राजस्थान में वसुंधरा राजे इस बार मुख्यमंत्री का चेहरा नहीं है। पीएम मोदी के चेहरे पर विधानसभा चुनाव लड़ा जाएगा। बीजेपी के सामने बड़ी चुनौती विभिन्न धड़ों के साधने की है। बीजेपी के सामने सबसे बड़ी चुनौती पार्टी के नेता ही हैं। बीजेपी के लिए राजस्थान में अपने नेताओं को साथ करना और एकजुट होकर चुनाव लड़ना एक बड़ा टास्क है। राज्य में जिस तरह बीजेपी नेताओं के अलग-अलग ग्रुप बने हैं।

सब खुद को सीएम पद का दावेदार मानते हुए कोशिश कर रहे हैं कि पार्टी सीएम उम्मीदवार का ऐलान कर दे। इसे देखते हुए विधानसभा चुनाव की कमान बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व ने अपने हाथ में ही रखी है। यहां तक कि राज्य में अगले महीने निकलने वाली परिवर्तन यात्रा को भी केंद्र के नेता ही हरी झंडी दिखा रहे हैं। परिवर्तन यात्रा के लिए कोई एक चेहरा आगे नहीं किया गया है।

बीजेपी सूत्रों का कहना है कि पार्टी पुराने चेहरों को टिकट नहीं देना चाहती है। अधिकांश पुराने चेहरे वसुंधरा राजे समर्थक माने जाते हैं। ऐसे में पार्टी आलाकमान को बगावत का डर सता रहा है। क्योंकि वसुंधरा राजे समर्थक नेताओं ने साफ कह दिया है कि टिकट नहीं मिलने के बावजूद भी चुनाव लड़ेंगे। पूर्व विधानसभा अध्यक्ष कैलाश मेघवाल ने साफ कह दिया है कि वह पार्टी आलाकमान से टिकट देने का अनुरोध नहीं करेंगे। जनता की सहमति से चुनाव लड़ेंगे। सियासी जानकारों का कहना है कि आलाकमान वसुंधरा राजे समर्थक माने जाने वाले उम्रदराज नेताओं की जगह युवाओं का टिकट देना चाहता है। लेकिन वसुंधरा राजे समर्थकों को यह स्वीकार नहीं है।

परिवर्तन यात्रा के बाद टिकट होंगे फाइनल
टिकट देने से पहले बीजेपी प्रदेश के चारों दिशाओं से 2 सितंबर से परिवर्तन रैली का आगाज करेगी। खास बात यह है कि परिवर्तन रैली का मुख्य चेहरा इस बार वसुंधरा राजे नहीं है। पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा, नितिन गडकरी और राजनाथ सिंह यात्राओं का आगाज करेंगे। 2 सितंबर से परिवर्तन यात्राएं शुरू होंगी। चार अलग-अलग स्थानों और दिशाओं से सभी 200 विधानसभा क्षेत्रों तक ये यात्राएं पहुंचेंगी। इस दौरान साढे आठ हजार किलोमीटर से ज्यादा का सफर तय किया जाएगा। इन यात्राओं में किसान चौपाल, युवा मोटरसाइकिल रैली, महिलाओं की बैठक और दलित चौपालें भी आयोजित होंगी। माना जा रहा है कि रैली के बाद ही टिकट फाइनल होंगे।

बच्चों को बचाना है तो बंद करनी होंगी कोचिंग की दुकानें

व्यापारी नेता बने कुछ हॉस्टल संचालक उनकी करतूतें मीडिया में उजागर होने से तिलमिलाये हुए हैंसांगोद विधानसभा सीट से कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक भरत सिंह कुंदनपुर ने कहा कि लालचियों ने कोटा को कोचिंग की सबसे बड़ी ‘कोचिंग मंडी’ बना दिया है। अगर कोटा में कोचिंग के बच्चों को मौत को रोकना है तो कोचिंग के नाम पर चल रही यह दुकानें और हॉस्टल बंद होनी चाहिए।

-कृष्ण बलदेव हाडा-
Coaching students suicide case: राजस्थान में कथित रूप से कोचिंग सिटी होने का दम भरने वाले कोटा में कोचिंग छात्रों की बढ़ती आत्महत्या की घटनाओं के बीच प्रशासन तो कुछ नहीं कर पा रहा है। लेकिन जागरूक लोग जिनमें निर्वाचित जनप्रतिनिधि और प्रबुद्ध वर्ग के लोग भी शामिल हैं, वे कोचिंग के इस धंधे के खिलाफ अब अपने स्वर मुखर करने लगे हैं। क्योंकि आत्महत्या की घटनाएं घटने के बजाय लगातार बढ़ती जा रही हैं।

हालांकि हाल ही में जब एक चिकित्सक ने कुछ कोचिंग मालिकों, हॉस्टल-मैस संचालकों की करतूतों की सच्चाई को उजागर किया तो भाजपा के कार्यकर्ता की हैसियत रखने वाले कुछ व्यापारी नेता बनकर घूम रहे हॉस्टल मालिक बिलबिला गए और उस चिकित्सक के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मांग करते हुए दबाव बनाने के लिए एक पुलिस अधिकारी के पास पहुंच गए।

बहरहाल इस बीच कोटा में कोचिंग छात्रों की बढ़ती आत्महत्याओं की घटनाओं से चिंतित कोटा जिले की सांगोद विधानसभा सीट से कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक और पूर्व में कैबिनेट मंत्री रहे भरत सिंह कुंदनपुर ने तो स्पष्ट शब्दों में कहा है कि कोचिंग संस्थानों को बंद कर देना चाहिए। क्योंकि अब यह वक्त आ गया है जब यह दुकानें बंद हो जानी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि कोटा देश में कोचिंग की सबसे बड़ी मंडी है और यहां कोचिंग को शिक्षा के नहीं बल्कि कारोबार के रूप में लिया जा रहा है।

कुछ लोग हर साल करोड़ों रुपए का कारोबार कोचिंग के नाम पर कर रहे हैं। इसके लाभ का बंटवारा बहुत सारे लोग मिलकर कर रहे हैं, जो समय-समय पर इन कोचिंग संस्थानों के संरक्षक भी बन जाते हैं। हॉस्टल संचालक चांदी कूट रहे हैं। नियम-कायदों को ताक में रखकर कोचिंग संस्थानों के संचालन कर रहे कुछ मालिकों की अनैतिक,नियम विरोधी गतिविधियों से किसी को कोई लेना-देना नहीं है। सबका अपना-अपना ऎजेंडा है और सब मिलकर अपना-अपना हिस्सा बराबरी से बांट रहे हैं।

श्री भरत सिंह ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को भेजे एक पत्र में कहा है कि कोटा में जो छात्र कोचिंग करने के लिए आते हैं, उनमें से कुछ इतने दुर्भाग्यशाली होते हैं कि यहां रहकर मिले तनाव से मुक्ति पाने के लिए मौत को अपने गले लगा लेते हैं। बाद में यहां से उनका शव ही वापस लौटता हैं।

श्री भरत सिंह ने मुख्यमंत्री से पूछा-” क्या कोचिंग संस्थानों को बंद कर दिया जाना चाहिए? आप क्या सोचते हैं, मुझे पता नहीं मगर मेरा यह स्पष्ट मत है कि बहुत हो गया। अब यह दुकानें बंद कर देनी चाहिए।” श्री भरत सिंह ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि कोटा देश की सबसे बड़ी कोचिंग मंडी है। इस मंडी में करोड़ों का कारोबार हर साल होता है।

इस धंधे का लाभ सभी प्राप्त कर रहे हैं। बड़ी संख्या में हॉस्टल संचालक नियम, कानून-कायदों को ताक में रख कर इस धंधे में शेयर होल्डर बनकर अपना-अपना हिस्सा हासिल कर रहे हैं। अधिकारी इस शहर में बच्चों को पढ़ाने के हिसाब से अपनी पोस्टिंग कोटा में करवाते हैं तो जिम्मेदार होते हुए भी ये अधिकारी इन कोचिंग संस्थानों के खिलाफ कभी कोई कार्यवाही करने के बारे में सोचते तक नहीं है।

श्री भरत सिंह ने कहा कि-” तनाव के साए में कोचिंग छात्रों का आत्महत्या करना एक सामान्य मामला बन गया है। एक दिन खबर छपती है और अगले दिन तक कुछ शांत हो जाता है। सवाल यह उठता है कि इस समस्या का समाधान कैसे किया जाए? जवाब सीधा सा है कि कोटा में कोचिंग के विस्तार को रोका जाना चाहिए। जिस कोचिंग संस्थान का बच्चा आत्महत्या करता है, उस पर भारी-भरकम जुर्माना लगाया जाए और जुर्माने की यह राशि मृत छात्र के परिवारों को प्रदान की जाए।

नियम विरुद्ध कोटा शहर में बनाए गए हॉस्टलों को बंद किया जाना चाहिए। जो हॉस्टल नियमों का उल्लंघन करके बनाए गए हैं, तो इन्हें बंद क्यों नहीं किया जाता?” उल्लेखनीय है कि झालावाड रोड पर इंद्रप्रस्थ औद्योगिक क्षेत्र उद्योग-धंधों के लिए स्थापित किया था और वहां कई कल-कारखाने मौजूद भी थे, लेकिन कोटा के कोचिंग संस्थान मालिकों, व्यापारियों-कारोबारियों के लालच में कल-कारखाने बंद कर उनकी जगह कोचिंग संस्थान को व्यापारी नेताओं ने हॉस्टल, मैस, होटल बना कर उद्योगों को लगभग बंद कर दिया।

इन हॉस्टल-मैस संचालकों में ज्यादातर भागीदारी व्यापारी नेताओं की ही है जो अपने लालच में कोचिंग छात्रों की मृत्यु की घटनाओं से विचलित हुए बिना अपने कारोबार में लिप्त रहते हैं और उन्हें वह हर व्यक्ति-संगठन अपने विरूद्ध नजर आता है, जो कोचिंग संस्थानों-हॉस्टल संचालकों की मनमानी का विरोध करता है। झालावाड़ रोड पर इंद्रप्रस्थ औद्योगिक क्षेत्र में ज्यादातर कोचिंग संस्थान, हॉस्टल बिना भूमि रूपान्तरण के चल रहे हैं।

कोटा के एक चिकित्सक ने एक टॉक शो में जब हॉस्टल-होटल मालिकों को सच्चाई का आयना दिखाते हुए कोचिंग छात्रों के शोषण के संबंध में गंभीर आरोप लगाए और हॉस्टल मालिकों की गतिविधियों की सच्चाई को उजागर किया तो कोटा के व्यापारी नेता बिलबिला गए और उनका एक प्रतिनिधि मंडल पुलिस अधिकारियों के पास पहुंच गया। एक परिवाद पेश करके चिकित्सक के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग करने लगा।

यह व्यापारी नेता एकजुट ह़़ोकर हमेशा अपने आर्थिक लाभों के लिए पूर्व में भी जिला प्रशासन पर दबाव बनाते रहे हैं और इस बार भी कुछ हॉस्टल संचालकों के काले कारनामों की सच्चाई सामने पेश करने वाले चिकित्सक के खिलाफ यह दबाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं।

हालांकि कुछ कोचिंग संस्थानों-हॉस्टल संचालकों की वजह से कोटा का नाम यश की जगह अपयश की तरफ़ लगातार बढ़ रहा है। राष्ट्रीय स्तर पर मीडिया में कोटा का नाम सुसाइड सिटी के रूप में दर्ज किया जा रहा है, जो यहां के मूल बाशिंदों के लिए चिंता का विषय है।

प्रशासन को इन कुछ स्वार्थी व्यापारी नेताओं के दबाव में आने के बजाय छात्रों के साथ मनमाना व्यवहार करने वाले हॉस्टल संचालकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए। साथ ही उन होटल-मैस और हॉस्टल मालिकों के खिलाफ भी कड़ी कार्यवाही करनी चाहिए, जिन्होंने इंद्रप्रस्थ औद्योगिक क्षेत्र में उद्योगों के लिए रियायती दरों पर आवंटित किए गए भूखंडों पर अब कल-कारखानों की जगह अपने हॉस्टल-होटल स्थापित कर दिए हैं।