भारतीय सरसों खली की विदेशों में बढ़ी मांग, निर्यात के रिकॉर्ड टूटेंगे इस बार

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नई दिल्ली। Mustard meal export: चालू रबी सीजन सरसों की फसल के लिए काफी अच्छा साबित हो रहा है। इस सीजन में सरसों की बोआई, उत्पादन और सरसों खली निर्यात के सारे रिकॉर्ड टूट सकते हैं। इस वित्त वर्ष सरसों खली (mustard/rapeseed meal) का निर्यात दोगुने से भी ज्यादा बढ़ने की संभावना है।

साथ ही अब तक सबसे ज्यादा सरसों खली निर्यात होने का अनुमान है। भारतीय सरसों खली के दाम अंतरराष्ट्रीय बाजार में प्रतिस्पर्धी हैं। इसलिए भारतीय खली की निर्यात मांग तेजी से बढ़ रही है। देश में सरसों की रिकॉर्ड बोआई के बाद इसका उत्पादन भी अब तक सबसे ज्यादा होने की उम्मीद है।

वर्ष 2022-23 के दौरान भारतीय सरसों खली की मांग अंतरराष्ट्रीय बाजार में खूब है। सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (SEA) के कार्यकारी निदेशक बी वी मेहता ने बताया कि इस समय भारत दक्षिण कोरिया, वियतनाम, थाईलैंड और अन्य देशों को 255 डॉलर प्रति टन एफओबी के प्रतिस्पर्धी भाव पर सरसों खली निर्यात कर रहा है। यूरोपियन देशों की खली के भाव 405 डॉलर प्रति टन है। भारतीय सरसों खली सस्ती होने से इसका निर्यात तेजी से बढ़ रहा है।

SEA के आंकड़ों के मुताबिक भारत ने वर्ष 2022-23 की अप्रैल-दिसंबर अवधि में 16.71 लाख टन सरसों खली का निर्यात किया है, जो पिछली समान अवधि के निर्यात 7.13 लाख टन से दोगुने से भी अधिक है। यह पिछले वित्त वर्ष निर्यात हुई कुल 11.13 लाख टन सरसों खली से भी 50 फीसदी अधिक है। साथ ही सरसों खली निर्यात ने वर्ष 2011-12 के पिछले रिकॉर्ड 12.48 लाख टन को भी तोड़ दिया है।

चालू वित्त वर्ष के 9 महीनों में 16.71 लाख सरसों खली निर्यात के हिसाब से हर माह 1.85 लाख टन सरसों खली निर्यात हो रही है। इस आधार पर बचे 3 महीने में 5.57 लाख टन सरसों खली और निर्यात होने की संभावना है। इस तरह देखा जाए तो चालू वित्त वर्ष के दौरान 22.28 लाख टन सरसों खली निर्यात हो सकती है, जो पिछले वित्त वर्ष के कुल निर्यात से दोगुनी और अब तक रिकॉर्ड सरसों खली निर्यात से भी दोगुनी से थोड़ी कम है।

निर्यात 20 लाख टन पार कर सकता है
सेंट्रल ऑर्गेनाइजेशन फॉर ऑयल इंडस्ट्री एंड ट्रेड (COOIT) के चेयरमैन सुरेश नागपाल कहते हैं कि चालू वित्त वर्ष में सरसों खली का रिकॉर्ड निर्यात होगा और यह 20 लाख टन पार कर जाएगा।

रिकॉर्ड बोआई और पैदावार की संभावना
किसानों ने चालू रबी सीजन में सरसों की बोआई पर खूब जोर दिया है। जिससे इस साल सरसों का रकबा रिकॉर्ड स्तर तक पहुंच गया है। इस रबी सीजन में 20 जनवरी तक सरसों 97.10 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल में बोई गई है, जो अब तक का रिकॉर्ड है। तिलहन उद्योग के मुताबिक इस सीजन रिकॉर्ड रकबा के बाद सरसों का उत्पादन भी नई ऊंचाई छू सकता है।

130 लाख टन उत्पादन अनुमान
अखिल भारतीय खाद्य तेल व्यापारी महासंघ के अध्यक्ष शंकर ठक्कर कहते हैं इस समय मौसम सरसों की फसल के अनुकूल है। आगे भी मौसम अनुकूल रहने पर इस रबी सीजन में 125 से 130 लाख टन सरसों का उत्पादन हो सकता है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2021—22 में सरसों का उत्पादन करीब 117 लाख टन था।