नई दिल्ली। महिलाओं की तुलना में पुरुषों में कोविड-19 से मृत्यु का जोखिम 30 फीसदी अधिक होता है। यह शोध ‘क्लिनिकल इन्फेक्शियस डिजीज’ नामक पत्रिका में प्रकाशित हुई थी। अब एक नए शोध में यह दावा किया जा रहा है कि जिन महिलाओं को पीसीओएस (PCOS) यानी पॉलिसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम नाम की बीमारी है, उन्हें कोरोना से संक्रमित होने का खतरा अधिक होता है। ब्रिटेन के बर्मिंघम विश्वविद्यालय के नेतृत्व में किए गए इस शोध को हाल ही में यूरोपियन जर्नल ऑफ इंडोक्रिनोलॉजी में प्रकाशित किया गया था।
दरअसल, इस अध्ययन में शोधकर्ताओं ने पॉलिसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम और कोविड-19 के बीच संबंधों की जांच की। इस दौरान पीसीओएस से ग्रसित 21,292 महिलाओं की तुलना 78,310 वैसी महिलाओं से की गई, जो समान उम्र की ही थीं, लेकिन उन्हें यह बीमारी नहीं थी। इस अध्ययन के नतीजों से पता चला कि जो महिलाएं पॉलिसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम से ग्रसित थीं, उनके स्वस्थ महिलाओं की अपेक्षा कोरोना से संक्रमित होने का खतरा 51 फीसदी अधिक था।
क्या है पॉलिसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम?
यह महिलाओं के अंडाशय (ओवरी) से जुड़ी एक गंभीर बीमारी है। इसकी वजह से महिलाओं के शरीर में हार्मोन का संतुलन बिगड़ जाता है, जिससे गर्भधारण करने में मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। भारत समेत दुनियाभर में इससे पीड़ित महिलाओं की संख्या बढ़ रही है।
पॉलिसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम के लक्षण
- अनियमित माहवारी
- अधिक रक्तस्राव
- अनचाहे बालों का बढ़ना यानी महिलाओं के चेहरे और शरीर पर पुरुषों की तरह की बालों का बढ़ना
- मुंहासे अधिक निकलना
- वजन बढ़ना
- सिरदर्द, अनिद्रा
बर्मिंघम विश्वविद्यालय के प्रोफेसर और वरिष्ठ शोधकर्ता डॉ. कृष निरंथराकुमार कहते हैं, ‘पॉलिसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम से पीड़ित महिलाओं को मानसिक स्वास्थ्य की रक्षा करने की आवश्यकता पर गंभीरता से विचार करना चाहिए, क्योंकि ऐसी महिलाओं में चिंता और अवसाद सहित मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं का जोखिम काफी अधिक होता है। इसलिए कोरोना से बचने और सुरक्षित शारीरिक दूरी जैसे नियम का पालन करना बहुत ही जरूरी है।’